भारत और उसके साथी देशों के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने के लिए विशाखापत्तनम में आयोजित वृहद नौसैन्य अभ्यास मिलान 2024 का आयोजन किया गया है। जो लाल सागर में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और अस्थिर भू-राजनीतिक माहौल के बीच विशेष महत्व रखता है। इस अभ्यास का उद्देश्य देशों के बीच समुद्री सहयोग और सुरक्षा को मजबूत करना है।
इस अभ्यास में लगभग 50 नौसेनाएं शामिल हैं, जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, और मलेशिया सहित अन्य देशों की नौसेनाएं भाग ले रही हैं। इसके अलावा, 15 युद्धपोतों और एक समुद्री गश्ती विमान भी इस अभ्यास में शामिल हैं।
भारतीय नौसेना भी इस अभ्यास में विशेष भूमिका निभा रही है। इसमें विमानवाहक पोत विक्रांत, विक्रमादित्य, लगभग 20 जहाज, और मिग 29के, हल्के लड़ाकू विमान तेजस, पी-8आई लंबी दूरी के समुद्री टोही, और पनडुब्बी रोधी लड़ाकू विमान शामिल हैं।
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मिलान अभ्यास एक द्विवार्षिक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास है जो 1995 में भारत की ‘लुक ईस्ट’ नीति के अनुरूप इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड की भागीदारी के साथ शुरू हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य देशों के बीच समुद्री सुरक्षा और सहयोग को बढ़ावा देना है। इस अभ्यास से संबंधित देशों के बीच विशेष द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का लक्ष्य है।
भारतीय नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने कहा कि “मिलन 2024 का लक्ष्य क्षेत्रीय सहयोग और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना, भाग लेने वाली नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन और समझ को बढ़ावा देना और सर्वोत्तम परंपराओं एवं विशेषज्ञता को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना है।”
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में इस नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत हो चुकी है। कई देशों की नौसेना टीमें पहले ही समुद्री क्षेत्र में पहुंच चुकी हैं। अभ्यास के दौरान, विभिन्न देशों के युद्धपोतों, हेलीकॉप्टरों, हवाई जहाजों का रिहर्सल किया जा रहा है। मिलान 2024 सिटी परेड भी इस अभ्यास का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कि 22 तारीख को होगा। यह शहरवासियों के लिए एक खास मौका होगा जब वे विभिन्न देशों की नौसेना को देख पाएंगे।
विभिन्न देशों के प्रतिनिधि भी इस नौसैनिक अभ्यास के लिए विशाखापत्तनम में पहुंच रहे हैं। अभ्यास का पहला चरण हार्बर चरण 19 से 23 तक है, और दूसरा चरण समुद्री चरण 24 से 27 तक होगा। इस अभ्यास के माध्यम से भारत और अन्य देश साझा सहयोग करके अपनी समुद्री ताकत को बढ़ाएंगे।
विशाखापत्तनम में चल रहे नौसैनिक अभ्यास मिलान 2024 के दो दिनों के रिहर्सलों में शहरवासियों ने बड़ी संख्या में शामिलता दिखाई। इस अभ्यास में भाग लेने वाले नौसेनिक यातायात के प्रमुख आधार, भारतीय नौसेना के विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विराट शामिल हैं। ये दोनों युद्धपोत अभ्यास के मुख्य आकर्षण रहे।
आईएनएस विक्रमादित्य के साथ ही, अन्य उत्कृष्ट विमानवाहक पोत भी अभ्यास में शामिल होंगे। यह अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में देश की समुद्री रक्षा, शक्ति प्रक्षेपण क्षमताओं, और युद्ध कौशल का एक प्रमाण है। मिलान 2024 का यह 12वां संस्करण है, और इसमें भाग लेने वाली नौसेनाएं उन्नत वायु रक्षा, पनडुब्बी रोधी, और सतह रोधी युद्ध अभ्यास का संचालन करेंगी। मिलान 2024 नौसैनिक अभ्यास नौसेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने, समुद्री सुरक्षा में सुधार करने, और समुद्री व्यापार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है।
मिलान 2024 अभ्यास से समय-समय पर आयोजित किए जाने वाले नौसेनिक अभ्यासों के अनुप्रयोगिक लाभ होंगे। यह अभ्यास भारत के साथी देशों के साथ सहयोग और एक-दूसरे के साथ भरोसा बढ़ाने में मदद करेगा और क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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