TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    भाजपा का राहुल गांधी पर करारा वार, लोकतंत्र के लिए बताया हानिकाक

    भाजपा का राहुल गांधी पर करारा वार, लोकतंत्र के लिए बताया हानिकारक

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    चुनाव आयोग की राहुल गांधी को दो टूक: घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करें या माफी मांगें

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    राहुल के आरोपों के बीच कीर्ति आज़ाद का कांग्रेस के मतदान चोरी का वीडियो फिर से सुर्खियों में

    भाजपा का राहुल गांधी पर करारा वार, लोकतंत्र के लिए बताया हानिकाक

    भाजपा का राहुल गांधी पर करारा वार, लोकतंत्र के लिए बताया हानिकारक

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ- कपड़ा, आभूषण और मशीनरी निर्यात पर गहरा असर

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद ब्रह्मोस मिसाइलों की बढ़ती मांग, वायुसेना और नौसेना तैयार बड़े ऑर्डर के लिए

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना में हर बटालियन में UAV और ड्रोन सिस्टम शामिल

    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    प्रोजेक्ट-18: भारत का ‘सुपर डेस्ट्रॉयर’ जो बदल देगा समुद्री शक्ति संतुलन

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्योता

    पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति से की बात, द्विपक्षीय सम्मेलन में भारत आने का दिया न्यौता

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    रिकॉर्ड 50% टैरिफ के चलते ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता से किया इनकार

    Amid Trump's tarrif Putin will visit India soon

    अमेरिका का ट्रेड वॉर: संभावनाएं और दुष्परिणाम

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    एससीओ शिखर सम्मेलन: गलवान गतिरोध के बाद पहली बार चीन जाएंगे पीएम मोदी

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    दैनिक जीवन में संस्कृत अपनाएं, यही असली भारतीयता: मोहन भागवत

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    लद्दाख में ISRO का Mini Mars मिशन: होप सिमुलेशन से अंतरिक्ष की अगली छलांग

    क्या है भारत का मिशन HOPE और लद्दाख में क्यों जुटे हैं ISRO के वैज्ञानिक ?

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने रचा इतिहास, बनीं FIDE वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय महिला

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    मेघालय में विवाह से पहले अनिवार्य एचआईवी जांच: क्या कानून वहां सफल होगा जहां संस्कृति असफल रही?

    The Lifecycle of a Betting Line

    The Lifecycle of a Betting Line

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

इस एक जंतु के विनाश से क्या होगा समूल संसार का हाल

इस जंतु के विनाश से होगा समूल संसार खतरे में!

TFI Desk द्वारा TFI Desk
2 August 2023
in ज्ञान
इस एक जंतु के विनाश से क्या होगा समूल संसार का हाल
Share on FacebookShare on X

Bee extinction: जब सूरज उगता है, आकाश को गुलाबी और सुनहरे रंगों से रंगता है, तो आप एक नए दिन के वादे को अपनाने के लिए जागते हैं। ताज़ी कॉफी की सुगंध हवा में भर जाती है, जो मेज पर फैले स्वादिष्ट नाश्ते की सुगंध के साथ मिल जाती है। हाथ में कड़क कॉफी का गरमागरम मग और उदर में तृप्तिदायक नाश्ता लेकर, जब आप अपने कार्यस्थल, स्कूल, या किसी अन्य दैनिक रीति के लिए तैयार होते हैं जो आपका प्रतीक्षा कर रहा है, तो आप संसार का सामना करने के लिए उद्यत प्रतीत होते हैं।

परंतु क्या होगा अगर, एक दिन, यह परिचित दिनचर्या अकस्मात रुक जाए? क्या होगा यदि कॉफ़ी पीने, नाश्ते का आनंद लेने और अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने की सरल प्रसन्नता आपसे छीन ली जाए? एक ऐसे संसार की अकल्पनीय संभावना, जहां जाने के लिए स्कूल न हो, खाने के लिए खाना न हो, यहां तक कि आपकी प्यास बुझाने के लिए तरल पदार्थ भी न हो?

संबंधितपोस्ट

कोई सामग्री उपलब्ध नहीं है
और लोड करें

यह क्रिस्टोफर नोलन द्वारा निर्देशित किसी डिस्टोपियन ब्लॉकबस्टर फिल्म की कथानक नहीं , यह एक आसन्न वास्तविकता है, एक ऐसा भविष्य जो शायद बहुत दूर नहीं है। आश्चर्य की बात है, इस विनाशकारी परिवर्तन को लाने के लिए केवल एक छोटे से प्राणी का अनुपस्थित होना ही पर्याप्त है : मधुमक्खियों का (The risks and dangers of bee extinction)!

