Kolkata Ram navami violence: कहीं सुने थे, “व्हाट बंगाल थिंक्स टुडे, इंडिया डज़ इट टुमॉरो!”, अर्थात जो बंगाल आज सोचता है, वो भारत कल करता है। अगर इस बात में तनिक भी सत्यता है, तो भारत का भविष्य खतरे में है, क्योंकि बंगाल के तो वारे न्यारे हो चुके हैं।
इस लेख में पढिये कि कैसे बंगाल के पलीते लग चुके हैं, और ममता बनर्जी को रत्ती भर भी अंतर नहीं पड़ता!
Kolkata Ram navami violence केस क्या है?
हाल ही में कोलकाता में रामनवमी पर हुई जबरदस्त हिंसा (Kolkata Ram navami violence) पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) से कराने का निर्देश दिया है। बता दें कि रामनवमी के दौरान राज्य के हावड़ा, हुगली और दलखोला में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा हुई थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने पश्चिम बंगाल पुलिस को दो सप्ताह के भीतर जाँच से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज NIA को सौंपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने सभी संबंधित थानों को दो सप्ताह के भीतर सभी रिकॉर्ड, FIR और सीसीटीवी फुटेज एनआईए को सौंपने का आदेश दिया है।
कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब केंद्र सरकार से NOC मिलते ही NIA मामले की जाँच शुरू कर देगी। दरअसल, उच्च न्यायालय ने यह आदेश शुभेंदु अधिकारी की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। शुभेंदु अधिकारी ने पश्चिम बंगाल में रामनवमी के दिन हुई हिंसा (Kolkata Ram navami violence) की जाँच NIA से कराने की माँग कोर्ट से की थी। इसके पहले कोर्ट ने कहा था, “रिपोर्टों से पता चलता है कि हिंसा के लिए पहले से तैयारी की गई थी। आरोप है कि छतों से पत्थर फेंके थे। जाहिर है कि पत्थर 10-15 मिनट में छत पर नहीं ले जाया जा सकता। यह खुफिया तंत्र की विफलता है।”
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“शोब साजिश होई!”
ये तो कुछ भी नहीं है। कुछ दिनों पूर्व एक कन्या की दुष्कर्म के बाद हत्या के पश्चात जब जांच पड़ताल के लिए आई पुलिस ने निर्ममता दिखाई, तो क्रोधित ग्रामीणों ने उन्हे घसीट घसीटकर मारा। इसके अतिरिक्त एक अन्य स्थान पर एक व्यक्ति ने स्कूल पर धावा बोलकर कई छात्रों को बंधक बनाया।
परंतु इन सब से ममता बनर्जी को कोई अंतर नहीं पड़ता। उनके लिए ये सब तो एक राजनीतिक साजिश है। इनके शब्दों में,
“भाजपा बिहार से गुंडों को बुला कर ये सब करवा रही है। नाबालिग लड़की के मामले के साथ-साथ इस मामले की भी जाँच चलेगी। इससे पहले शव सौंपने के दौरान भी बंगाल पुलिस पर पत्थरबाजी की गई थी। ऐसा करने वालों की संपत्ति जब्त करने और उन्हें गिरफ्तार करने का आदेश पुलिस को दिया है”।
बता दें कि एक वीडियो सामने आने के बाद लोग उग्र हो गए थे, जिसमें पुलिस को लड़की के शव को घसीटते हुए देखा जा सकता सकता है। पुलिस कह रही है कि किशोरी की मौत ज़हरीले पदार्थों के कारण हुई है। मृतका की माँ की शिकायत पर POCSO के तहत केस दर्ज किया गया है। शव घसीटे जाने की घटना के बाद 4 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए थे। अब TMC कह रही है कि भाजपा इस मामले को राजनीतिक रंग दे रही है। इससे पश्चिम बंगाल में बिगड़ती कानून-व्यवस्था का भी पता चलता है।
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कब तक सच से भागेंगी?
हिंसा की घटना का वीडियो भी सामने आया है, जहाँ गुस्साए ग्रामीणों को कोने में दुबके हुए पुलिसकर्मियों की डंडे से पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। प्रदर्शनकारियों ने थाने का भी घेराव किया। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद भीड़ उग्र हो गई और उन्होंने थाने में ही आग लगा दी। इससे पहले भी प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में आग लगा दी थी।
ऐसे में इतना तो स्पष्ट है कि ममता बनर्जी से सत्ता का स भी नहीं संभल रहा, भले ही सत्ता में बने रहने हेतु वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाए। परंतु आखिर कब तक चलेगा, और आखिर कब तक हर अराजक घटना को यह सरकार के विरुद्ध साजिश बता पल्ला झाड़ती रहेगी?
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