हरियाणा में भाजपा की जीत के बाद अब सरकार गठन की तैयारियाँ शुरू हो गई हैं। गुरुवार (17 अक्टूबर, 2024) को नायब सिंह सैनी दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। जहाँ विपक्षी नेताओं से लेकर उनके गिरोह के पत्रकारों तक हरियाणा में भाजपा को एक दर्जन सीटें मिलने पर भी संदेह जता रहे थे, कांग्रेस पार्टी अपनी जीत को लेकर एकदम आश्वस्त थी। ऐसे में राज्य में भाजपा का लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने से न केवल पार्टी बल्कि उसके नेता-कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का शपथग्रहण कार्यक्रम सिर्फ शपथग्रहण ही नहीं, बल्कि एक तरह का शक्ति-प्रदर्शन भी होगा। इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। मुख्य सचिव TVSN प्रसाद ने शपथग्रहण समारोह की तैयारियों और इसके प्रबंधन के लिए 10 सदस्यीय समिति का गठन किया है। चूँकि कार्यक्रम पंचकूला में होगा, इसीलिए वहाँ के डिप्टी कमिश्नर को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, उनके अलावा एडिशनल डिप्टी कमिश्नर, म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के कमिश्नर और SDM समेत तमाम अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है। हरियाणा की कार्यवाहक सरकार के ‘जनरल एडमिनिस्ट्रेशन (प्रोटोकॉल डिपार्टमेंट)’ की तरफ से यह पत्र जारी किया गया है।
इससे पता चलता है कि शपथग्रहण में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी जाएगी। इसका कारण यह है कि भाजपा के लोकसभा चुनाव 2024 में 240 सीटों पर रुक जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने ऐसे जश्न मनाया था जैसे उसे बड़ी जीत मिल गई हो, जबकि पार्टी तिहाई के आँकड़े में भी नहीं पहुँच पाई थी। पूरा विपक्ष ऐसा उत्साह दिखा रहा था जैसे भाजपा हार गई हो, जबकि NDA के आँकड़े पूर्ण बहुमत के पार थे। माहौल ऐसा बनाया जा रहा था जैसे आने वाले राज्यों के विधानसभा चुनावों में भाजपा की हार होगी।
जबकि हुआ इसके एकदम उलट। हरियाणा में भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें अपने नाम कीं, और उसे 3 निर्दलीयों का भी समर्थन मिला। कुल मिलाकर पार्टी के पास 51 विधायकों का समर्थन है। वहीं, जम्मू-कश्मीर में भी पार्टी ने 29 सीटें जीतकर जम्मू में स्वीप किया। इस तरह, इन 2 राज्यों ने भाजपा के खाते में 80 विधायक जोड़े। भाजपा इस सफलता के प्रदर्शन से हिचकेगी नहीं, इसका कारण है चुनाव के पहले बनाया गया माहौल। ‘भाजपा संविधान बदल देगी, आरक्षण हटा देगी’ वाला जो झूठ लोकसभा चुनाव 2024 में विपक्ष द्वारा चलाया गया था, वह अबकी विफल हो गया है।
अभी 16 राज्यों/प्रदेशों में भाजपा की सरकार है, और संभावना है कि इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्री इस शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष JP नड्डा के अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल के अन्य अहम सदस्य भी इसमें हिस्सा ले सकते हैं। हरियाणा की जीत से पार्टी के कार्यकर्ता झारखंड और महाराष्ट्र में भी उत्साहित होंगे। लोकसभा चुनाव परिणामों को भूलकर वे आगे के लिए पूरे जोशोखरोश से मेहनत करेंगे। इस भव्य शपथग्रहण समारोह के जरिए भाजपा यह संदेश भी देगी कि पार्टी के खिलाफ जो माहौल बनाया गया था, उससे वह उबर चुकी है और आगे की लड़ाई के लिए तैयार है।