हमारे प्राकृतिक प्रवास में मधुमक्खियों का महत्व

मधुमक्खियाँ, वे छोटे लेकिन शक्तिशाली जीव हैं, जो लगन से एक फूल से दूसरे फूल तक उड़ते रहते हैं, परंतु पृथ्वी पर जीवन के नाजुक संतुलन पर उनके गहरे योगदान के बावजूद भी उन्हें अक्सर कम करके आंका जाता है। ये मेहनती कीड़े एपिडे परिवार से संबंधित हैं, एक विविध समूह जिसमें मधुमक्खियां, भौंरा और डंक रहित मधुमक्खियां सम्मिलित हैं। हालाँकि वे प्रकृति के विशाल विस्तार में मात्र बिंदुओं के रूप में दिखाई दे सकते हैं, लेकिन दुनिया के पारिस्थितिक तंत्र और, विस्तार से, हमारे अस्तित्व को बनाए रखने में उनकी भूमिका अति महत्वपूर्ण है.

जब हम अपने दैनिक जीवन में आगे बढ़ते हैं तो उनके महत्व को अनदेखा करना सरल होता है, लेकिन सच्चाई यह है कि मधुमक्खियां वैश्विक खाद्य फसलों के लगभग 75% परागण के लिए जिम्मेदार गुमनाम नायक हैं। हमारी धरती की शोभा बढ़ाने वाले रसदार फलों और रंगीन सब्जियों से लेकर हमारे आहार को समृद्ध बनाने वाले कुरकुरे मेवे और स्वादिष्ट तिलहन तक, मधुमक्खियाँ इन महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों के उत्पादन में अपूरणीय भूमिका निभाती हैं। पराग को एक फूल से दूसरे फूल तक स्थानांतरित करने के उनके अथक प्रयासों के बिना, कृषि और खाद्य सुरक्षा की नींव ही ढह जाएगी।

मधुमक्खियों  द्वारा परागित पौधों की प्रजातियों की विविध श्रृंखला लुभावनी जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देती है जो हमारे ग्रह को हरे, नीले और उनके बीच के हर रंग से रंगती है। मधुमक्खियों के बिना संसार में, अनगिनत पौधों की प्रजातियाँ, जिनमें से कुछ के अस्तित्व के बारे में हम कभी नहीं जानते होंगे, सूख जाएँगी, जिससे बंजर परिदृश्य और शांत जंगल जीवन की जीवंत हलचल से वंचित हो जाएँगे।

इसके अतिरिक्त, मधुमक्खियाँ सहस्राब्दियों से मानव सभ्यता के साथ जुड़ी हुई हैं, जो न केवल हमारे भरण-पोषण में बल्कि हमारी संस्कृति और कल्याण में भी योगदान देती हैं। शहद, मोम, प्रोपोलिस और रॉयल जेली के उनके उत्पादन का उपयोग औषधीय, पाक और व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया गया है, जिससे हमारे जीवन और परंपराएं समृद्ध हुई हैं।

मधुमक्खियों का जीवन चक्र

मधुमक्खियों की कथा 100 मिलियन वर्ष पहले मध्य-क्रेटेशियस अवधि के दौरान शुरू होती है जब फूल वाले पौधे तेजी से विविधतापूर्ण हो रहे थे। फूलों वाले पौधों की उपस्थिति ने कीड़ों के लिए एक अवसर प्रस्तुत किया, और उनमें से, ततैया जैसे पूर्वजों के एक समूह ने इस नए पुष्प बुफ़े में क्षमता की खोज की, जिससे वे मधुमक्खियाँ बनने की दिशा में अग्रसर हो गए जिन्हें हम आज जानते हैं।

विचलन और विशेषज्ञता:

जैसे-जैसे फूल वाले पौधे विकसित हुए, वैसे-वैसे मधुमक्खियों के प्राचीन पूर्वज भी विकसित हुए। लाखों वर्षों में, कुछ ततैया समूहों ने विभिन्न पुष्प संसाधनों को अनुकूलित किया, पराग संग्रह और अमृत खिलाने के लिए विशेष संरचनाएं विकसित कीं। इन अनुकूलनों ने मधुमक्खियों को उनके ततैया पूर्वजों से अलग कर दिया, जिससे वे विशेषज्ञ परागणकों में बदल गईं।

जैव विविधता में योगदान:

