The Assam-Arunachal Pradesh border dispute: पीएम मोदी ने अपनी एक जनसभा में नॉर्थ ईस्ट को लेकर कहा था कि लंबे समय तक जिन दलों की यहां सरकारें रहीं, उनकी नॉर्थ ईस्ट के लिए डिवाईड की सोच थी और हम डिवाइन का इरादा लेकर आए हैं। उन्होंने कहा था कि अलग अलग समुदाय हों या फिर अलग अलग क्षेत्र हम हर प्रकार के डिवीजन को दूर कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि हम विवादों के बोर्डर नही बल्कि विकास के कॉरिडोर बना रहे हैँ। जहां अब लगभग 50 वर्ष पुराना असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच का विवाद (Assam-Arunachal Pradesh border dispute) हल करने का वादा भाजपा सरकार ने पूर्ण कर दिया है। दरअसल,द केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में गुरुवार को एक समझौता ज्ञापन पर दोनों राज्य के प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किया।
मील का पत्थर सिद्ध होगा ये समझौता – हिमंत बिस्वा सरमा
बता दें कि Assam-Arunachal Pradesh border dispute करीब 800 किलोमीटर की सीमा को लेकर था। इसके बीच में कुल 123 गांव आते हैं। ये विवाद कोर्ट में भी था। गृह मंत्रालय के दखल के बाद अब इसे कोर्ट से बाहर सुलझा लिया गया है। इस विवाद की समाप्ति पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ये समझौता मील का पत्थर सिद्ध होगा। सीएम ने इस समझौते का श्रेय पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को दिया। इससे पहले मार्च 2022 में असम और मेघालय सरकारों ने अपने 50 साल पुराने लंबित Assam-Arunachal Pradesh border dispute को हल करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जो बताता है कि वर्तमान भाजपा सरकार नॉर्थ ईस्ट को लेकर कितनी सजग है।
Also Read: Kamakhya Devi Temple corridor: काशी और उज्जैन के बाद माँ कामाख्या देवी के परिसर का होगा जीर्णोद्धार
TFI का समर्थन करें:
सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।