हाल ही में जगन्नाथ यात्रा के दौरान भी डोनाल्ड ट्रम्प से जुड़ा पुराना किस्सा सामने आया, जिसने हिन्दुओं को लुभाया। असल में सन् 1976 में न्यूयॉर्क के मैनहटन में जब जगन्नाथ यात्रा की तैयारियों में दिक्कतें आ रही थीं तब 30 वर्षीय डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी जमीन इस्तेमाल के लिए दी थी।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    सिद्धारमैया के थप्पड़ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    सिद्धारमैया के थप्पड़ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    उत्तर प्रदेश में कबड्डी खिलाड़ी ब्रिजेश सोलंकी की रैबीज से मौत, स्वास्थ्य व्यवस्था में बड़े सवाल

    सिद्धारमैया के थप्पड़ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    सिद्धारमैया के थप्पड़ पर आईपीएस का इस्तीफा बरकरार

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    कांग्रेस नेता ने आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिक्किम को बताया पड़ोसी देश, BJP ने बताया ‘जिन्ना की मानसिकता’

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    देशहित में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘योगदान’ को नापने का ‘पैमाना’ क्या है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    विदेशी निवेश, इनोवेशन और आत्मविश्वास से भारत बन रहा है ग्लोबल लीडर: निवेश सलाहकार मनु सेठ

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    हरियाणा में 1.18 लाख कर्मचारियों की सैलरी में 5% की बढ़ोतरी, आदेश जारी

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत

    कपड़ा उद्योग में ग्लोबल लीडर बनता भारत, कैसे घुटनों पर आया बांग्लादेश

    मारन भाइयों की कहानी

    तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया के ‘पावर प्लेयर्स’: मारन बंधुओं के संघर्ष और विवाद की पूरी कहानी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    डिजिटल इंडिया

    डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी ने बताया देश के सशक्तिकरण की क्रांति का सफर

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    ऑपरेशन सिंदूर का असर: सैटेलाइट ने दिखाया कैसे खाक हुए PoK के आतंकी शिविर?

    अंतरिक्ष रक्षा

    भारत के साथ संघर्ष के दौरान पाकिस्तान को चीनी उपग्रह से मिली खुफिया जानकारी

    रूस और भारत

    विनिर्माण, मुद्रा और नवाचार: आत्मनिर्भर भारत के तीन स्तंभ

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप

    दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

    चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज

    ‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

    ऊटा का कृष्ण मंदिर (Photo - ISKCON/ Vaibhavi Devi Dasi)

    अमेरिका में हिंदू मंदिर पर बड़ा हमला, इस्कॉन मंदिर परिसर को निशाना बनाकर दागी गईं 20-30 गोलियां

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    अमरनाथ यात्रा शुरू: कड़ी सुरक्षा के बीच तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रवाना

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    दलाई लामा का बड़ा ऐलान: अगला उत्तराधिकारी जरूर आएगा, चीन का कोई दखल नहीं होगा

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    संविधान की प्रस्तावना में कैसे आए ‘समाजवादी’ और ‘पंथनिरपेक्ष’ शब्द?

    इस साल अमेरिका में 7,500 नए करोड़पति आएंगे (Photo- Canva)

    इस साल बड़ी संख्या में पलायन करेंगे करोड़पति, जानें कहां बना रहे हैं ठिकाना

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    ‘मुझे पाकिस्तान को प्यार भेजने से कोई नहीं रोक सकता’: नसीरुद्दीन शाह के पाक प्रेम के क्या हैं मायने?

    कुमार विश्वास

    कुमार विश्वास ने सरदार जी3 के लिए दिलजीत को लगाई लताड़

    शेफाली ज़रीवाला

    शेफाली ज़रीवाला का अचानक निधन: ग्लैमर की दुनिया में शोक की लहर

    मलयालम फिल्म उद्योग

    मलयालम फिल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न के सभी 35 मामले समाप्त

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

इस्लामी कट्टरपंथ, मार्क्सवाद, Wokeism… डोनाल्ड ट्रम्प को क्यों ‘अपना’ मानते हैं भारत के लोग, यूँ ही नहीं मना रहे जीत का जश्न

ये 3 बिंदु किसी के समर्थन के नहीं हैं, बल्कि विरोध के हैं। पहला, मार्क्सवाद यानी वामपंथ के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प का विरोध। दूसरा, कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प का रुख। तीसरा, Wokeism यानी अत्याधुनिक दिखने की होड़ में अपनी संस्कृति के विपरीत कार्य करना।

