संदीप घोष सवालों के घेरे में
संदीप घोष कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कालेज के पूर्व प्रिंसिपल हैं। वे बुधवार को भी सीबीआई कार्यालय पहुंचे पर अभी जुबान बंद है। जिस अस्पताल में दुष्कर्म के बाद डाक्टर की हत्या की गई उसी कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष पर अब सवालों का शिकंजा कसता जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के सवालों के इर्द-गिर्द पूछताछ
सीबीआई बीते छह दिनों से लगातार संदीप घोष से सवाल जवाब कर रही है। जबकि एक दिन पहले ही अदालत ने संदीप घोष को लेकर पंश्चिम बंगाल की ममता सरकार से कई अहम सवाल किए हैं। जो गंभीर सवाल सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उठाए उसी के ईर्द गिर्द सीबीआई की भी नजर है।
संदीप घोष से चार सवाल
जूनियर महिला डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में जांच एजेंसी कई अहम तथ्य जानना चाहती है। क्योंकि संदीप घोष वारदात के समय आरजी कर मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल थे। पूरे मामले में उनकी भूमिका संदिग्ध देखी जा रही है। उनकी कथनी और करनी में फर्क है। लिहाजा सीबीआई ने अब तक चार अहम सवालों के जरिए संदीप घोष पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
सवाल-1 वारदात की सूचना मिलने पर क्या किया?
सवाल- 2 घटना के बाद किन- किन लोगों से बात की?
सवाल -3 पीड़िता का शव परिजनों को 3 घंटे तक क्यों नहीं देखने दिया गया?
सवाल-4 किस के कहने पर सेमिनार हाल के पास रिनोवेशन के आदेश दिए थे?
इन अहम सवालों के साथ सीबीआई लगातार बुधवार को छठे दिन भी घोष से पूछताछ कर रही है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार पूर्व प्रिंसिपल के दर्ज कुछ बयान अन्य लोगों के बयान से मेल नहीं खाते, लिहाजा शक गहरा गया है। अब जांच एजेंसी उसके कॉल डिटेल्स की जांच में जुटी है। एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की और पश्चिम बंगाल सरकार के सामने सवालों की झड़ी लगा दी
सबूतों के साथ छेड़छाड का आरोप
दुष्कर्म और हत्या के इस सनसनीखेज मामले में पीड़िता के घरवालों ने कोलकाता पुलिस और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष पर संगीन आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि पहले हत्या को आत्महत्या का रंग देने की कोशिश की गई, यहां तक की सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई।
घोष पर लावारिस शवों को बेचने का आरोप
सीबीआई जांच के दौरान ही संदीप घोष पर एक बड़ा आरोप लगा है। आरजी कर मेडिकल कालेज के पूर्व उपाधीक्षक अख्तर अली ने दावा किया है कि संदीप घोष लावारिश शवों को बेचने सहित कई अवैध गतिविधियों में शामिल थे। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि घोष बांग्लादेश में बायोमेडिकल उपकरणों की तस्करी में संलिप्त थे। अख्तर अली 2023 तक आरजी कर अस्पताल में ही नियुक्त थे। उन्होंने कहा की राज्य सतर्कता आयोग के समक्ष इसको लेकर शिकायत भी की गई थी पर जांच में दोषी मिलने के बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अस्पताल में हो चुकी है कई रहस्यमयी मौतें
आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल का नाम जिस तरह पहली बार विवादों से नहीं जुड़ा है ठीक उसी तरह इस अस्पताल का नाम भी विवादों में पहली बार नहीं आया है। बताया जाता है कि इस अस्पताल में पहले भी रहस्यमयी मौतें हुई हैं। यहां कभी मेडिकल स्टाफ, कभी छात्र, तो कभी प्रोफेसर की रहस्यमयी स्थितियों में मृत्यु हो चुकी है।
शिकायत के बाद हुआ था घोष का ट्रांसफर
अख्तर अली ने दावा किया कि उन्होंने संदीप घोष के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग को एक जांच रिपोर्ट भी सौंपी थी। इसके बाद उनका आरजी कर अस्पताल से स्थानांतरण कर दिया गया। साथ ही जांच समिति के अन्य दो सदस्यों का भी तबादला कर दिया गया। आप को बता दें कि डाक्टर की हत्या पर विरोध के बीच इस्तीफा देने वाले संदीप घोष को उनके इस्तीफे के कुछ घंटों के अंदर कलकत्ता मेडिकल कालेज में नई नियुक्ति दी गई थी। पर कलकत्ता हाईकोर्ट से फटकार मिलने पर संदीप घोष को अनिश्चित काल के लिए अवकाश पर भेज दिया गया था।
विश्व नाथ झा।