TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

किन करणों से कही गयी श्रीमद्भगवद्गीता

Sambhrant Mishra द्वारा Sambhrant Mishra
2 September 2024
in ज्ञान
किन करणों से कही गयी श्रीमद्भगवद्गीता
Share on FacebookShare on X

श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय धर्म, दर्शन, अध्यात्म और जीवन का सार है। गीता को उपनिषद की श्रेणि में रखा जाता है। भारतीय परंपरा में जिस प्रस्थानत्रयी का उल्लेख मिलता है उसमें उपनिषद, ब्रह्मसूत्र और श्रीमद् भगवत गीता को रखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि श्रीमद्भगवद्गीता वेदों एवं उपनिषदों के उद्देश्यों का सर्वकालिक एवं व्यवहारिक प्रकटन है। जीवन के अनेकों आयाम होते हैं, जिससे संबंधित मानव विभिन्न द्वंदों से होकर अपनी विकास यात्रा में आगे बढ़ता है। यथार्थ है कि जीवन में संघर्ष एवं विपरीत परिस्थितियां हमारे सामने उत्थान के नए मापदंड प्रस्तुत करती हैं, परंतु ऐसा तभी संभव हो पाता है जब द्वंद में एवं किंकर्त्तव्यविमूढ़ हुआ मनुष्य कर्त्तव्य – अकर्त्तव्य, उचित – अनुचित इत्यादि को भलीभांति जानकर कर्म पथ पर अग्रसर हो।

जीवन के ऐसे मोड़ पर जब व्यक्ति स्वयं को द्वंदों एवं चुनौतियों से घिरा पाता है तो गीता उसके मार्गदर्शन हेतु उपलब्ध सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है। इसी को ध्यान में रखते हुए महात्मा गांधी ने गीता के संबंध में कहा कि जब कभी मुझे संदेह घेरते हैं और मेरे चेहरे पर निराशा छाने लगती है, मैं क्षितिज पर गीता रूपी एक ही उम्मीद की किरण देखता हूं। इसमें मुझे अवश्य ही एक छंद मिल जाता है जो मुझे सांत्वना देता है। तब मैं कष्टों के बीच मुस्कराने लगता हूं। इसी प्रकार स्वामी विवेकानंद गीता के संबंध में रहते हैं कि गीता एक ऐसा ग्रंथ है जो हमारे जीवन के हर क्षेत्र में एक आदर्श मार्गदर्शन के रूप में कार्य करता है। यह हमें जीवन जीने की कला सिखाता है और आत्मज्ञान के पथ पर अग्रसर करता है। यह अवश्य ही सत्य है कि गीता के उपदेश मानव जीवन से संबंधित समस्त पक्षों का व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करते हैं। गीता में वर्णित उपदेश क्या हैं और वह जीवन की समस्याओं का समाधान किस प्रकार करते हैं इसको समझने के लिए गीता के उपदेश का ‘हेतु’ अर्थात कारण जानना आवश्यक है।

संबंधितपोस्ट

स्वस्थ रहने के लिए योग सीखना चाहते हैं तो आपके लिए हैं भारत के ये पांच स्थान

आधुनिक भारत को जोड़ने वाले ‘योग पुरुष’ हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक ‘डॉ हेडगेवार’

योग से जोड़ो, आयुर्वेद से संवारो: विश्व-व्यवस्था का भारतीय दर्शन

और लोड करें

सर्वप्रथम यह विदित होना आवश्यक है कि किन कारणों से भगवान श्रीकृष्ण को अर्जुन को गीता का ज्ञान देना पड़ा। जैसा कि विदित है कि पांडु के पुत्र पांडव एवं धृतराष्ट्र के पुत्र कौरव के मध्य समझौते के तमाम प्रयासों के बावजूद जब श्री कृष्ण को सफलता नहीं मिली और धृतराष्ट्र की सभा में शांतिदूत के रूप में उपस्थित श्रीकृष्ण का दुर्योधन द्वारा तिरस्कार एवं अपमान किया गया तो भगवान श्रीकृष्ण ने धृतराष्ट्र की सभा में ही यह घोषणा की कि जब दुर्योधन शांति प्रस्ताव एवं किसी समझौते के लिए तैयार नहीं है तो अब सिर्फ एक मात्र विकल्प शेष रह जाता है और वह है युद्ध। युद्ध की घोषणा होने के पश्चात् श्रीकृष्ण की नारायणी सेना कौरवों की तरफ एवं स्वयं कृष्ण पांडवों की तरफ से युद्ध के लिए तैयार हुए। संपूर्ण महाभारत के युद्ध में शास्त्र ने उठाने का प्रण भी श्री कृष्ण द्वारा लिया गया था। युद्ध के प्रारंभ होने के समय जब कौरव एवं पांडव की सेवाएं एक दूसरे के सामने समक्ष उपस्थित थीं तभी अपने पारिवारिक जन, गुरु एवं सगे – संबंधियों को अपने विपक्ष में उपस्थित देख अर्जुन अधीर हो उठे। अर्जुन का आत्मबल इतना टूट चुका था कि कृष्ण के बार-बार समझाने पर भी वह युद्ध के लिए तैयार नहीं हो सका।

