VHP ने की ‘धार्मिक परिषद बोर्ड’ बनाने की माँग

कहा - 'खत्म हो सरकार का हस्तक्षेप, हिन्दू ही करें अपने मंदिरों का प्रबंधन'

‘विश्व हिन्दू परिषद’ (VHP) के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के आंध्र प्रदेश/तेलंगाना के सदस्यों ने सोमवार (23 सितंबर, 2024) को तिरुपति मंदिर मुद्दे पर एक प्रस्ताव पारित किया। आंध्र प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री पवन कल्याण भी ‘सनातन रक्षा बोर्ड’ की माँग कर चुके हैं, इसी बीच विहिप ने ये प्रस्ताव पारित किया है। बता दें कि तिरुपति स्थित वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में जानवर की चर्बी और मछली का तेल मिले होने की बात एक लैब रिपोर्ट से सामने आई थी। इस घटना की निंदा करते हुए VHP ने हिन्दू मंदिरों की स्वायत्तता के लिए भी आवाज़ उठाई है। संगठन ने कहा है कि ये खुलासा होने के बाद लोगों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुँची है, वो चिंतित और आक्रोशित हैं।

उन्होंने इसे हिन्दू धर्म पर आघात बताते हुए कहा कि ये घृणित करतूत न केवल लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाता है, बल्कि उनके सबसे पवित्र व सम्मानित स्थलों में से एक की पवित्रता को भी भंग करता है। ‘विश्व हिन्दू परिषद’ ने इसे मंदिरों के मामले में सरकारी हस्तक्षेप और गैर-हिन्दुओं को मंदिर प्रबंधन बोर्ड में नियुक्त किए जाने का सीधा दुष्परिणाम बताते हुए कहा कि ऐसे बोर्ड्स में संत समाज, विद्वानों, हिन्दू संगठनों और श्रद्धालुओं के प्रतिनिधि रहने चाहिए। संगठन ने मंदिर प्रबंधन में लोकतान्त्रिक और समावेशी तरीका अपनाए जाने की माँग की।

साथ ही तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद के साथ छेड़छाड़ के मामले में VHP के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के आंध्र प्रदेश/तेलंगाना के सदस्यों ने अपने प्रस्ताव में विस्तृत और निष्पक्ष जाँच की माँग की। माँग की गई है कि उच्च न्यायालय के एक सिटिंग जज द्वारा इसकी जाँच की जाए और प्रतिदिन सुनवाई कर के दोषियों को सज़ा दिलाई जाए। संगठन ने कहा कि दोषियों को चिह्नित कर कानूनी रूप से इतनी कड़ी सज़ा दी जाए कि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत को न दोहराए। साथ ही मंदिरों की पवित्रता और शुचिता को संरक्षित रखने पर भी जोर दिया गया।

VHP ने केंद्र व राज्य सरकारों से कहा है कि वो भविष्य में मंदिरों में होने वाले किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप व छेड़छाड़ को रोकने के लिए प्रबंध करे। VHP ने स्पष्ट किया कि हिन्दू श्रद्धालुओं के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ ये भी आवश्यक है कि उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर आँच न आने पाए। संगठन के तेलुगू सदस्यों ने एकमत से कहा कि भारत सरकार संविधान में धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करे और हिन्दुओं को उनके धार्मिक स्थल का प्रबंधन और संचालन खुद ही करने दे। VHP ने कहा कि विभिन्न समुदायों के बीच विश्वास, एकता और सम्मान की भावना बनाए रखने के लिए ये आवश्यक है, जिससे राष्ट्र-समाज के उत्थान में सब मिल कर योगदान दें।

बता दें कि आंध्र प्रदेश के CM चंद्रबाबू नायडू पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। डिप्टी सीएम पवन कल्याण तो इस मामले के प्रायश्चित के लिए 11 दिनों का अनुष्ठान भी कर रहे हैं। उन्होंने मंदिर पहुँच कर भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की और उनसे क्षमा माँगी। पवन कल्याण मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की माँग उठाते रहे हैं।

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