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
6 November 2024
in अमेरिकाज़, भू-राजनीति, विश्व
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

भारत में रह रहा हिन्दू समाज डोनाल्ड ट्रम्प की जीत पर व्यक्तिगत ख़ुशी क्यों मना रहा है? - समझिए

Share on FacebookShare on X

डोनाल्ड ट्रम्प की जीत के बाद भारत का शेयर मार्केट भी उछाल भर रहा है। भारतीय समाज कुछ इस तरह से जश्न मना रहा है, जैसे ये उसके लिए व्यक्तिगत जीत हो। इस दौरान कई तत्व सोशल मीडिया पर ये पूछते भी दिख रहे हैं कि डोनाल्ड ट्रम्प जीते तो अमेरिका में हैं, लेकिन भारत में लोग क्यों ख़ुशी मना रहे हैं? असल में इसका कारण है। अब तक ये साफ़ हो चुका है कि प्रेसिडेंसी, सीनेट और हाउस – इन तीनों पर कब्ज़ा होने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प मजबूती से सत्ता चलाएँगे और हर फैसले पर उनकी ही छाप होगी।

यूँ तो डोनाल्ड ट्रम्प को ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति के लिए जाना जाता है, यानी USA से जुड़े हर वैश्विक करार में अमेरिका का अधिक से अधिक – डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकियों को ख़ुश करने के लिए इस नीति पर चलते हुए दिखते हैं। वो अवैध प्रवासियों को देश से निकाल बाहर करने की नीति पर चलते हैं। इसके बावजूद भारत जैसे देश में लोगों का, ख़ासकर हिन्दुओं का उनकी जीत पर ख़ुश होना – इसके क्या कारण हो सकते हैं? एक कारण ये हो सकता है कि आज का भारत स्पष्टवादी नेताओं को पसंद करता है और इसीलिए यहाँ नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री हैं।

संबंधितपोस्ट

दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

डिजिटल इंडिया के 10 साल: भारत में अमेरिका से 50 गुना सस्ता है 1 जीबी डेटा, जानें अन्य देशों की क्या है स्थिति?

दूसरे देशों से भी सीखे भारत, नकाब पर प्रतिबंध का आ गया समय!

और लोड करें

लेकिन, जहाँ तक मेरी समझ है, मुझे 3 मुख्य बिंदु ऐसे लग रहे हैं जो डोनाल्ड ट्रम्प को भारत में रह रहे हिन्दू समाज से जोड़ते हैं। ये 3 बिंदु किसी के समर्थन के नहीं हैं, बल्कि विरोध के हैं। पहला, मार्क्सवाद यानी वामपंथ के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प का रुख। दूसरा, कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प का रुख। तीसरा, Wokeism यानी अत्याधुनिक दिखने की होड़ में अपनी संस्कृति के विपरीत कार्य करना। ये तीनों ऐसे बिंदु हैं जो भारतीय हिंदू समाज को डोनाल्ड ट्रम्प से सीधे कनेक्ट करते हैं। आइए, एक-एक कर इनकी तहों को खँगालते हैं।

कमला हैरिस को ‘कॉमरेड’ बोलते रहे हैं डोनाल्ड ट्रम्प

सबसे पहले बात करते हैं मार्क्सवाद पर। ये तो जानी हुई बात है कि भारत में हम सब मार्क्सवाद से पीड़ित रहे हैं, हम वामपंथी विचारधारा से पीड़ित समाज हैं। उन्होंने हमारी कई पीढ़ियों को कुछ इस तरह से इतिहास पढ़ाया कि हम इस्लामी आक्रांताओं का तो गुणगान करते हैं लेकिन अपने ही राजा-महाराजाओं को लेकर हीन भावना से भरे हुए हैं। उन्होंने हमें ये पढ़ाया कि हम एक असभ्य समाज थे जिन्हें कभी मध्य एशिया से, कभी अरब से तो कभी यूरोप से आक्रांताओं ने आकर रहना सिखाया। इसीलिए, भारतीय समाज मार्क्सवाद का विरोध पसंद करता है।

अगर आप डोनाल्ड ट्रम्प की रैलियों को देखेंगे तो पाएँगे कि उन्होंने लगातार कमला हैरिस को ‘कॉमरेड’ कह कर संबोधित किया है। ये एक ऐसा शब्द है जिसका इस्तेमाल बिहार के MCC का वो नक्सली भी करता था जिसने ABCD भी न पढ़ रखी हो। डोनाल्ड ट्रम्प ने तो कमला हैरिस को वामपंथी साबित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। अमेरिका का लिबरल गिरोह इसे Red-Baiting कहता है, यानी किसी को वामपंथ से जोड़ कर उसे बदनाम करना। लाल तो वामपंथियों का पसंदीदा रंग है, भारत में भी वामपंथी दलों के नेता एक-दूसरे को ‘लाल सलाम’ कह कर अभिवादन करते हैं।

