वो कहते हैं न, लातों के भूत बातों से नहीं मानते! लगता है इसी नीति का अनुसरण भारत अब कनाडा के लिए करने वाली है! Canada के हास्यास्पद ट्रैवेल एडवाइज़री के उत्तर में भारत ने अपनी Travel advisory निकाली है, जो ट्रूडो प्रशासन के लिए बिलकुल भी गुड न्यूज़ नहीं!
भारत के विदेश मंत्रालय ने Canada में भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए एक विशेष Travel advisory जारी किया है। ये कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित हेट क्राइम्स को रेखांकित करती है, जिसमें भारतीय नागरिकों से उक्त देश में अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया गया है।
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भारत सरकार द्वारा जारी Travel advisory में कहा गया है, “Canada में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से क्षमा किए जाने वाले हेट क्राइम्स और आपराधिक हिंसा को देखते हुए, वहां मौजूद सभी भारतीय नागरिकों और यात्रा पर विचार कर रहे लोगों से अत्यधिक सावधानी बरतने का आग्रह किया जाता है।” ऐसी भाषा पहले पाकिस्तान जैसे आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देशों के लिए आरक्षित थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि ट्रूडो सरकार की हालिया कार्रवाइयों ने कनाडा को इस संबंधित श्रेणी में “प्रमोट” कर दिया है।
India issues advisory for Indian nationals and students in Canada
"In view of growing anti-India activities and politically-condoned hate crimes and criminal violence in Canada, all Indian nationals there and those contemplating travel are urged to exercise utmost caution.… pic.twitter.com/G6cmhSuGfb
— ANI (@ANI) September 20, 2023
इसके अलावा, विदेश मंत्रालय की सलाह Canada जाने की योजना बना रहे भारतीय नागरिकों के लिए विशिष्ट Travel advisory भी प्रदान करती है। भारत विरोधी एजेंडे का विरोध करने वाले भारतीय राजनयिकों और भारतीय मूल के व्यक्तियों पर धमकियों और हमलों को देखते हुए, मंत्रालय कनाडा में हिंसा के इतिहास वाले क्षेत्रों की यात्रा न करने की सलाह देता है।
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एडवाइज़री के अनुसार, “कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों, घृणा अपराधों और आपराधिक कृत्यों के चलते सभी भारतीयों से अपील की जाती है कि वे सतर्क रहें। बीते कुछ समय में भारतीय राजनयिकों और भारत विरोधी एजेंडा का विरोध करने वाले व्यक्तियों को धमकी दी गई”। विदेश मंत्रालय ने भारतीयों से स्वयं को दूतावासों से जुड़े रखने और अपना पंजीयन कराने की सलाह भी दी है। विदेश मंत्रालय ने छात्रों को विशेष रूप से सतर्क रहने और वहाँ सावधानियाँ बरतने को कहा है।
विदेश मंत्रालय की चिंता अकारण नहीं है। कनाडाई संसद में ट्रूडो के बयानों के बाद, गुरपतवंत सिंह पन्नू जैसे खालिस्तानी चरमपंथियों ने एनआरआई (अनिवासी भारतीयों), विशेष रूप से कनाडा में रहने वाले हिंदुओं को चेतावनी जारी की है, कि वे कनाडा छोड़ दें अथवा परिणाम उनके लिए अच्छा नहीं होगा। NCCM ने ‘विश्व सिख संगठन’ (WSO) के साथ मिल कर जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार को भारत के खिलाफ 4 सूत्री माँगों का फरमान सुनाया है। इन माँगों में भारत में कनाडा के राजदूत को तुरंत वापस बुलाना, कनाडा में भारतीय राजदूत को निष्कासित करना, भारत और कनाडा के बीच व्यापारिक वार्ता पर रोक लगाना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाना शामिल हैं।
भारतीय एडवाइज़री से इतना तो स्पष्ट हो चुका है कि कनाडा अपनी विश्वसनीयता धीरे धीरे खोता जा रहा है। जिस प्रकार से वह निस्संकोच भारत विरोधी तत्वों को बढ़ावा दे रहा है, एवं उनके लिए भारत से पन्गा भी मोल लेने को तैयार है, उससे इतना तो स्पष्ट है कि कनाडा के वर्तमान पीएम अपना सुधबुध खो चुके हैं। अगर अब भी नहीं चेते, तो शीघ्र ही वैश्विक स्तर पर कनाडा की जो दुर्गति होगी, उसके लिए वही दोषी होंगे, अन्य कोई नहीं!
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