अर्जुन श्रीकृष्ण से युद्ध के प्रारंभ होने के पूर्व ही कहते हैं कि युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी अपने इस स्वजन समुदाय को देखकर मेरा अंग शिथिल हुआ जा रहा है और मैं लक्षणों को भी विपरीत ही देख रहा हूं। अपने इस स्वजन समुदाय को मारकर मुझे कोई कल्याण दिखाई नहीं देता। हे कृष्ण मैंने न विजय चाहता हूं तथा नहीं राज्य एवं किसी प्रकार का सुख। ऐसे राज्य से क्या प्रयोजन अथवा ऐसे भोग और जीवन से क्या लाभ है जिसकी प्राप्ति मुझे अपने स्वजनों को मारकर हो। हे मधुसूदन यदि मुझे तीनों लोकों का राज्य भी प्राप्त हो जाए तो भी मैं इन्हें मार कर उसे भोगना उचित नहीं समझता तो फिर पृथ्वी के राज्य के लिए मैं इन्हें कैसे मार सकता हूं। इस प्रकार की निराशायुक्त बातों को कहकर अर्जुन अपने शास्त्रों को त्याग कर रथ के पिछले भाग में जाकर निराशा भाव में बैठ गया।

अंततः कुरुक्षेत्र के मैदान में किंकर्त्तव्यविमूढ़ हो चुके अर्जुन के आत्मबल एवं उसके स्वधर्म की को जागृत करने हेतु भगवान श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया। गीता के उपदेश में कुल 700 श्लोक हैं जिसमें श्री कृष्ण ने 574, अर्जुन ने 85, संजय ने 40 और धृतराष्ट्र ने एक श्लोक कहा है। श्रीमद् भगवत गीता एक पक्षीय न होकर अर्जुन के मन में उत्पन्न विषाद, द्वंद, नकारात्मकता तथा कर्तव्य विमुखता के फलस्वरुप प्रश्नों का सम्यक् समाधान है। श्रीमद्भगवद्गीता के माध्यम से श्रीकृष्ण ने अर्जुन को निमित्त बनाकर संपूर्ण प्राणिमात्र के कर्तव्य को लक्षित करते हुए कल्याण का मार्ग प्रस्तुत किया। मानव जीवन के तीन प्रमुख पक्ष जिसमें क्रिया, भावना एवं चिंतन (ज्ञान) सम्मिलित है। इनसे संबंधित समस्याओं एवं उनके समाधान का  सार्थक एवं व्यवहारिक प्रयोग श्रीमद् भागवत गीता है।उल्लेखनीय है की श्रीमद् भागवत गीता एक धार्मिक ग्रंथ मात्र न होकर जीवन जीने का व्यवहारिक दस्तावेज है।

दुनिया के प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने गीता के संबंध में कहा कि जब मैंने भागवत गीता पढ़ी और सोचा कि भगवान ने यह कैसे बनाया तो बाकी सभी चीज मुझे अत्यंत छोटी और निरर्थक लगी। उनका कहना था कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि उन्होंने अपने यौवन में इस ग्रंथ के बारे में नहीं पढ़ा, नहीं तो उनके जीवन की दिशा कुछ और ही होती। गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसका भारत की सभी धार्मिक, दार्शनिक एवं आध्यात्मिक परंपराओं में सहज स्वीकार्यता पाई जाती है। वेदांत, योग, सांख्य इत्यादि श्रीमद्भगवद्गीता में समाहित हैं तो वहीं यह न्याय, वैशेषिक और मीमांसा के सूत्रों की भी व्याख्या करता है। इस प्रकार श्रीमद् भागवत गीता का न किसी मत से वैमनस्य है और न ही किसी सिद्धांत से विरोध। चार्ल्स विलकिंस द्वारा 1785 में सर्वप्रथम गीता का अंग्रेज़ी अनुवाद कराया गया। उसके पश्चात लगभग 75 से 80 भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है। यही इस ग्रंथ को वैश्विक स्वीकृति का पर्याय बनाती है। जिस प्रकार किंकर्त्तव्यविमूढ़ अर्जुन गीता के उपदेशों को सुनकर अपने कर्तव्य के लिए तैयार हो जाते हैं उसी प्रकार गीता हमें हमारे जीवन से संबंधित समस्त कर्तव्यों की शिक्षा देकर आत्मभाव में प्रतिष्ठित होने का सुलभ मार्ग प्रस्तुत करती है। योगी श्री अरविंद का कहना है कि गीता के वक्तव्य में सत्य की झलक इतनी स्पष्ट दिखती है कि एक बार इसके संपर्क में आने वाला सहज ही इसका कायल हो जाता है।

