बेगूसराय: स्कूल यानी विद्या का मंदिर। अपने बच्चे को हर कोई अच्छी शिक्षा के लिए स्कूल भेजता है। लेकिन उसी स्कूल में अगर धर्मांध शिक्षक मिल जाए, तो बच्चों के भविष्य के साथ-साथ आस्था से खिलवाड़ तय है। शिक्षक ऐसा होना चाहिए, जो बच्चों को सही-गलत का भेद बताए, उनके अंदर अच्छे संस्कार पैदा करे। लेकिन बिहार के बेगूसराय जिले में एक ‘जिहादी’ शिक्षक ने अपनी करतूत से शिक्षा जगत को शर्मसार करने के साथ-साथ दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म की मान्यताओं पर कुठाराघात किया है। आंखों पर धर्म की पट्टी बांधकर बच्चों को गलत शिक्षा देने वाले इस टीचर पर अब शिकंजा कस गया है। बेगूसराय के बछवाड़ा प्रखंड के मुस्लिम शिक्षक के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है।
बीडीओ की शिकायत पर FIR दर्ज: गिरिराज सिंह
केंद्रीय कपड़ा मंत्री और बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने भी इस मामले पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस शिक्षक के खिलाफ बिहार सरकार और जिला प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की थी। गिरिराज सिंह ने आरोपी जियाउद्दीन पर एफआईआर दर्ज होने की जानकारी देते हुए एक्स पर पोस्ट में लिखा, ‘भगवान राम और भगवान हनुमान को मुसलमान कहने वाले कद्राबाद के शिक्षक जियाउद्दीन के खिलाफ बछवाड़ा थाने में बीडीओ के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है।‘ अब आपको बताते हैं कि आरोपी शिक्षक जियाउद्दीन बच्चों को किस तरह गुमराह कर रहा था और उनके दिमाग में एक धर्म के खिलाफ गलत शिक्षाएं भर रहा था।
भगवान राम और भगवान हनुमान को मुसलमान कहने वाले कादराबाद के शिक्षक जियाउद्दीन के खिलाफ बछवाड़ा थाने में बीडीओ के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। pic.twitter.com/CmzPNbMiFG
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) October 11, 2024
भगवान राम-हनुमान पर जियाउद्दीन का ‘जिहादी’ पाठ
यह पूरा मामला कद्राबाद के हरिपुर मध्य विद्यालय का है। शिक्षक जियाउद्दीन ने सातवीं क्लास के बच्चों को सामान्य ज्ञान और ग्रामर का पाठ पढ़ाते हुए भगवान राम और हनुमान पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। क्लास में उसने बच्चों से कहा कि हनुमान जी नमाज पढ़ते थे और वह मुसलमान थे। यही नहीं इस ‘जिहादी’ टीचर ने यह भी क्लास के बच्चों को बताया कि भगवान राम ने हनुमानजी को नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित किया था और हनुमानजी पहले हिंदू थे, जिन्होंने नमाज पढ़ी थी। बच्चों ने जब घर जाकर अपने अभिभावकों को जियाउद्दीन की करतूत के बारे में बताया, तो अभिभावकों का गुस्सा फट पड़ा। बच्चों के अभिभावकों ने शिक्षक को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की।
जियाउद्दीन के पाप की बच्चों ने खोली पोल
एक न्यूज चैनल की ग्राउंड रिपोर्ट में कई और हैरान कर देने वाली जानकारी सामने आई है। न्यूज18 की ग्राउंड रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल की ही एक मुस्लिम छात्रा ने बताया कि जियाउद्दीन सर ने हनुमानजी को मुसलमान बताया और कहा कि हनुमानजी ने जब पहली बार नमाज पढ़ी थी, तो उन्हें श्रीरामजी ने नमाज पढ़ाई थी। एक और बच्चे ने बताया कि जियाउद्दीन सर बोले कि हनुमानजी मूर्ख थे, क्योंकि वह पूरा पर्वत उठाकर ले आए थे। एक ग्रामीण का कहना है कि जियाउद्दीन ने बच्चों से कहा था कि गंगा मइया नहीं हैं, क्योंकि अगर ऐसा होता तो वह डूबते हुए को बचा लेतीं। स्कूल के शिक्षकों ने भी जियाउद्दीन की बेहद आपत्तिजनक हरकत पर नाराजगी जताई है।
जियाउद्दीन ने मांगी माफी, लेकिन क्या काफी?
मीडिया ने जब जियाउद्दीन से सवाल किया तो उसने कहा कि मैंने अपनी गलती समाज के सामने मान ली है और आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। स्कूल के शिक्षकों का कहना है कि बच्चों के जरिए जियाउद्दीन की हरकतों का उन्हें भी पता चला और हम लोग ऐसी बातों से आहत हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य ने कहा है कि आरोपी शिक्षक जियाउद्दीन ने माफी मांग ली है। सवाल इस बात का है कि ऐसे शिक्षक माफी मांगकर आंखों में धूल तो नहीं झोंक रहे हैं। एक तरफ तो उसने बहुत चालाकी से एक धर्म के आराध्य के बारे में अनाप-शनाप बातें कह डालीं और अब माफी मांगने की बात आ रही है। ऐसे शिक्षकों को बर्खास्त करने के बाद सलाखों के पीछे डालना चाहिए, क्योंकि एक शिक्षक सैकड़ों छात्रों को सही राह दिखाता है। ऐसे शिक्षक तो अपनी जहरीली शिक्षाओं से अबोध बालकों को धर्म परिवर्तन करने तक को मजबूर कर सकते हैं।