राहुल गांधी के प्रकरण में कूदे विदेशी, भाजपा ने कहा “भारत विदेशी प्रभाव को सहन नही करेगा”

राहुल गाँधी प्रकरण में विदेशी दखल !

disqualification of Rahul Gandhi

Germany reacts to Rahul Gandhi disqualification: कांग्रेस नेता राहुल गाँधी भारत जोड़ों यात्रा की  अपार असफलताओं के बाद विदेश की यात्रा पर निकल गए थे। जहां उन्होंने जमकर भारत में लोकतंत्र के खतरे का रोना रोया। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में कांग्रेस के युवा नेता राहुल गाँधी ने दावा किया कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। मोदी सरकार पर विदेशी धरती से उन्होंने कई गंभीर आरोप भी लगाए। जिसके उपरांत राहुल गाँधी ने भारत विरोधी दुष्प्रचार करके मोदी और भारत विरोधी ताकतों को माहौल बनाने का मौका दे दिया है।  वामपंथी मीडिया द टेलीग्राफ ने एक लेख में लिखा है कि भारत में अल्पसंख्यों के साथ अच्छा व्यवहार नही हो रहा है और भी भारत के विरोध में बातें की गई। अब जब राहुल गाँधी विदेश से वापस  लौटे तो उनपर उनके पुराने कारनामों के कारण एक भयंकर संकट आ गया और उनकी संसद से सदस्यीता चली गई।

ऐसे में  राहुल गाँधी की सदस्यता जाने के प्रकरण (disqualification of Rahul Gandhi) में भी विदेशियों की एंट्री हो गई है। राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर पहले अमेरिका का भी बयान आया था। जहां अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा  कानून का शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान किसी भी लोकतंत्र का आधार होता है और हम भारतीय अदालतों में चल रहे राहुल गांधी के केस को देख रहे हैं… अमेरिका अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकारों की सुरक्षा और लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति साझा प्रतिबद्धता को लेकर भारत के साथ है।

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राहुल गाँधी प्रकरण में जर्मनी का दखल 

जिसके बाद इस disqualification of Rahul Gandhi पर जर्मनी का भी बयान भी सामने आया है। जर्मन विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा,’हमने भारत में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ आए कोर्ट के फैसले के साथ-साथ उनकी संसद से सदस्यता रद्द होने के मामले पर ध्यान दिया है… हमें जो जानकारी मिली है उसके अनुसार राहुल गांधी इस फैसले के खिलाफ अपील करने की स्थिति में हैं…’ उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने  जर्मनी का धन्यवाद दिया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी के उत्पीड़न के जरिए भारत में कैसे लोकतंत्र के साथ समझौता किया जा रहा है, इसका संज्ञान लेने के लिए जर्मनी के विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर का शुक्रिया।’

जिसके उपरांत  भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू कांग्रेस नेता के ट्वीट पर पलटवार किया है। उन्होंने लिखा, ‘भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए विदेशी ताकतों को बुलाने के लिए राहुल गांधी का धन्यवाद। याद रहे कि भारतीय न्यायपालिका पर विदेशी दखल का असर नहीं होगा। भारत विदेशी प्रभाव को अब और बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।’

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Disqualification of Rahul Gandhi: बीजेपी हुई हमलावर

जिसके बाद भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू कांग्रेस नेता के ट्वीट पर पलटवार किया है। उन्होंने लिखा, ‘भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने के लिए विदेशी ताकतों को बुलाने के लिए राहुल गांधी का धन्यवाद। याद रहे कि भारतीय न्यायपालिका पर विदेशी दखल का असर नहीं होगा। भारत विदेशी प्रभाव को अब और बर्दाश्त नहीं करेगा, क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।’

ज्ञात हो कि अभी हाल ही में वैश्विक स्तर पर एकजुट हो रही वैश्विक शक्तियों को लेकर बयान दिया था। जहां उन्होंन कहा था। पीएम मोदी ने बिना राहुल गाँधी का नाम लिए कहा कि विश्व के मंच पर किसी का डंका बज रहा है तो वह है भारत। ऐसे में देश के अंदर और बाहर की भारत विरोधी शक्तियां एकजुट हो रही हैं। भारत को रोकने के लिए संवैधानिक संस्थाओं पर चोट की जा रही है, उन्हें बदनाम किया जा रहा है, विश्वसनीयता खत्म करने की कोशिश की जा रही है।

अब ऐसे में भारत के आंतरिक मामलों में वैश्विक शक्तियों का कूदना साफ तौर पर उनकी बौखलाहट को ही दर्शाता है।

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