आतंकवाद को पालने वाला देश अब खुद आतंकवाद की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। पाकिस्तान में आम चुनाव चल रहे हैं इसी बीच देश के कई हिस्सो से लगातार बम धमाकों की खबरें भी सामने आ रही हैं। हाल ही में बलूचिस्तान में चुनावी उम्मीदवारों के कार्यालयों को निशाना बनाया गया जिसमें कम से कम 30 लोगों की मृत्यु हो गई है।
उम्मीदवारों पर हो रहे हमले
पाकिस्तान में बुधवार को आम चुनाव से ठीक एक दिन पहले चुनाव में खड़े कई उम्मीदवारों पर हमले हुए हैं। पहली घटना पिशिन जिले में एक निर्दलीय उम्मीदवार असफंदायर खान काकड़ के कार्यलय के बाहर एक भीषण धमाके में 20 लोगों की मृत्यु हो गई और 30 अन्य लोग घायल हो गए।
इस घटना के एक घंटे से भी कम समय में किला अबदुल्ला क्षेत्र में जमीयत उलेमा इस्लाम(जेयूआई) के चुनाव कार्यालय के बाहर एक और बम धमाका हुआ, जिसमें 10 लोगों की मृत्यु हो गई और 22 अन्य घायल हो गए थे।
इसके अतिरिक्त बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (मेंगल) के उम्मीदवार मीर मोहम्मद याकूब के आवास पर भी ग्रेनेड हमला हुआ है। उनके अलावा बुलेदा में पीएमएल-एन उम्मीदवार मीर मोहम्मद असलम बुलेदी के घर पर भी आतंकियों ने हमला किया है।
पंजगुर शहर से भी दो विस्फोटों की सूचना मिली है। नेशनल पार्टी के नेता अब्दुल कादिर सजदी के घर और एक निर्दलीय उम्मीदवार डॉ. नूर बलूच के आवास को निशाना बनाया गया है। साथ ही पीपीपी उम्मीदवार आगा गुल भी अपने घर पर हुए ग्रेनेड हमले में बाल-बाल बच गए हैं।
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राजनीतिक परिदृश्य
पाकिस्तान में राजनीतिक परिदृश्य को देखा जाए तो वह कुछ ठीक नहीं है और अनुमान लगाया जा रहा है कि इन सभी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान में चल रही राजनीति भी एक कारण है। हाल ही में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान को कई मामलो में कारावास की सजा सुनाई गई है सथा ही उन्हें चुनाव लड़ने से भी अयोग्य घोषित कर दिया गया है।
इमरान खान को पाकिस्तान में एक करिश्माई और प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता था। चुनावी मैदान से उनकी अनुपस्थिति ने शक्ति संतुलन को बिगाड़ दिया है जिसका फायदा पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और अन्य राजनीतिक दलों को हो रहा है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति और चुनावी हिंसा पर चिंता व्यक्त की है। कई देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने आतंकवादी हमलों की निंदा की है और मतदाताओं और उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार से आह्वान किया है। इसके अतिरिक्त, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने सुरक्षा सहयोग सहित आतंकवाद से निपटने और स्थिरता को बढ़ावा देने में पाकिस्तान को समर्थन और सहायता देने की पेशकश की है।
पाकिस्तान में क्यो होते हैं आतंकवादी हमले
इसके पीछे एक कारण यह है कि पाकिस्तान में बड़ी संख्या में और तरह-तरह के आतंकवादी संगठन मौजूद हैं, इनमें से कुछ सरकार को अस्थिर करने के लिए सेना के साथ लड़ रहे हैं।
वहीं, दूसरा कारण यह है कि पाकिस्तान का आतंकवादियों के साथ रिश्ते बेहद जटिल हैं। शक्तिशाली सेना कुछ आतंकवादी संगठनों का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करती रही है। यहां कई सरकारों ने कट्टरपंथियों के समर्थन के लिए उनके विचारों को बढ़ावा दिया है। हालांकि अब यह आतंकवादी संगठन खुद पाकिस्तान के लिए ही भस्मासुर बन गए हैं।
पाकिस्तान के हर प्रांत में हैं आतंकी संगठन
साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल (SATP) के मुताबिक, पूरे पाकिस्तान में आतंकी संगठन और आतंकवादी फैले हुए हैं। एक भी प्रांत ऐसा नहीं है, जहां कोई आतंकी संगठन न हो। दिसंबर 2023 में अमेरिकी संसद में पेश एक दस्तावेज में बताया गया था कि पाकिस्तान में पांच तरह के आतंकी संगठन काम करते हैं। पहला- जो दुनियाभर में हमले करते हैं। दूसरा- अफगानिस्तान में हमले करते हैं। तीसरा- कश्मीर में हमले करते हैं। चौथा- पाकिस्तान में ही हमले करते हैं। और पांचवां- जो शिया बहुल इलाकों पर हमले करते हैं।
पाकिस्तान में आतंकवादी पिछले कुछ समय में ही कई बड़े हमले कर चुके हैं, जिसमें सैनिक, पुलिसकर्मी, स्कूली बच्चे और आम लोग मारे गए। इन हमलों के लिए पाकिस्तान की नीतियां ही जिम्मेदार हैं। तो अब पाकिस्तान को समझना चाहिए की जो सांप उसने भारत और अन्य देशों को डसने के लिए पाला था आज वही सांप उसको हर दिन डस रहा है। इसमें नुकसान किसी ओर का नहीं बल्कि पाकिस्तान और वहां रहने वाली जनता का खुद है।