रेलवे घोटाला बिहार: घोटालों से बिहार के यादव परिवार का अजब ही नाता रहा है। चारा घोटाला से लालू यादव की प्रतिष्ठा पर जो बट्टा लगा, वह किसी से छुपा नहीं है।
अब ऐसा प्रतीत होता है कि एक और घोटाला का साया जल्द ही यादव परिवार पर पड़ने वाला है, और बिहार रेलवे घोटाला यादव परिवार के लगभग हर सदस्य को लपेटे में लेगा।
वो कैसे? असल में 2022 से जिस रेलवे घोटाले के पीछे तेजस्वी यादव को लपेटे में लिया गया है, उसमें जांच एजेंसियों, जैसे सीबीआई एवं ED ने पुनः पूछताछ का सिलसिला प्रारंभ किया है। असल में रेलवे भर्ती से संबंधित घोटाले में सीबीआई और ED काफी समय से जांच कर रही है, विशेषकर उस समय की, जब लालू यादव रेलमंत्री थे।
7 मार्च को नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में सीबीआई ने पूर्व रेल मंत्री और आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव से पूछताछ भी की। लालू का हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है।
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इसके पहले 6 मार्च को सीबीआई बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची थी। सीबीआई ने राबड़ी देवी से करीब 4 घंटे पूछताछ की थी.
सीबीआई के पहुंचने पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर ही मैंने कहा था कि यह सिलसिला चलता रहेगा। आप बीजेपी के साथ रहेंगे तो राजा हरिश्चंद्र बन जाएंगे, परंतु बिहार की जनता सब देख रही है।
एक तो पहले ही बिहारियों पर तमिलनाडु द्वारा किये जा रहे अत्याचार पर तेजस्वी के निरंकुश व्यवहार और इसे प्रकाश में लाने वाले पर अनुचित कार्रवाई ने उसे कोपभाजन का केंद्र बना दिया है, ऊपर से बिहार रेलवे घोटाला में इनका नाम सामने आने पर स्थिति इनके लिए और अधिक कष्टकारी हो रही है।
यदि साक्ष्य इनके विरुद्ध सिद्ध हो जाते हैं, तो इन्हे जेल जाने से शायद ही कोई रोक पाए।
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