पीएम मोदी ने कन्हैया लाल मुद्दे पर दिखाया कांग्रेस को दर्पण!

देर आये पर दुरुस्त आये! 

पिछले पांच वर्षों में, राजस्थान ने खुद को अन्य राज्यों के साथ कड़ी प्रतिस्पर्धा में पाया है। हालाँकि, यह प्रतिस्पर्धा बेहतर प्रशासन या ठोस बुनियादी ढाँचे के बारे में नहीं है, बल्कि इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि कौन तुष्टिकरण में अधिक एक्सपर्ट है, राज्य की सुरक्षा और प्रगति जाए भाड़ में!

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चित्तौड़गढ़ में अपने नवीनतम भाषण में इस चिंताजनक स्थिति को संबोधित करने का विकल्प चुना। एक महत्वपूर्ण कदम में, उन्होंने कन्हैया लाल मामले पर खुलकर चर्चा की, जिसने अपनी भयावहता से पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था।

अपने सम्बोधन में पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा, “उदयपुर में जो हुआ उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने कहा कि लोग कपड़े सिलवाने के बहाने आते हैं और बिना किसी डर या खौफ के दर्जी का गला काट देते हैं, इस मामले में भी कॉन्ग्रेस को वोट बैंक नजर आया।  उदयपुर दर्जी हत्याकांड में कॉन्ग्रेस पार्टी ने क्या किया, वोट बैंक की राजनीति के अलावा”? बता दें कि भाजपा की निलंबित नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण कन्हैया लाल तेली की हत्या कर दी गई थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया था।

पीएम मोदी ने कहा, “सीएम अशोक गहलोत को पता है कि कॉन्ग्रेस की विदाई की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। खुद गहलोत जी को भरोसा है कि वो जा रहे हैं और इसीलिए उन्होंने पहले ही भाजपा को बधाई दे दी है। उनकी गुजारिश है कि राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने के बाद उनकी योजनाएं बंद न की जाएँ। मैं सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने के लिए गहलोत जी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि राजस्थान में भाजपा सत्ता में आएगी।”

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इससे पूर्व भी पीएम मोदी ने अप्रत्यक्ष रूप से इस घटना पर चर्चा की थी. हफ्ते भर पूर्व, “राजस्थान में भाजपा सरकार बनने के बाद पेपर लीक माफिया पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले किसी भी माफिया को बख्शा नहीं जाएगा। राजस्थान में निवेश बढ़े, यहाँ नए कारखाने लगें, नई फैक्ट्रियाँ लगे, ये जरूरी है। लेकिन जहाँ कदम-कदम पर करप्शन हो, जहाँ लाल डायरी में काली करतूतें हों, हर कोई कट और कमीशन में व्यस्त हो, वहाँ कौन पैसा लगाना चाहेगा? जहाँ सरेआम गला काटने की घटनाएँ हों और सरकार मजबूर हो, वहाँ कैसे निवेश होगा?”

कन्हैया लाल तो केवल प्रारम्भ था, नूपुर शर्मा द्वारा कथित तौर पर दिए गए बयानों के विरोध में जो इस्लामिस्टों ने उपद्रव मचाया, उसका सबसे अधिक भुक्तभोगी राजस्थान ही था । पीएम मोदी ने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति और आम नागरिकों के जीवन पर इसके प्रभाव को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केवल भाजपा सरकार ही आवश्यक बदलाव ला सकती है और शांति एवं विकास बहाल कर सकती है।

लगता है इस बार पीएम मोदी ने मन बना लिया है कि इस बार चाहे विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव, पार्टी का प्रचार किसी भी प्रकार से फीका नहीं होगा। शायद कर्णाटक चुनाव की असफलता को उन्होंने बहुत गंभीरता से लिया है, इसलिए हर मोर्चे पर वे आक्रामक होने में कोई प्रयास अधूरा नहीं छोड़ा है, और कन्हैया लाल के मुद्दे पर प्रकाश डालकर उन्होंने सिद्ध किया है कि हिन्दुओं के विरुद्ध अत्याचारों को अनदेखा करने की भूल न उनकी पार्टी उठा सकती है, और न ही उनकी सरकार!

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