मधुमक्खियाँ महत्वपूर्ण परागणकर्ता हैं, जो अमृत की तलाश के दौरान पराग को एक फूल से दूसरे फूल तक स्थानांतरित करती हैं। यह प्रक्रिया कई पौधों की प्रजातियों के प्रजनन के लिए महत्वपूर्ण है, जो जैव विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देती है। मधुमक्खी प्रजातियों की विविधता से विभिन्न प्रकार के पौधों का परागण होता है, जिससे पारिस्थितिक तंत्र का संतुलन और स्वास्थ्य बना रहता है।

वैश्विक मधुमक्खी पालन उद्योग:

मधुमक्खी पालन आर्थिक और पारिस्थितिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, दुनिया भर में 100 मिलियन से अधिक मधुमक्खी के छत्ते हैं। मधुमक्खी पालक परागण सेवाओं और शहद उत्पादन में योगदान करते हैं, लाखों लोगों को आजीविका प्रदान करते हैं और सतत विकास का समर्थन करते हैं।

परागण सेवाएँ:

मधुमक्खियों द्वारा प्रदान की जाने वाली परागण सेवाओं का आर्थिक मूल्य वार्षिक कई सौ अरब डॉलर होने का अनुमान है। मधुमक्खियाँ फसल की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाती हैं, किसानों के लाभ में वृद्धि और समुदायों के लिए स्थिर खाद्य आपूर्ति में योगदान करती हैं।

मानव जीवन पर प्रभाव: 

फल, सब्जियाँ, मेवे और तिलहन सहित लगभग 75% वैश्विक खाद्य फसलों के परागण के लिए मधुमक्खियाँ सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। यह सेवा खाद्य सुरक्षा और स्थिर कृषि उद्योग सुनिश्चित करती है। इसके अलावा, मधुमक्खियां विभिन्न औषधीय और व्यावसायिक उपयोगों के साथ शहद, मोम, प्रोपोलिस और रॉयल जेली के उत्पादन में योगदान करती हैं।

Also Read: Morgan Stanley report on India: Morgan Stanley ने स्वीकारा Modinomics का प्रभुत्व!

The risks and dangers of bee extinction: यदि मधुमक्खियाँ गायब हो जाएँ तो क्या होगा?

जैसे-जैसे हम इस कथा (The risks and dangers of bee extinction) में उतरते हैं, हम उन गहन परिणामों को देखेंगे जो तब होंगे जब ये छोटे लेकिन आवश्यक प्राणी हमारे बीच से ओझल हो जाएंगे।

यदि मधुमक्खियाँ पृथ्वी से लुप्त हो गईं, तो परिणाम विनाशकारी होंगे। मधुमक्खियाँ परागण में एक मौलिक भूमिका निभाती हैं, जो पराग यानि पॉलेन को एक फूल से दूसरे फूल में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है, जिससे निषेचन होता है और बीजों का निर्माण होता है। यह महत्वपूर्ण प्रक्रिया फलों, सब्जियों, मेवे और अनाज सहित कई पौधों की प्रजातियों के प्रजनन को सक्षम बनाती है।

मधुमक्खियों के बिना (The risks and dangers of bee extinction), परागण लुप्त हो जाएगा, जिससे वनस्पति पर डोमिनोज़ इफेक्ट पड़ेगा। जैसे-जैसे पौधे प्रजनन करने में विफल होंगे, उनकी संख्या कम हो जाएगी, जिससे मानव अस्तित्व के लिए आवश्यक फसलें और पौधे धीरे-धीरे लुप्त हो जाएंगे।

जैसे ही परागण लुप्त हो जाता है, हमारी खाद्य श्रृंखला की नींव ही ढह जाती है। घटती वनस्पति के साथ, अपने प्राथमिक भोजन स्रोत के रूप में पौधों पर निर्भर रहने वाले शाकाहारी जीवों को घोर संकट का सामना करना पड़ेगा।

एक समय की प्रचुर चरागाह भूमि बंजर भूमि में बदल जाएगी, जिससे शाकाहारी जानवरों को अपने भरण-पोषण खोजने के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। जैसे-जैसे भूख और भोजन की कमी के कारण उनकी संख्या में गिरावट आएगी, शिकारी-शिकार का संतुलन बिगड़ जाएगा, जिससे बड़े पैमाने पर इकोसिस्टम प्रभावित होगा। इसके अलावा, शाकाहारी आबादी में इस गिरावट से खाद्य जाल में हलचल मच जाएगी, जिससे मांसाहारी लोग प्रभावित होंगे जो अपने पोषण के लिए इन शाकाहारी जीवों पर निर्भर हैं।

