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लोकसभा चुनाव 2024: यूपी भाजपा ने बताई हार की 6 वजहें।

2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व को एक 15-पृष्ठ की रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें हार के कारण बताए गए है।

Akash Gaur द्वारा Akash Gaur
18 July 2024
in राजनीति, समीक्षा
भाजपा, यूपी में भाजपा की हार, लोकसभा चुनाव 2024, हार पर भाजपा की रिपोर्ट
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2024 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने केंद्रीय नेतृत्व को एक 15-पृष्ठ की रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें चुनावों में हुए नुकसान के कारणों का उल्लेख किया गया है। भाजपा ने 2019 के 62 सीटों की तुलना में केवल 33 सीटें जीतीं, जबकि मुख्य प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2019 के 5 सीटों से बढ़कर 37 सीटें जीतीं। इसके साथ ही, भाजपा का वोट प्रतिशत भी 8% गिर गया।

इस हार के कारणों की तलाश में पार्टी ने लगभग 40,000 लोगों से फीडबैक लिया और छह मुख्य कारणों बताए हैं। ये कारण इस प्रकार हैं:

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1. पेपर लीक:

पिछले तीन वर्षों में उत्तर प्रदेश में कम से कम 15 पेपर लीक की घटनाएं हुईं, जिससे युवाओं में असंतोष उत्पन्न हुआ। ये वही युवा हैं जो पहले भाजपा का समर्थन करते थे, लेकिन अब पार्टी से दूर हो गए हैं। परीक्षा और रोजगार की प्रक्रिया में ऐसी घटनाओं ने युवाओं के विश्वास को तोड़ा है।

2. संविदात्मक भर्ती:

उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी हमेशा से एक प्रमुख चुनावी मुद्दा रहा है। युवाओं को सरकारी नौकरियों में स्थायी भर्ती की अपेक्षा थी, लेकिन सरकार द्वारा संविदात्मक भर्ती करने के कारण वे असंतुष्ट हो गए। यह असंतोष चुनाव परिणामों में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया।

3. प्रशासन की उच्च मनोवृत्ति:

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि प्रशासनिक अधिकारियों ने जनता की समस्याओं को ध्यान में नहीं रखा और कानूनों को लागू करते समय उच्च मनोवृत्ति का प्रदर्शन किया। इससे जनता में असंतोष बढ़ा और इसका सीधा असर भाजपा के वोट शेयर पर पड़ा।

4. भाजपा कार्यकर्ताओं में असंतोष:

चुनावी अभियान के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह की कमी देखी गई। प्रशासन की उच्च मनोवृत्ति के कारण उन्हें स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं मिली, जिससे उनकी ऊर्जा और समर्पण में कमी आई। इससे चुनाव प्रचार प्रभावित हुआ और पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।

5. विपक्षी दलों के आरक्षण और संविधान परिवर्तन के कथानक:

रिपोर्ट के अनुसार, विपक्षी दलों ने आरक्षण समाप्त करने और संविधान में परिवर्तन करने के कथानक को जोर-शोर से उठाया, जिससे भाजपा की संभावनाओं को नुकसान हुआ। इससे समाज के विभिन्न वर्गों में पार्टी के प्रति अविश्वास उत्पन्न हुआ।

6. जातिगत समीकरणों में बदलाव:

भाजपा को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का समर्थन लंबे समय से मिल रहा था, लेकिन इस चुनाव में कुर्मी और मौर्य वोटरों ने पार्टी से दूरी बना ली। जातिगत समीकरणों में इस बदलाव ने भी भाजपा के वोट बैंक को कमजोर किया।

इन छह बिंदुओं ने मिलकर भाजपा के लिए चुनावी परिणामों को प्रभावित किया। यह रिपोर्ट दर्शाती है कि भाजपा को अपनी रणनीति और नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का समाधान हो सके और पार्टी फिर से अपने मजबूत आधार को प्राप्त कर सके।

निष्कर्ष

2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में भाजपा की हार कई गहरे कारणों का परिणाम है। पेपर लीक, संविदात्मक भर्ती, प्रशासन की उच्च मनोवृत्ति, पार्टी कार्यकर्ताओं का असंतोष, विपक्षी कथानक, और जातिगत समीकरणों में बदलाव जैसे मुद्दों ने मिलकर इस परिणाम को जन्म दिया। यह समय भाजपा के लिए आत्मनिरीक्षण और सुधार का है, ताकि भविष्य में वे अपनी पुरानी सफलता को दोहरा सकें। यह रिपोर्ट पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जो उन्हें आगामी चुनावों के लिए एक नई रणनीति बनाने में मदद करेगी।

और पढ़ें:- सबका साथ, सबका विकास’ की जगह ‘जो हमारे साथ, हम उनके साथ: सुवेंदु अधिकारी

Tags: BJPBJP's defeat in UPBJP's report on defeatLok Sabha elections 2024भाजपायूपी में भाजपा की हारलोकसभा चुनाव 2024हार पर भाजपा की रिपोर्ट
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