संदेशखाली मामले पर भाजपा सांसद ने ममता बनर्जी को घेरा, कहा- हिंदू महिलाओं पर ऐसा अत्याचार पाकिस्तान में होता है

हुगली से बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि हमने पाकिस्तान में महिलाओं पर अत्याचार के बारे में सुना था, लेकिन पश्चिम बंगाल में भी ऐसा हो रहा है।

लॉकेट चटर्जी, locket chaterjee, mamta banerjee, संदेशखाली,

पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 24 उत्तरी परगना जिले का संदेशखाली इलाका एक बड़ा राजनीतिक विवाद का केंद्र बना हुआ है। इलाके में टीएमसी नेताओं पर यहां की महिलाओं ने यौन उत्पीड़न के आरोपों लगाए हैं। इस मामले पर भजापा सांसद लॉकेट चटर्जी ने कहा कि इस तरह हिंदू महिलाओं पर अत्याचार पाकिस्तान में होता है। एक ही महिला मुख्यमंत्री है और उसके राज में भी महिला सुरक्षित नहीं है।

वहीं, NCSC (राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग) ने इस मामले में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है। इस विवाद में नए आरोप भी सामने आए हैं, जहां कुछ लोगों का दावा है कि संदेशखाली में टीएमसी का दफ्तर ही शोषण का केंद्र था। प्रदर्शन कर पीड़ित महिलाएं ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ विरोध जता रही हैं। महिलाओं का आरोप है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने उनका यौन उत्पीड़न किया और उनकी जमीनों पर भी कब्जा किया हुआ है।

इस मामले में पुलिस पर भी आरोप लगाया गया है, महिलाओं का दावा है कि उनकी शिकायतों को लिखा नहीं गया और इन्हें धमकाया गया। इस विवाद ने पूरे इलाके को राजनीतिक रंग में रंग दिया है। संदेशखाली विधानसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है, और यहां टीएमसी ने लगातार जीत हासिल की है। यहां के निवासियों की नाराजगी को देखते हुए राज्यपाल और हाईकोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। इसके अलावा, राष्ट्रीय महिला आयोग भी घटनास्थल का दौरा किया है।

इस मामले को लेकर बीजेपी सांसद लॉकेट चटर्जी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सुप्रीमो ममता बनर्जी को घेरा है। उन्होंने कहा कि सीएम ममता वहां पर मुगलिया राज चला रही हैं। उन्होंने डॉन शाहजहां शेख को ऑफिशियल पोस्ट दे दी थी। 

लॉकेट चटर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं का जो अपमान हो रहा है वो कलंक है। संदेशखाली में शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने की मांग 35 साल से हो रही है। वाम सरकार ने भी इसके खिलाफ कुछ नहीं किया था। ममता आईं तो इसको और संरक्षण मिल गया।

लॉकेट चटर्जी ने एक बार फिर उन आरोपों को दोहराते हुए कहा कि शेख शाहजहां रात को महिलाओं को बुलाता था। उनके बच्चों को मारने की धमकी देकर उनका शोषण करता था। दो-तीन दिन बाद जब मन भर जाता था, तब वह छोड़ देता था। पीड़ित महिला जब शिकायत करने जाती थी तो पुलिस बोलती थी कि शेख शाहजहां से परमिशन लेकर आइए।

और पढ़ें:- क्या है संदेशखाली मामला? क्यों उठ रही राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग? 

महिला सीएम के राज्य में ही महिलाएं सबसे ज्यादा असुरक्षित

लॉकेट चटर्जी ने आगे कहा कि ममता बोलती हैं कि किसी को कुछ नही हुआ है। वह देश की एकमात्र ऐसी महिला मुख्यमंत्री हैं, जिनके राज्य में महिला सबसे अधिक असुरक्षित है। हमने पाकिस्तान में महिलाओं पर अत्याचार के बारे में सुना था, पश्चिम बंगाल में भी ऐसा ही हो रहा है और ममता बनर्जी चुप हैं और वह कह रही हैं कि आरएसएस यह सब कर रहा है।”  

‘मामले की जांच NIA करे, आरोपी शेख को मिले फांसी की सजा’

लॉकेट चटर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी ने राज्य को खत्म कर दिया है। अब बम और गोली ही पश्चिम बंगाल की पहचान रह गई है। तृणमूल और ममता बनर्जी महिलाओं के नाम पर कलंक हैं। पूरे देश में पीएम मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को जिस तरह सम्मान मिल रहा है और वह आगे बढ़ रही हैं, वैसा ही सम्मान पश्चिम बंगाल की महिलाएं भी चाहती हैं। मामले की जांच एनआईए से हो और शेख शाहजहां को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य है बंगाल?

साल 2019 में गांव कनेक्शन के एक सर्वे में पाया गया कि देश में पश्चिम बंगाल की महिलाएं खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस करती हैं। 19 राज्यों के 18,267 परिवारों से सर्वे में पूछा गया था कि उनके घर की महिलाएं घर से बाहर निकलते वक्त खुद को कितना सुरक्षित महसूस करती हैं।

सर्वे में सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल की 72.9 फीसदी लोगों ने कहा कि ऐसा माहौल ही नहीं है कि घर से बाहर निकलने पर सुरक्षित महसूस किया जाए। 23.4 फीसदी लोगों ने कहा कि दिन में फिर भी बाहर निकला जा सकता है लेकिन रात में बाहर निकलना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।

NCRB के आंकड़ों में भी बंगाल सबसे आगे

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े मानें तो वो भी कुछ यही तस्वीर बयान करते हैं। एसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, महिलाओं के गुमशुदा (मिसिंग) होने के मामले में पश्चिम बंगाल दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। 

2018 में जहां महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 33,964 महिलाओं के मिसिंग होने की रिपोर्ट दर्ज हुई, वहीं उससे कम जनसंख्या वाले राज्य पश्चिम बंगाल में 31,299 ऐसे मामले दर्ज हुए। इनमें कोलकाता, नादिया, बारासात, बराकपुर, मुर्शिदाबाद में सबसे ज्यादा मामले आए।

इतना ही नहीं महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में भी पश्चिम बंगाल अग्रणी राज्यों में शामिल है। एसीआरबी के अनुसार, 2020 में महिलाओं के खिलाफ सबसे ज्यादा करीब 49 हजार मामले यूपी में देखे गए। इसके बाद दूसरे नंबर यूपी से आधी आबादी वाले राज्य पश्चिम बंगाल (36,439) में आए। 

Exit mobile version