इस गंभीर परिदृश्य में मानवता एक अभूतपूर्व संकट (The risks and dangers of bee extinction) का सामना करेगी। मान लें कि पूरी दुनिया को जीवित रहने के लिए मांसाहार का सहारा लेना पड़े, लेकिन मधुमक्खियों की अनुपस्थिति और वनस्पति में उल्लेखनीय कमी से खाद्य श्रृंखला में भयावह गिरावट आएगी। जैसे-जैसे शाकाहारी जीव एक-एक करके मरते जाएंगे, ताजे मांस की आपूर्ति भी कम होती जाएगी। हताशा में, मनुष्य अपनी जीवित रहने की प्रवृत्ति को पूरा करने के लिए एक-दूसरे को मारने का सहारा ले सकते हैं, जिससे अराजकता, हिंसा और सर्वनाश की स्थिति पैदा हो सकती है जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।

जैसे-जैसे लोग दुर्लभ संसाधनों के लिए लड़ेंगे, समाज का ताना-बाना बिखर जाएगा, जिससे दुनिया एक बुरे सपने में रूपान्तरित हो जाएगी। इससे स्पष्ट हो जाता है कि मधुमक्खियों की भलाई और परागण का संरक्षण केवल पर्यावरणीय चिंताएं नहीं हैं, बल्कि अस्तित्व संबंधी चिंताएं हैं, क्योंकि इन प्रतीत होने वाले महत्वहीन प्राणियों की अनुपस्थिति हमारे स्वयं के पतन की ओर ले जाने वाली घटनाओं की एक श्रृंखला को जन्म दे सकती है।

यह आवश्यक है कि हम मधुमक्खियों और उनके आवासों की रक्षा के लिए तत्काल और ठोस कार्रवाई करें, क्योंकि उनका अस्तित्व हमारे अस्तित्व में ही जटिल रूप से जुड़ा हुआ है। केवल सामूहिक प्रयासों के माध्यम से ही हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा ग्रह एक जीवंत और समृद्ध घर बना रहे, जो मधुमक्खियों के अद्भुत नृत्य और परागण के जादू से कायम रहे।

TFI का समर्थन करें:

सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की ‘राइट’ विचारधारा को मजबूती देने के लिए TFI-STORE.COM से बेहतरीन गुणवत्ता के वस्त्र क्रय कर हमारा समर्थन करें।

Tags: Biodiversity LossCatastrophic ImplicationsCollapse of CivilizationCountdown to CollapseCritical Organism ExtinctionEcosystem CollapseEcosystem DisruptionEnvironmental ArmageddonExtinction of Small OrganismFragile Ecological BalanceGlobal Ecological CrisisHuman Society in PerilSurvival of HumanityThreat to Human ExistenceUnprecedented Environmental Threat
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

11 Best Song Memes: 11 गीत जो जाने कैसे मीम्स बन गए

अगली पोस्ट

भगवद गीता सभी धार्मिक पुस्तकों का रत्न क्यों है?

संबंधित पोस्ट

भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?
इतिहास

भारत में ‘विश्व मूल निवासी दिवस’ का औचित्य…?

8 August 2025

अगले कल अर्थात शनिवार 9 अगस्त को 'विश्व मूलनिवासी दिवस', विश्व के कुछ हिस्सों मे मनाया जाएगा। वामपंथियों ने, 'फॉल्ट लाईन चौडी करने' की रणनीति...

दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब
चर्चित

दिल्ली में आरएसएस करेगा लोगों से संवाद, संघ प्रमुख देंगे इन सवालों के जवाब

5 August 2025

राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) 26 से 28 अगस्त तक तीन-दिवसीय संवाद कार्यक्रम कर रहा है। आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत इस कार्यक्रम...

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’
इतिहास

सतत सक्रिय, ध्येय साधक और प्रेरणा पुंज ‘हमारे चेतराम जी’

3 August 2025

आज 3 अगस्त है, इसलिए यह लेख एक ऐसे महान व्यक्तित्व के जन्म दिवस पर लिखा जा रहा हैं, जिनके लिए लोगों द्वारा व्यक्त की...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

From jewellery to petroleum, know all about key exports at risk under Trump's 50% tariffs

From jewellery to petroleum, know all about key exports at risk under Trump's 50% tariffs

00:04:28

himalayan fragility exposed. Dharali: Not Just A Cloudburst?

00:20:21

India’s Project-18 Warship Will Crush China’s Indo-Pacific Dreams

00:05:52

PRALAY MISSILE: Know about India’s 5,000 kg Beast That Can Evade Any Radar

00:05:52

Is Congress Against Migrants? Chidambaram Calls Biharis 'Illegal Voters'

00:07:49
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited