कर्नाटक विधानसभा चुनाव के प्रारम्भिक रुझान आने प्रारंभ हो गए हैं। 10 मई को सम्पन्न हुए चुनावों में 224 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस, भाजपा और जनता दल [सेक्युलर] जैसी कद्दावर पार्टियां अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए अपना पूरा ज़ोर लगा रही थी।
अभी इस समय प्रारम्भिक रुझानों को देखें, तो कांग्रेस भाजपा को पछाड़ती हुई अवश्य दिख रही है, परंतु बहुत बड़े अंतर से नहीं। बहुत दिनों के बाद कांग्रेस को कहीं से खुशखबरी मिली है, क्योंकि चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों की माने, तो कांग्रेस लगभग 110 सीटों पर आगे है। वहीं भाजपा को मात्र 73 सीटों पर बढ़त मिली है। ये तब है, जब प्रचार के अंतिम अभियान में पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर हिमन्ता बिस्वा सरमा, योगी आदित्यनाथ आगे थे।
परंतु कांग्रेस के लिए भी ये खुशखबरी नहीं है। वे अभी भी बहुमत के जादुई आँकड़े, यानि 133 सीटों से दूर है, और अगर
उन्हे सरकार बनानी है, तो उन्हे शायद इस बार भी जेडीएस की आवश्यकता पड़ेगी, जो इस समय 24 सीटों पर आगे है। कांग्रेस के ही शब्दों में, अगर परिणाम यथावत रहे, तो ये एक नैतिक विजय से अधिक न होगा।
वहीं दूसरी, भाजपा को चुनाव के बाद गहन आत्ममंथन की सख्त आवश्यकता है। ये अच्छा है कि ये झटका अभी ही मिल गया। परंतु वास्तविक परिणामों की झलक दोपहर के बाद ही देखने को मिल सकती है, और चुनाव अधिकारियों ने भी इसकी पुष्टि की है।
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