BRICS (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) समिट के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस जाने से पहले भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबे समय से जारी तनातनी सुलझती नजर आ रही है। भारत-चीन एलएसी पर सैनिकों की पेट्रोलिंग को लेकर एक समझौते पर पहुंच गए हैं।
भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है, “पिछले कई हफ़्तों से भारत और चीन के बीच राजनयिक स्तर के साथ सैन्य स्तर पर भी बातचीत हो रही थी। इसी का नतीजा है कि दोनों देश एलएसी पर सैनिकों की गश्त को लेकर एक समझौते पर पहुंचे गए हैं।” मिस्री ने उम्मीद जताई है कि इससे समझौते के बाद एलएसी पर तैनात दोनों देशों के सैनिक पीछे हटेंगे और इन क्षेत्रों में 2020 में पैदा हुए विवाद का समाधान भी निकाला जाएगा।”
वहीं, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने NDTV के साथ बातचीत में इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत के सैनिक 2020 में एलएसी पर जहां तक पेट्रोलिंग करते थे, उस स्थिति पर हम वापस आ गए हैं। जयशंकर ने कहा, “हम कह सकते हैं कि चीन के साथ डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। मुझे लगता है कि यह एक अच्छी और सकारात्मक पहल है और मैं कहूंगा कि यह बहुत धैर्य भरी और दृढ़ कूटनीति का परिणाम है।”
पिछले महीने चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि चीन और भारत ने मतभेदों को कम करने और पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को खत्म करने के लिए संघर्ष वाले क्षेत्रों से सैनिकों को हटाने पर आम सहमति बनाई थी। वहीं, पिछले महीने ही विदेश मंत्री जयशंकर ने भी कहा था कि चीन के साथ सीमा पर करीब 75% समस्याओं का समाधान हो गया है जिनमें दोनों देशों की सेनाओं की वापसी भी शामिल है।
वहीं, सामरिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने भारत-चीन के इस समझौते पर कहा है, “भारत-चीन के बीच सैन्य गतिरोध खत्म करने की कोई घोषणा नहीं की गई है बल्कि ब्रिक्स समिट के दौरान मोदी और जिनपिंग की बैठक को सहज बनाने के लिए दोनों देश पेट्रोलिंग को लेकर समझौते पर पहुंचे हैं।” उन्होंने कहा कि भारत-चीन का सैन्य गतिरोध चीन की ओर से द्विपक्षीय सीमा समझौते के उल्लंघन के कारण है और इसमें सैनिकों की गश्त भी शामिल है।
No deal announced to end the military standoff but, to facilitate a Modi-Xi meeting during the BRICS summit, India and China agree on a “patrolling arrangement.”
Here’s the irony: The standoff is rooted in China’s violation of bilateral border accords, including on patrolling.
— Brahma Chellaney (@Chellaney) October 21, 2024
गौरतलब है कि 2020 में 15-16 जून की रात में गलवान में भारत और चीन की सेना के बीच गलवान घाटी में एलएसी पर हिंसक झड़प हुई थी। इस दौरान किसी तरह की गोलीबारी तो नहीं हुई लेकिन दोनों देशों के सैनिकों के बीच जमकर हाथापाई हुई जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। चीन ने इस झड़प में केवल 4 सैनिकों की मौत की बात स्वीकर की लेकिन अलग-अलग रिपोर्ट्स में यह दावा किया जाता रहा है कि चीन को इसमें भारी नुकसान हुआ था।