हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत की राजनीति में एक लाख से ज्यादा युवा और गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के चेहरों को उतारने के वादे की पहली परीक्षा होंगे। एक अक्टूबर को होने वाले राज्य चुनावों में यह देखा जाएगा कि क्या पीएम मोदी व्यवस्था में नए चेहरे लाने में सक्षम हैं। ये प्रश्न इसलिए भी प्रासंगिक है, क्योंकि बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति इस महीने की 24 तारीख को उम्मीदवारों के चयन पर विचार-विमर्श करने के लिए बैठक करने वाली है।
मई 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में राजनीतिक वंशवाद, खासकर इसे लेकर कांग्रेस की काफी आलोचना करते रहे हैं। 78वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम अपने 11वें संबोधन में पीएम मोदी ने घोषणा की कि वह एक लाख से अधिक नई पीढ़ी के नेताओं को राजनीति में पेश करेंगे, जिनका कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं होगा। अब जबकि इस हफ्ते के अंत में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक होनी है, जहां हरियाणा को लेकर उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होनी है, तो इस बैठक में ही ये स्पष्ट हो जाएगा कि पार्टी हरियाणा में कितने युवाओं को मौका देने वाली है।
दरअसल चुनाव आयोग बीते सप्ताह ही हरियाणा में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर चुका है। जिसमें सभी 90 विधानसभा सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान होगा। इसी के साथ जम्मू और कश्मीर में भी मतदान होगा। आर्टकिल 370 के निरस्त होने के बाद से जम्मू और कश्मीर में यह पहला चुनाव होगा। चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन अलग-अलग चरणों में होंगे। दोनों विधानसभाओं के चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। हरियाणा में, 2 करोड़ से अधिक मतदाताओं के लिए 7,132 शहरी और 13,497 ग्रामीण सहित कुल 20,629 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसी के साथ प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों में बूथ स्थापित किए जाएंगे। हरियाणा में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 73 सामान्य और 17 अनुसूचित जाति (एससी) शामिल हैं।