श्रीमद्भगवद्गीता सिर्फ शाब्दिक ना होकर एक व्यवहारिक मार्गदर्शिका है जो कर्तव्य एवं शाश्वत मूल्य के माध्यम से सत्य का आवरण प्रस्तुत करती है। गीता के संदेश को जन सामान्य के लिए सुलभ बनाने हेतु आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य, चैतन्य महाप्रभु, वल्लभाचार्य, बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी, विनोबा भावे जैसे मूर्धन्य विद्वानों एवं विचारों ने अपने-अपने दृष्टि से व्याख्या की है। प्रसिद्ध लेखक हर्मन हेस लिखते हैं कि भारतीय ज्ञान का सबसे अद्भुत और ऊंचा प्रतीक गीता मानवता के लिए एक उपहार है जो हमें जीवन की सच्ची समझ और शांति की राह दिखाता है। प्रसिद्ध भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक प्रो. बलराम सिंह अपने संवाद गीता: भूत, वर्तमान और भविष्य में इसकी सार्थकता और इसके श्लोकों के व्यावहारिक एवम वैज्ञानिक पक्षों पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं कि श्रीमद्भगवद्गीता जीवन में कर्तव्य के प्रति विमुख होने और अपने स्वभाव के अनुसार कार्यों को सिखाने का सबसे व्यावहारिक दस्तावेज है। गीता हमारे मन में यह विश्वास जगाती है कि यदि हम कर्त्तव्य के प्रति दृढ़ हो जाएं तो हम स्वयं के आत्मबोध अवस्था को प्राप्त कर सकते हैं और यही परमतत्व का स्वयं में प्रकटन है। व्यवहारिक रूप से यही ससीम को असीम से संबंधित कर एकाकार करना है। श्रीमद्भगवद्गीता जाति, धर्म, पंथ, संप्रदाय इत्यादि को आपस में समाहित करते हुए ज्ञान, कर्म एवं मूल्य का दिग्दर्शन है। यही गीता की सार्थकता है।

 -डा. आलोक कुमार द्विवेदी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से दर्शनशास्ञ में पीएचडी हैं। वर्तमान में वह KSAS, लखनऊ में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। यह संस्थान अमेरिका स्थित INADS, USA का भारत स्थित शोध केंद्र है। डा. आलोक की रुचि दर्शन, संस्कृति, समाज और राजनीति के विषयों में हैं।

Tags: अध्यात्मअर्जुनकर्मयोगगीताजीवन_दर्शनभारतीय_धर्ममहाभारतयोगश्रीकृष्णश्रीमद्भगवद्गीता
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

उत्तर‍ बिहार के कई जिलों में झाड़-फूंक और लव जिहाद की आड़ में धड़ले से चल रहा धर्मांतरण

अगली पोस्ट

शिवाजी महाराज मूर्ति विवाद: बीजेपी और मोदी की आलोचना इसलिए बेमानी है

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश के जन्म की कहानी
इतिहास

Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

16 October 2025

1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन ने एक ऐसे देश को जन्म दिया, जिसके दो हिस्से थे, और दोनों हिस्सों के बीच हज़ार मील से...

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया
आयुध

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

14 October 2025

1947 के बाद कांग्रेस ने भारत की शिक्षा व्यवस्था, मीडिया और सांस्कृतिक संस्थाओं पर पूरा नियंत्रण जमा लिया। इतिहास को इस तरह दोबारा लिखा गया...

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन
इतिहास

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

14 October 2025

दत्तोपंत ठेंगड़ी का जीवन और उनका कार्य केवल एक विचारधारा या संगठन की सीमाओं में नहीं बंधा। वे केवल एक ट्रेड यूनियनिस्ट नहीं थे, न...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

The Congress Party’s War on India’s Soldiers: A History of Betrayal and Fear

00:07:39

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21

How Stalin is planning to divide the nation through a poisonous agenda?

00:06:44
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited