भारतीय रेलवे हर दिन अपनी सफलता का नया अध्याय लिख रहा है। एक समय था, जब सफाई, ट्रेन का समय से विलम्ब रहनाऔर अन्य सभी मानकों पर भारतीय रेलवे को निकृष्ट सिद्ध किया जाता था। परंतु 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद परिवर्तन और औचक निर्णय लेने की बयार चल पड़ी। जिसके बाद भारतीय रेलवे में धीरे-धीरे ही सही पर सकारात्मक बदलाव देखे जाने लगे।
]ऐसे साकारत्मक बदलावों के साथ अब भारतीय रेलवे अपनी सफलता के नए अध्याय लिख रहा है। जिसमें उत्कृष्ट भूमिका वंदे भारत ट्रेन निभा रही है। देश की पहली हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन इन दिनों यात्रियों को खूब पसंद आ रही हैं।
राजस्थान को मिली पहली वंदे भारत ट्रेन
जहां बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान की पहली वंदे भारत ट्रेन देकर राज्य को बड़ी सौगात दी है। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जो काम आजादी के तुरंत बाद हो जाने थे, 70 साल के बाद हो रहा है ।
‘वंदे भारत तेज रफ्तार से लेकर खूबसूरत डिजाइन तक से संपन्न है। देशभर में ट्रेन का गौरव गान हो रहा है। वंदे भारत पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन है, जो मेड इन इंडिया है। यह कॉम्पैक्ट और एफिशिएंट है, स्वदेशी सेफ्टी सिस्टम से लैस है। पीएम मोदी ने इस दौरान भारतीय रेलवे को हानि पहुंचाने वाली पूर्व की सरकारों पर तंज कसते हुए कहा कि आज यह ट्रेन भारत को विकसित यात्रा की ओर ले जाएगी।
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उन्होंने यह भी कहा कि देश का दुर्भाग्य रहा कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण व्यवस्था को भी राजनीति का अखाड़ा बना दिया गया। आजादी के बाद राजस्थान को बड़ा रेलवे नेटवर्क मिला था, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ हावी रहा।
देश में इस समय 14 वंदे भारत ट्रेन दौड़ रही हैं। भारतीय रेलवे 2023 तक 75 वंदे भारत ट्रेनों पर पटरी पर उतारना चाहता और इस दिशा में सरकार भी तीव्र गति के साथ कार्य कर रही है।
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