केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यूको बैंक से जुड़े 820 करोड़ रुपये के संदिग्ध तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) के तहत लेन देन के संबंध में देश के विभिन्न राज्यों में 67 स्थानों पर तलाशी ली।
सीबीआई ने राजस्थान और महाराष्ट्र के सात शहरों में यह तलाशी अभियान चलाया। यूको बैंक से मिली शिकायत पर सीबीआई ने 21 नवंबर, 2023 को मामला दर्ज किया था। सीबीआई आईएमपीएस मामले की जांच कर रही है। यह जांच जारी है।
41,000 से ज्यादा अकाउंट में गलत तरीके से पैसे ट्रांसफर हुए
सीबीआई के मुताबिक 10 से 13 नवंबर, 2023 के बीच सात निजी बैंकों के लगभग 14,600 खाताधारकों से शुरू किए गए आईएमपीएस आवक लेनदेन को 41,000 से अधिक यूको बैंक खाताधारकों के खातों में गलत तरीके से पोस्ट किया गया था।
मूल बैंकों से वास्तविक डेबिट किए बिना यूको बैंक खातों में 820 करोड़ रुपये जमा किए गए। इसका कई खाताधारकों ने फायदा उठाया और विभिन्न बैंकिंग चैनलों के माध्यम से धन निकालकर गलत लाभ कमाया। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।
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2 करोड़ का घोटाला 850 करोड़ पहुंचा
पहले बैंक ने 1.53 करोड़ रुपए की गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। बैंक ने तब स्टॉक एक्सचेंज NSE और BSE को सूचना दी थी कि बैंक में तकनीकी खामी के चलते यह गड़बड़ी हुई थी। 16 नवंबर को NSE और BSE को लिखे लेटर में बैंक ने बताया था कि अकाउंट ब्लॉक कर 820 करोड़ में से 649 करोड़ रुपए रिकवर कर लिए गए हैं।
सीबीआई प्रवक्ता द्वारा जारी बयान के मुताबिक इसी क्रम में सीबीआई ने राजस्थान (जोधपुर, जयपुर, जालौर, नागौर, बाड़मेर, फलौदी सहित) और पुणे (महाराष्ट्र) में व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इस मौके पर 30 संदिग्धों को ढूंढ कर जांच की गई।
क्या बरामद हुआ?
सीबीआई ने इस अभियान के दौरान यूको बैंक और आईडीएफसी से संबंधित लगभग 130 आपत्तिजनक दस्तावेज के साथ 43 डिजिटल डिवाइस (40 मोबाइल फोन, 2 हार्ड डिस्क और 1 इंटरनेट डोंगल सहित) फोरेंसिक विश्लेषण के लिए जब्त किए। इससे पहले सीबीआई ने दिसंबर 2023 में कोलकाता व मैंगलोर में निजी व्यक्तियों और यूको बैंक के अधिकारियों से जुड़े 13 स्थानों पर तलाशी ली थी।
तलाशी अभियान के दौरान सशस्त्र बलों सहित कुल 120 राजस्थान पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था। इसके अलावा 130 सीबीआई अधिकारियों सहित 40 टीमों के 210 कर्मी और विभिन्न विभागों के 80 स्वतंत्र गवाह भी अभियान में शामिल थे।
गलती की वजह साफ नहीं
बैंक ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि खातों में अचानक से इतनी बड़ी रकम कैसे ट्रांसफर हुई, यह मानवीय भूल से हुआ या फिर तकनीकी गड़बड़ी या हैकिंग की वजह से? बैंक का कहना है कि ट्रांसफर हुई रकम में से 79 प्रतिशत रकम यानी 649 करोड़ रुपये वापस आ गए हैं।
हालांकि अभी भी करीब 200 करोड़ रुपये वापस नहीं मिले हैं, जिन्हें वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है। वहीं इस घटना का असर यूको बैंक के शेयरों पर भी बड़ा है। यूको बैंक के शेयर गुरुवार को 1.1 फीसदी गिरकर 39.39 रुपये पर आ गए। बैंक ने घटना की जानकारी जांच एजेंसियों को दी है।
रिजर्व बैंक भी जांच में जुटा
बैंक ने बताया कि उनकी तत्काल भुगतान सेवा में 10 नवंबर से 13 नवंबर तक आंतरिक गड़बड़ी हुई, जिसके बाद बैंक ने अपने तत्काल भुगतान सेवा वाले चैनल को ऑफलाइन कर दिया था। बैंक ने बीएसई को घटना की जानकारी दी है और बताया है कि एहतियाती कदम उठाते हुए बैंक ने उन खातों को ब्लॉक कर दिया, जिनमें गलती से पैसे ट्रांसफर हुए थे।
रिजर्व बैंक भी इस गड़बड़ी के कारण की अपने स्तर पर जांच कर रहा है। यूको बैंक ने कहा है कि उनके अन्य सभी अहम सिस्टम परिचालन में हैं। बता दें कि तत्काल भुगतान सेवा (आईएमपीएस) मंच का संचालन नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) की ओर से किया जाता है।
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