एक समय, BYJUs का एड-टेक क्षेत्र पर जबरदस्त वर्चस्व था! इनके चिंताजनक प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालने की चेष्टा मात्र करने वालों को खूब प्रताड़ित किया गया और उन्हे कुचलने का प्रयास किया गया, यहां तक कि हमारे अपने टीएफआईपोस्ट जैसे विनम्र संस्थानों को भी। हालाँकि, पासा पलट गया है और BYJUs के कर्म उसी की खबर लेने आई है।
इस लेख में, आइए अपने चक्षुओं से देखे BYJUs के कर्मकांडों का लेखा जोखा, जिसका हिसाब लेने स्वयं केंद्र सरकार मैदान में उतर आई।
बड़ी कष्टकारी यात्रा है ये!
एक अप्रत्याशित निर्णय BYJUs के विरुद्ध केंद्र सरकार ने मोर्चा खोला है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट अफेयर्स द्वारा मांगे गए उनके खाता बहियों का निरीक्षण, उनके ऑडिटर और बोर्ड के सदस्यों का इस्तीफा, और वित्तीय कठिनाइयों की एक श्रृंखला ने एक बार प्रमुख स्टार्टअप को मुश्किल में डाल दिया है।
Trouble continues to mount for ed-tech firm #Byjus
Indian government orders probe against Byju's@ShivanChanana brings you this report
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— WION (@WIONews) July 12, 2023
BYJUs का एड-टेक क्षेत्र पर जबरदस्त वर्चस्व था! इनके चिंताजनक प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालने की चेष्टा मात्र करने वालों को खूब प्रताड़ित किया गया और उन्हे कुचलने का प्रयास किया गया, यहां तक कि हमारे अपने टीएफआईपोस्ट जैसे विनम्र संस्थानों को भी। हालाँकि, पासा पलट गया है और BYJUs के कर्म उसी की खबर लेने आई है।
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नौ की लकड़ी नब्बे खर्च!
BYJUs का वित्तीय संकट भी किसी से नहीं छुपा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) जैसी जांच एजेंसियां कंपनी पर कड़ी नजर रख रही हैं। इसी तरह, टीएफआई में हमने अपना खुद का शोध किया, और परिणाम आशाजनक नहीं थे। BYJUs स्कूल के उस विद्यार्थी की भांति व्यवहार करने लगा, जिसे किसी ने चीटिंग करते धर लिया हो, वो भी फर्रे सहित! सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ ने लिंक्डइन पर अपने वित्तीय परिणामों की तुलना बॉलीवुड फिल्म, ब्रह्मास्त्र से की। ब्लॉकबस्टर का उदाहरण तो एक ब्लॉकबस्टर संस्था ही देगी, नहीं?
परंतु ये कूमेडी यहीं पे समाप्त नहीं हुई। दिव्या गोकुलनाथ ने अपने लंबे पोस्ट में BYJUs की वित्तीय स्थिति को लेकर सनसनीखेज सुर्खियों पर अफसोस जताया। उन्होंने दावा किया कि वित्त वर्ष 2022 में कंपनी की वृद्धि और घटे घाटे को आसानी से नजरअंदाज कर दिया गया। हालाँकि हम कथा को पुनर्निर्देशित करने के उनके प्रयास की सराहना करते हैं, लेकिन पिछली चिंताओं को खारिज करने के बाद सनसनीखेजता के बारे में शिकायत करने वाले BYJUs की विडंबना को नजरअंदाज करना कठिन है।
अनुकूलन और आकार घटाना – BYJUs शैली में!
अपने डूबते नैया को पार लगाने हेतु, BYJUs ने अपनी मार्केटिंग और परिचालन लागत को अनुकूलित करने का निर्णय। वे बड़े पैमाने पर छंटनी में जुट गए, जिसमें 2,500 कर्मचारियों को संभावित रूप से कटौती का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन डरो मत, BYJUs का लक्ष्य नई साझेदारियों के माध्यम से विदेशों में ब्रांड जागरूकता पैदा करना है, यहां तक कि वे अतिरिक्त 10,000 शिक्षकों को नियुक्त करने पर भी विचार कर रहे हैं। ऐसे ही तो बड़ी बड़ी कंपनियां चलती हैं, जैसे सहारा, किंगफिशर और अब BYJUs। BYJUs से स्मरण हुआ, हँसल भाई इसपे वेबसीरीज़ बना रहे हैं न?
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मानो डेलॉइट हास्किन्स एंड सेल्स, उनके ऑडिटर और प्रभावशाली बोर्ड सदस्यों का इस्तीफा पर्याप्त नहीं था, BYJUs ने अपने ही देनदारों में से एक पर मुकदमा करने का फैसला किया। उनके साहस के लिए तालियों की गड़गड़ाहट! ऐसा लगता है कि BYJUs के बीच भरोसा उनके घाटे में कटौती की तुलना में तेजी से कम हो रहा है। जैसे-जैसे सरकारी निरीक्षण और जांच आगे बढ़ रही है, यह देखना बाकी है कि क्या BYJUs अपने जहाज को मोड़ सकते हैं और अपनी खोई हुई विश्वसनीयता वापस पा सकते हैं। परंतु जिस प्रकार की इनकी हरकतें हैं, उसे देख इसकी आशा तो कम ही लगती है!
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