हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों पर मंथन अंतिम दौर में पहुंच चुका है। पार्टी नेता 29 अगस्त को मैराथन बैठक कर उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देंगे। इसके बाद देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पार्टी अपने उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगा देगी।
सूत्र बताते हैं कि बुधवार यानी 29 अगस्त को भाजपा उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने के लिए कई दौर की मैराथन बैठकें होने वाली हैं। पहली बैठक सुबह 10 बजे होनी है, जिसमें प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, चुनाव सह प्रभारी बिप्लब देब, इसके अलावा संगठन प्रभारी सौदान सिंह, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल, प्रदेश प्रभारी सतीश पुनिया, सह प्रभारी सुरेंद्र नागर, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली और संगठन महामंत्री फणींद्रनाथ संभावित प्रत्याशियों के पैनल पर चर्चा करेंगे।
इसके अतिरिक्त इस बैठक में सुधा यादव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनकड़, कैप्टन अभिमन्यु, कुलदीप बिश्नोई समेत केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत, कृष्ण पाल गुर्जर और वरिष्ठ नेता अनिल विज भी शामिल होंगे। इस बैठक में राज्य चुनाव समिति से प्राप्त नामों पर विचार कर सीटवार तीन नामों की सूची बनेगी। और ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों के नाम को सहमति प्रदान करेंगे।
छोटी टोली की बैठक में शाह और नडडा रहेंगे शामिल
इस मैराथन बैठक के बाद बीजेपी की एक छोटी टोली की बैठक भी होगी। 29 अगस्त को होने वाली छोटी टोली की बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नडडा के साथ राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी शामिल होंगे, जहां एक बार फिर प्रदेश के नेताओं की सिफारिशों पर चर्चा होगी और पैनल पर आखिरी सहमति बनेगी।
शाम को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक प्रस्तावित
छोटी टोली की बैठक में नामों को अंतिम रूप मिलने के बाद हरियाणा के उम्मीदवारों पर मुहर लगाने के लिए शाम 6 बजे बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय समिति की बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में होने वाली इस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में ही उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी।
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सबकी नजरें हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों पर टिकी हैं। हरियाणा इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही 90 विधानसभा सीटों वाले इस प्रदेश के लिए पूरी ताकत लगा रही हैं। हालांकि टिकट आवंटन और मंथन के लिहाज से बीजेपी कांग्रेस को पीछे छोड़ती दिख रही है, क्योंकि एक तरफ जहां बीजेपी में टिकट बंटवारा आखिरी दौर पर पहुंच चुका है, तो वहीं कांग्रेस आलाकमान अभी पार्टी में आपसी गुटबाजी और आंतरिक कलह को साधने की कवायद में ही जुटा है।