भारत की जनता, ख़ासकर हिन्दू समाज इन वामपंथी दलों को भी पसंद नहीं करता। त्रिपुरा का उनका किला ढह चुका है, केरल में भाजपा का प्रभाव बढ़ रहा है। JNU में भी अब ABVP पूरा जोर लगा रही है। वामपंथ के अंतिम किले भी ढहने वाले हैं अगले कुछ वर्षों में। असल में अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच जब शीत युद्ध चलता था, तभी से अमेरिका ‘Red Scare’ के साये में रहा है। वहाँ वामपंथियों को लेकर विरोध का भाव रहा है। हिस्पैनिक और लैटिनो अमेरिकी समाज के कई परिवार वामपंथी देशों से पलायन कर के आए हैं, ऐसे में वामपंथ के विरोध में उनका साथ मिलता है।

इनके अलावा जो अमेरिका के बुजुर्ग लोग हैं, उन्होंने शीत युद्ध के दौर को देखा है। अगर सोवियत यूनियन नहीं टूटता तो आज अमेरिका शायद सबसे बड़ी महाशक्ति नहीं होता। ये बुजुर्ग लोग रूस से अब तक नफरत करते हैं। इनलोगों की नज़र में कम्युनिज्म एक बुरी चीज है (जो है भी)। चूँकि डोनाल्ड ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच इस चुनाव में काँटे की टक्कर थी, इसीलिए वोटरों के एक वर्ग को कम्युनिज्म का विरोध कर के अपनी तरफ खींचना डोनाल्ड ट्रम्प को फायदे का सौदा भी लगा। ऊपर से डोनाल्ड ट्रम्प एक उद्योगपति भी हैं और उन्हें दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क का समर्थन हासिल है। मार्क्सवादी विचारधारा अमीरों से संपत्ति छीन लेने को कहती है, ऐसे में डोनाल्ड ट्रम्प का मार्क्सवाद के विरोध में जाना स्वाभाविक है।

कट्टर इस्लामी आतंकवाद का विरोध भारतीयों को लुभाता है

दूसरा बिंदु को डोनाल्ड ट्रम्प को भारतीय समाज से जोड़ता है वो है – कट्टर इस्लामी आतंकवाद। हम इस्लामी आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं। कश्मीर में आज भी जानें जाती हैं और इसके पीछे पाकिस्तान पोषित आतंकी संगठन होते हैं। बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथियों ने ही हिन्दुओं को पलायन के लिए मजबूर किया। इसके अलावा अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद हमने सिखों को अपने माथे पर पवित्र गुरुग्रंथसाहिब लेकर भारत में लौटते हुए देखा। चाहे 26/11 का मुंबई हमला हो या फिर उरी और पठानकोट के हमले, इस्लामी आतंकवाद ने भारतीय समाज को कई घाव दिए हैं। ऐसे में स्वतः ही इस्लामी आतंकवाद का विरोध करने वाले को हम हितैषी मान लेते हैं। इजरायल के साथ भारतीय समाज की सहानुभूति का एक कारण यह भी है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति रहते टेक्सास के हॉस्टन में ‘हाऊडी मोदी’ नामक कार्यक्रम में भारतीय पीएम के सामने खुल कर कहा था कि कट्टर इस्लामी आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका और भारत मिल कर लड़ते रहेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में ही ISIS का मुखिया अबू बकर अल बगदादी मारा गया था। इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प का संबोधन भी वायरल हुआ था, जिसमें वो कहते दिख रहे थे कि बगदादी कुत्ते की मौत मारा गया। भारत के लोग इस्लामी कट्टरपंथ और आतंकवाद के खिलाफ इस तरह की भाषा को पसंद करते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प ने चुनाव से पहले जनता से कहा भी था कि क्या आप ऐसा राष्ट्रपति चाहते हैं जो हजारों इस्लामी कट्टरपंथियों को हमारे देश में घुसाए, या फिर ऐसा जो उन्हें निकाल बाहर करे?

