उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में कहा कि ‘बटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’। सीएम योगी राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौड़ की प्रतिमा का अनावरण करने सोमवार को यहां आए थे, जहां सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बातें कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्र से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं हो सकता है। राष्ट्र तब सशक्त होगा जब हम एक रहेंगे। इसी के साथ उन्होंने पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम की ओर भी लोगों को ध्यान आकर्षित किया।
बांग्लादेश से सवक लेने की जरूरत
उन्होंने कहा आप बांग्लादेश में देख रहे हैं न, वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए। सुरक्षित रहेंगे तभी समृद्धि तक पहुंचेंगे। हमें विकासित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए काम करना है। जब भगवान कृष्ण का जन्म हो रहा है, तब मुझे प्रतिमा के अनावरण का अवसर मिला है। लगता है कि राष्ट्रवीर की प्रतिमा 10 साल से मेरा इंतजार कर रही थी।
राष्ट्रवीरों को सदैव करें नमन
मेरे ऊपर उनकी कृपा आ गई है। सीएम योगी बोले कि मुगल आक्रांताओं एवं अंग्रेजों से भयभीत होकर न जाने कितने लोगों ने उनके सामने जीवन समर्पण कर दिया था। आज हमलोग राष्ट्रवीर दुर्गादास जी का नाम ले रहे हैं। राजस्थान में उनकी पूजा होती है। जोधपुर इलाके में उनके प्रति श्रृद्धा का अमिट भाव देखा जाता है। उसी श्रद़धभाव को मजबूत करने लिए मैं आज आगरा आया हूं। उन्होंने कहा कि मौत ऐसी होनी चाहिए, जिससे राष्ट्र का कल्याण हो। अमर शहीद रामप्रसाद बिस्मिल से फांसी के वक्त उनकी अंतिम अभिलाषा के बारे में पूछा गया था। तब बिस्मिल जी ने कहा कि भारतवर्ष में मेरा 100 बार जन्म हो और हर बार मौत का कारण देश का उपकार कर्म हो।
सीएम योगी ने औरंगजेब को दुष्ट बताया
सीएम योगी ने औरंगजेब को दुष्ट बताया और कहा कि उसका संबंध भी इसी आगरा से था। उन्होंने कहा कि इसी आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की सत्ता को चुनौती दी थी और उससे कहा था कि तुम चूहे की तरह ऐसे तड़पते रह जाओगे, लेकिन हिन्दुस्तान पर तुझे कब्जा तो नहीं करने देंगे।
पीएम मोदी के संकल्प को दोहराए
मुख्यमंत्री योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच संकल्प को भी दोहराए। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि गुलामी के प्रतीकों को समाप्त करेंगे। अपने वीरों और सैनिकों का सम्मान करेंगे। एकता और एकात्मता के लिए कार्य करेंगे। किसी को भी समाज में विद्वेष फैलाने की छूट नहीं देंगे। जाति, क्षेत्र, भाषा के नाम पर तमाम अन्य वादों के आधार पर बांटने वालों से सावधान करेंगे। अपने नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए भारत को दुनिया की सबसे बड़ी ताकत के रूप में स्थापित करेंगे।
विश्व नाथ झा।