लोकतंत्र खतरे में है, जांच एंजेसियां सरकार के दबाव में एक्शन ले रही हैं, सरकार विपक्ष की आवाज को दाबाना चाह रही है। राजनीति के नाम पर बस देश की जनता को यही चंद कथन पिछले कुछ समय से सुनने को मिल रहे हैं क्योंकि विपक्ष की क्षमता बस यहीं तक सिमट चुकी हो है।
पहले भष्ट्राचार करो और फिर एक्शन लिया जाए तो बोल दो सरकार जांच एंजेसियों का गलत प्रयोग कर रही है। बस यही सब तो आता है मानन्य विपक्ष के नेताओं को। लेकिन अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश को कुछ नया जानने का अवसर प्रदान किया है। जिसे जानना अत्यंत आवश्यक है।
इस लेख में पढिये कैसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकतंत्र के खतरे तथा जांच एंजेसियों के दुरुपयोग के आरोपों के साथ छाती पीटने वालों को एक बार में बुरी तरह परास्त किया है।
दरअसल, जांच एंजेसियों के प्रहारों से बच पाना भष्ट्राचारियों और अपराधियों की क्षमता से बाहर की बात हो गयी है। क्योंकि जांच एंजेसियों ने आम से खास तक किसी को भी नही बक्शा।
अब जिसे अपने देश के बड़े राजनीतिक घराने और सत्त में मिली कुर्सी पर बैठेहोने का गुरुर हो उसे अपने ऊपर हुई कार्रवाई कैसे रास आ सकती है। यही रोग आज विपक्ष के मानन्यों को लगा हुआ है।
सीएम केजरीवाल के मंत्री भष्ट्राचार के मामले में संलिप्त पाए जाते हैं और उनपर कड़ी कार्रवाई की जाती है। तो आम आदमी पार्टी के नेता गंभीर आरोप लेकर मैदान में उतर जाते हैं उनके साथ पूरी लिबरल लॉबी जांच एंजेसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने लग जाती है।
अब जिन जांच एंजेसियों का काम ही भष्ट्राचार के विरुद्ध कार्रवाई करना है तो उनका दुरुपयोग कैसा?
ठीक ऐसे ही जब गाँधी परिवार के राजकुमार राहुल गाँधी को उनके पुराने कारनामे के दोषी पाए जाने के लिए दंडित किया जा रहा है तो यही काम कांग्रेस के साथ संपूर्ण विपक्ष करने लगता है।
अब दोषी को दंडित किया जाए इससे बढिया देश के लिए क्या हो सकता है? अगर आप दोषी नही हैं या आपने भष्ट्राचार नही किया तो हमारे देश में न्यायलय भी है जहां जाकर अपना पक्ष रख सकते हैं। लेकिन ये कर लेगें तो फिर एंजेडा कैसे चलेगा।
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गृह मंत्री अमित शाह ने किया बड़ा खुलासा
अब इन सब आरोप प्रत्यारोप के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा खुलासा किया है। जिसने यूपीए सरकार के कार्यकाल की पोल खोलकर रख दी है। दरअसल, देश के गृहमंत्री अमित शाह ने एक टीवी कार्यक्रम में कांग्रेस के शासन के समय अपने ऊपर किए गए टार्चर का स्मरण किया। उन्होंने खुलासा किया कि केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए दबाव डाला गया था।
उन्होंने कहा, जब वो गुजरात के गृहमंत्री थे तो उन दिनों देश में कांग्रेस केंद्र की सत्ता में थी और सीबीआई ने उसके इशारे पर उनके खिलाफ केस दर्ज करके उनको बहुत टॉर्चर किया था। साक्षात्कार के समय केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने साक्षात्कार में जांच एंजेसियों के दुरुपयोग के सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में उन पर केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए दबाव डाला गया था।
उन्होंने कहा कि सीबीआई यूपीए सरकार के समय कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी (जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे) को फंसाने के लिए मुझ पर दबाव बना रही थी।
उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भाजपा ने कभी हंगामा नहीं किया। सूरत कोर्ट द्वारा मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं जिन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है और जिन्होंने लोकसभा की सदस्यता खो दी है।
उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट में जाने के बजाय राहुल गांधी और कांग्रेस वाले हो-हल्ला करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि मैं जब गिरफ्तार हुआ और तीन महीने तक जेल में रहा तब भाजपा ने काले कपड़े पहनकर कहीं भी प्रदर्शन नहीं किया था और ना ही हमने हाय-तौबा की थी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राहुल गाँधी नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने के बजाय ऊंची अदालत में जाना चाहिए और केस लड़ना चाहिए। जिस कानून की यहां बात हो रही है, उसका प्रावधान है कि किसी सांसद को 2 साल की सजा होती है उसे 3 महीने का समय मिलेगा अपनी सजा को स्टे कराने का। लेकिन जो अदालत सजा दे रही है, उसके पास ये पावर नहीं है कि व्यक्ति के दोष पर स्टे लगाया जा सके।
कांग्रेस गलत बातें फैला रही हैं। दोष पर स्टे नहीं लगाया जा सकता है। सजा पर लगाया जा सकता है। अगर अदालत रोक लगाती है तो सजा को रोका जा सकता है। गृहमंत्री ने कहा- राहुल ने अभी तक सजा पर रोक के लिए अपील नहीं की है। उन्होंने प्रश्न खड़ा किया कि ये कैसा घमंड है? आप सांसद भी बने रहना चाहते हैं और कोर्ट भी नहीं जा रहे हैं। इतना घमंड आप में कहां से आ गया?
राहुल गाँधी कि सदस्यता जाने के बाद लोकतंत्र के खतरे का रोना रोने वालों को भी गृह मंत्री अमित शाह ने आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र तब खतरे में नहीं पड़ा था, जब लालू यादव की सदस्यता गई थी।
गांधी परिवार के सदस्य की मेंबरशिप गई तो लोकतंत्र पर खतरा मंडराने लगा। अब उन पर बात आई है तो वो चाहते हैं कि गांधी परिवार के लिए कानून बनाया जाए। मैं लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या किसी एक परिवार के लिए अलग कानून होना चाहिए। उन्होंने प्रश्न खड़ा किया कि ये किस तरह की मानसिकता है?
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केजरीवाल को भी धोया
साक्षात्कार के समय जांच एंजेसियों के दुरुपयोग का फूट फूटकर रोना रोने वाले केजरीवाल को भी गृहमंत्री अमित शाह नही बक्शा उन्होंने कहा कि केजरीवाल रोज छाती पीटते हैं…कि सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया निर्दोष हैं।तो केजरीवाल बताएं- ये जेल में क्यों हैं?
ज्ञात हो कि कुछ कुछ समय से विपक्ष और लिबरल लॉबी के द्वारा हमारे देश की जांच एंजेसियों, चुनाव आयोग और तमाम संस्थाओं को बदनाम करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। अगर किसी पार्टी का कोई भष्ट्रचार के मामले में संतलिप्त पाया जाता है। तो एक बड़ा समूह पूरे देश में भष्ट्राचार के समर्थन में खड़ा होकर केंद्र सरकार और जांच एंजेसियों पर ही उंगूली उठाने लग जाता है। ऐसे विपक्ष और लिबरल लॉबी को सबक सिखाना गृह मंत्री अमित शाह ने भी उचित समझा और कांग्रेस को उसके द्वारा पूर्व में अपनी सरकार की सत्ता के समय किए गए कारनामों से अवगत कराया। वहीं केजरीवाल से भी पूछ लिया कि भई जब तुम्हारा मनीष सिसोदिया और सतेंद्र जैन निर्दोष हैं तो वो जेल में क्यों है?
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