कभी आम आदमी पार्टी के बैकबोन रहे मनीष सिसोदिया इस समय ऐसे संकट में है, कि यदि आम आदमी पार्टी चाहे भी, तो भी उसे बाहर नहीं निकाल सकती! सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान फैसले में उनकी बेल याचिका पुनः रद्द कर दी, साथ ही फास्ट ट्रैक पर उनकी सुनवाई तेज करने का निर्देश भी जारी किया।
जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की दो जजों की बेंच ने यह अहम फैसला सुनाया। जमानत से इनकार करने के अलावा, उन्होंने मामले को तेजी से निपटाने के महत्व पर जोर दिया, अगर सुनवाई धीमी गति से आगे बढ़ती है तो सिसोदिया के लिए जमानत के लिए फिर से आवेदन करने की संभावना को पहचानना।
जस्टिस खन्ना ने जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 338 करोड़ रुपए के इस लेनदेन का लिंक मिला है, इसीलिए हम सिसोदिया की बेल याचिका को खारिज करते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी और उसकी लीडरशिप पर जोरदार हमला बोला।
#BREAKING #SupremeCourt denies bail to Manish Sisodia in Delhi liquor policy scam case. pic.twitter.com/OnywOQgur0
— Live Law (@LiveLawIndia) October 30, 2023
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विश्लेषण में कई ऐसे पहलू मिले हैं जो संदेहास्पद हैं। जैसे, 338 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाने की बात प्रतीत हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कई कानूनी सवालों के जवाब सीमित तरीके से ही दिए गए हैं। फ़िलहाल तक की जाँच से प्रतीत होता है कि 338 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए।
दिल्ली के आबकारी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज किए जाने पर बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने कहा, “ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने भी मनीष सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है। आम आदमी पार्टी की ओर से किए गए सारे बचाव सुप्रीम कोर्ट में बुरी तरह से फेल रहे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 338 करोड़ रुपए का मनी ट्रेल लिंक जुड़ चुका है। इस मामले में आम आदमी पार्टी पूछ रही थी कि मनी ट्रेल कहाँ है? लोगों को इस झूठ से बरगलाया जा रहा था कि मनी ट्रेल नहीं है, आरोप झूठे हैं, लेकिन वो कब तक झूठ बोलेंगे? तब तक अरविंद केजरीवाल इन लोगों का बचाव करते रहेंगे?”
#WATCH | Delhi: On the Supreme Court rejecting the bail plea of former Delhi Dy CM Manish Sisodia in the Delhi Excise Policy case, BJP leader Shehzad Poonawalla says, "After trial court and high court, now the Supreme Court has also denied bail to Manish Sisodia… All the… pic.twitter.com/Z29QGZ5JzD
— ANI (@ANI) October 30, 2023
बता दें कि 2021-22 के लिए दिल्ली शराब नीति 17 नवंबर 2021 को दिल्ली प्रशासन के दायरे में लागू हो गई। हालांकि, सितंबर 2022 के अंत तक, इसे समाप्त कर दिया गया था। भ्रष्टाचार के आरोपों के बादल उस पर मंडरा रहे थे।
जांच अधिकारियों का दावा है कि इस नई नीति के तहत, निष्पक्षता पर वित्तीय विचारों को प्राथमिकता दी गई। इन एजेंसियों के अनुसार, संशोधित विनियमन से अनजाने में एकाधिकार हो गया, जिससे उन व्यक्तियों को आर्थिक लाभ मिला जो शराब लाइसेंस के लिए पात्र नहीं थे।
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सिसोदिया के खिलाफ आरोपों में दिल्ली शराब नीति से जुड़ी अनियमितताओं में उनकी कथित संलिप्तता से उत्पन्न धन शोधन और भ्रष्टाचार शामिल है। यह नीति, शुरुआत में शराब की बिक्री और वितरण को विनियमित करने के उद्देश्य से लागू की गई थी, लेकिन जल्द ही विवादों में घिर गई।
सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज किए गए दोनों मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाएँ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने 31 मार्च और 28 अप्रैल को खारिज कर दी थी। वहीं, 3 जुलाई को दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में पिछली शराब नीति के कार्यान्वयन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था। इससे पहले, 30 मई को हाईकोर्ट ने शराब नीति के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
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