उन्होंने पहले ही ऐलान कर दिया था कि उनके शपथग्रहण के बाद अमेरिका अपने इतिहास का सबसे बड़ा प्रत्यर्पण अभियान चलाएगा। यानी, इस्लामी घुसपैठियों को बाहर भेजा जाएगा। आप देखिए, भारत में भी ये माँग होती रही है। बांग्लादेश से आए घुसपैठिए यहाँ के कई इलाक़ों की डेमोग्राफी बदल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में मस्जिद बना कर हुए अतिक्रमण के खिलाफ हिन्दुओं का तगड़ा विरोध प्रदर्शन चला। मुस्लिम बहुल इलाकों को ‘संवेदनशील इलाका’ और ‘मुस्लिम इलाका’ कह कर संबोधित किया जाता है और वहाँ से गुजरने पर हिन्दू शोभायात्राओं पर हमले होते हैं। पश्चिम बंगाल का मालदा-मुर्शिदाबाद हो, हरियाणा का मेवात या फिर बिहार का पश्चिमांचल जिसमें किशनगंज वगैरह आता है – बदलती डेमोग्राफी के बाद हिन्दू समाज घुसपैठियों को देश से निकाल बाहर करना चाहता है। जब डोनाल्ड ट्रम्प ऐसी बातें करते हैं तो ये समाज उनसे कनेक्टेड महसूस करता है।

Wokeism से लड़ाई का ऐलान तो RSS भी कर चुका है

अब आता है Wokeism. भारत में इसके खिलाफ माहौल इसी से समझ लीजिए कि विजयादशमी के वार्षिक उत्सव के दौरान 100 वर्ष पुराने संगठन RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के मुखिया मोहन भागवत कहते हैं कि भारत को जिन विचारधाराओं से लड़ना है उसमें Wokeism भी है। भारतीय समाज हमेशा से इसके खिलाफ रहा है कि बच्चों को ये पढ़ाया जाए कि वो खुद को स्त्री-पुरुष के अलावा किसी अन्य लिंग से आयडेंटीफाई करें। भारत में इसे मानसिक रोग माना जाता है। किन्नर समाज का यहाँ सम्मान है, शादी-विवाह जैसे शुभ अवसरों पर उन्हें बुला कर सम्मानित किया जाता है और उनका एक अखाड़ा भी है जहाँ सभी साधु-संत किन्नर हैं। लेकिन, आजकल जो LGBTQ वाला चक्कर चल रहा है और इसमें हर साल अंग्रेजी का एक नया अक्षर जुड़ जा रहा है, वो भारतीय समाज को स्वीकार्य नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प इसके खिलाफ बात करते हैं वो इस समाज को अपने लगते हैं।

डोनाल्ड ट्रम्प कह चुके हैं कि अगर कमला हैरिस राष्ट्रपति बनती हैं तो महिलाओं के लॉकर रूम में पुरुष दिखेंगे और महिलाओं के खेल में पुरुष हिस्सा लेते हुए दिखेंगे। हाल ही में इस बहस ने तब और जोर पकड़ा जब Wokeism से सने ओलंपिक ने अल्जीरिया के इमाने ख़लीफ़ को स्त्रियों के मुक्केबाजी टूर्नामेंट में हिस्सा लेने दिया और वो स्वर्ण पदक भी जीत गया। भारत में भी इसका विरोध हुआ, मजाक बना। अब मेडिकल टेस्ट में पुष्टि हुई है कि वो पुरुष है। इसके खिलाफ लड़ाई भारतीय संस्कृति में भी है, डोनाल्ड ट्रम्प भी ये बातें करते हैं। ऐसे में ये चीजें उन्हें भारतीय समाज से जोड़ती हैं।

भारत में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का जश्न क्यों?

और सबसे बड़ी बात, चुनाव से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रम्प ने जिस तरह से बांग्लादेश और दुनिया भर में हिन्दुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार का विरोध किया – उसने भारत में उनके लिए समर्थन की लहर पैदा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि वो वामपंथी और इस्लामी कट्टरता से हिन्दू समाज को बचाएँगे। जब भारतीय समाज देखता है कि यहाँ राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी जैसे बड़े-बड़े नेता हिन्दुओं के लिए आवाज़ नहीं उठाते और विदेश में डोनाल्ड ट्रम्प इसके लिए आवाज़ उठा रहे हैं तो वो उनसे जुड़ाव महसूस करता है। डोनाल्ड ट्रम्प ने जो ट्वीट किया, वैसा ट्वीट करने की हिम्मत भारतीय सत्ताधीशों में भी पूर्व में नहीं रही है।

इसी तरह, डोनाल्ड ट्रम्प इजरायल का खुल कर समर्थन करते हैं। भारत के लोग इजरायल की जिजीविषा से ख़ासे प्रेरित हैं। वो इसकी प्रशंसा करते हैं कि किस तरह छोटे से देश इजरायल में मुट्ठी भर यहूदियों ने स्वयं का अस्तित्व बचाए रखने के लिए बड़े-बड़े इस्लामी मुल्कों से पंगा लिया और खुद को तकनीकी रूप से इतना मजबूत किया कि ईरान-फिलिस्तीन-लेबनान तक उससे काँपते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प इजरायल को बिना शर्त समर्थन की बातें करते हैं, ऐसे में हमें ये भी पसंद आता है। इसीलिए, ये मत पूछिए कि भारत में डोनाल्ड ट्रम्प की जीत का जश्न क्यों मन रहा है।

हाल ही में जगन्नाथ यात्रा के दौरान भी डोनाल्ड ट्रम्प से जुड़ा पुराना किस्सा सामने आया, जिसने हिन्दुओं को लुभाया। असल में सन् 1976 में न्यूयॉर्क के मैनहटन में जब जगन्नाथ यात्रा की तैयारियों में दिक्कतें आ रही थीं तब 30 वर्षीय डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी जमीन इस्तेमाल के लिए दी थी। ‘पेंसिलवानिया रेलरोड यार्ड्स’ का स्वामित्व उन्हीं के पास था और जब कृष्णभक्त उनके पास प्रस्ताव लेकर गए और उन्हें प्रसाद दिया, तब उन्होंने बिना सोचे हाँ कर दिया। पेंसिलवानिया में ही जुलाई 2024 में डोनाल्ड ट्रम्प की हत्या की कोशिश हुई और गोली उनके कान को छूकर निकल गई। हिन्दुओं ने इसे भगवान जगन्नाथ की कृपा बताया। इस नैरेटिव ने भी डोनाल्ड ट्रम्प को भारत व हिन्दू समाज के साथ जोड़ा।

स्रोत: Donald Trump, डोनाल्ड ट्रम्प, हिन्दू, Hindu, US Elections, अमेरिका चुनाव, राष्ट्रपति, President, India, भारत
Tags: AmericaDonald TrumpElection ResultsHinduIndiaUS Presidentअमेरिकी राष्ट्रपतिचुनाव परिणामडोनाल्ड ट्रम्पभारतहिन्दू
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

प्रेसीडेंसी, सीनेट, हाउस-तीनों पर डोनाल्ड ट्रम्प का कब्जा, अमेरिका में 132 साल बाद किसी राष्ट्रपति का ‘कमबैक’

अगली पोस्ट

डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर PM मोदी ने दी बधाई, बोले- साथ मिल करेंगे काम: सोशल मीडिया पर आई मीम्स की बाढ़

संबंधित पोस्ट

दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप
AMERIKA

दो चीनी नागरिकों पर अमेरिकी नौसेना पर जासूसी करने का आरोप : DOJ ने बढ़ते खतरों की दी चेतावनी

2 July 2025

अमेरिका के संघीय अधिकारियों ने दो चीनी नागरिकों पर हाई-प्रोफाइल जासूसी का आरोप लगाया है। उनके खिलाफ अमेरिकी नौसेना में घुसपैठ करने और चीन की...

अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा
विश्व

अंतरिक्ष की ओर पहला कदम: अनिल मेनन होंगे ISS मिशन का हिस्सा

2 July 2025

अमरीका के अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन, जिनका भारतीय और यूक्रेनी वंश है, 2026 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर अपनी पहली यात्रा के लिए तैयार...

चीन में दो सप्ताह तक गायब रहे जिनपिंग, सत्ता परिवर्तन की अटकलें तेज
विश्व

‘2 सप्ताह तक गायब, चीनी मीडिया में चुप्पी और आर्थिक संकट’: क्यों शी जिनपिंग को हटाए जाने की लग रही हैं अटकलें?

2 July 2025

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 21 मई से 5 जून के बीच सार्वजनिक रूप से अनुपस्थिति ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के भीतर आंतरिक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

Kerala Muslim Groups oppose Zumba classes for School Children

00:07:21

Crash or sabotage? Aviation expert on ahmedabad plane crash probe.

00:13:37

Ahmedabad Air India Crash: Was It Sabotage? Major Investigation Underway

00:06:27

10% Seats for Muslims? Shocking Demand from DMK’s ally MMK Ahead of 2026!"

00:04:52

The gulf crossroads: usa stakes, China's money and Iran's nuclear threat.

00:30:34
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited