भारत सरकार के एक पूर्व कर्मचारी विकास यादव चर्चा में हैं। वह अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन यानी FBI की वॉन्टेड लिस्ट में आ गए हैं। यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने विकास पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने का आरोप लगाया है। अमेरिकी जांचकर्ताओं के मुताबिक पन्नू के मर्डर की कथित साजिश और कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या का सीधा लिंक है। यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट के दूसरे अभियोगपत्र के मुताबिक 39 साल के विकास यादव भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट हैं। भारत के कैबिनेट सेक्रेटेरियट में वह कर्मचारी थे। खुफिया एजेंसी रॉ इसी के तहत आती है। वहीं भारत के विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि अभियोगपत्र में जिन आरोपियों का नाम है, वे अब भारत सरकार के लिए काम नहीं करते हैं।
‘प्लान पन्नू’ में विकास यादव का नाम ऐसे आया
यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस दायर किया था। इसमें निखिल गुप्ता नाम के भारतीय नागरिक और एक अज्ञात भारतीय अधिकारी पर गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की प्लानिंग करने का आरोप था। पिछले साल चेक रिपब्लिक से गिरफ्तारी और फिर प्रत्यर्पण के बाद निखिल अभी अमेरिकी जेल में बंद है। अमेरिकी अभियोजकों ने ऑरिजनल चार्जशीट में CC1 कोडनेम के रूप में विकास यादव का नाम लिया है।
निखिल-विकास यादव ने रची थी साजिश: FBI
अभियोग के मुताबिक अमेरिका की जमीन पर सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या करने का प्लान था, जिसे नाकाम कर दिया गया था। अभियोग में कहा गया है कि विकास यादव ने ही पन्नू की हत्या के लिए निखिल गुप्ता को हायर किया था। दायर अभियोग के अनुसार निखिल गुप्ता ने हत्या के लिए एक हिटमैन या दूसरे शब्दों में सुपारी किलर हायर किया। हकीकत में वह हिटमैन अमेरिकी सरकार का जासूस था। अभियोग के मुताबिक इस एजेंट को हिटमैन समझकर टारगेट यानी पन्नू की हत्या के लिए एक लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) की सुपारी दी गई। अभियोगपत्र में कहा गया है कि मैनहट्टन में 15 हजार डॉलर की रकम एडवांस के तौर पर दी गई। न्यूयॉर्क कोर्ट में दाखिल दूसरे अभियोगपत्र में विकास यादव पर मर्डर फॉर हायर के साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप लगाए गए हैं।
निज्जर मर्डर और पन्नू मामले का क्या लिंक?
अब बताते हैं कि पन्नू के कथित मर्डर प्लॉट और हरदीप निज्जर की हत्या में अमेरिकी जांचकर्ता क्या लिंक निकाल रहे हैं? 18 जून 2023 को कनाडा के सरे में गुरु नानक गुरुद्वारे के बाहर हरदीप निज्जर की हत्या हुई थी। जांचकर्ताओं का दावा है कि पन्नू मामले के आरोपियों और निज्जर की हत्या के बीच कनेक्शन है। अभियोगपत्र में कहा गया है कि हत्या के चंद घंटों बाद ही CC1 यानी विकास यादव ने निखिल गुप्ता को निज्जर के शव का वीडियो भेजा था। अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वीडियो किसने बनाकर विकास यादव को भेजा था।
FBI ने विकास यादव की यह पहचान बताई
अमेरिकी जांच अधिकारियों ने अभियोगपत्र में कहा है कि साजिश रचने के दौरान विकास यादव ने कोडनेम अमानत का इस्तेमाल किया। वह भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से जुड़े हुए थे। विकास यादव की वॉन्टेड तस्वीर जारी करते हुए एफबीआई ने कहा है कि उनका जन्म हरियाणा के प्राणपुरा में हुआ था। आरोपों में कहा गया है कि अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत पन्नू की हत्या का प्लॉट रचने में विकास के साथ एक और भारतीय नागरिक (निखिल गुप्ता) शामिल था। एफबीआई का आरोप है कि विकास यादव ने पन्नू के घर का पता, फोन नंबर और पहचान से संबंधित दूसरी सूचनाएं एक अन्य भारतीय नागरिक को उपलब्ध कराईं। 10 अक्टूबर को विकास यादव के खिलाफ न्यूयॉर्क डिस्ट्रिक्ट कोर्ट से अरेस्ट वॉरंट भी जारी हुआ था। विकास यादव की तस्वीर जारी करते हुए अपील की गई है कि अगर उनके बारे में किसी को कोई सूचना मिलती है तो स्थानीय एफबीआई ऑफिस या नजदीकी अमेरिकी दूतावास या कॉन्सुलेट से संपर्क करें।
भारत-कनाडा में तनाव, निज्जर पर नहीं दिए सबूत
ये सब ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत और कनाडा के संबंध काफी तनावपूर्ण हैं। हरदीप निज्जर की हत्या को लेकर कनाडा ने भारत पर उंगली उठाई थी। हालांकि आरोपों के समर्थन में उसने अब तक कोई सबूत नहीं उपलब्ध कराया है। कनाडा ने भारत से साझा किए डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन में कनाडा में भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों पर निज्जर की हत्या के मामले में जुड़े होने का आरोप लगाया है। इस पर भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘जस्टिन ट्रूडो सरकार के रवैए की वजह से भारतीय डिप्लोमैट्स की सुरक्षा खतरे में है। वर्तमान सरकार पर हमें कोई भरोसा नहीं है। हमने कनाडा से कहा है कि ट्रूडो सरकार जिस तरह भारत के खिलाफ अलगाववाद का समर्थन कर रही है, उसके खिलाफ भारत के पास जवाब देने का अधिकार है।‘
भारत ने कनाडा के 6 डिप्लोमैट्स को निकाला
भारत ने बढ़ते तनाव के बीच अपने राजनयिकों को कनाडा से वापस बुला लिया था, इनमें कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा शामिल हैं। इसके साथ ही कनाडा के छह डिप्लोमैट्स को देश से निष्कासित कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने 19 अक्टूबर को रात 11 बजकर 59 मिनट से पहले इन्हें भारत छोड़ने के आदेश दिए हैं। निज्जर की हत्या के बाद भारत-कनाडा के संबंध बहुत बुरे दौर से गुजर रहे हैं। नवंबर 2023 तक भारत ने कनाडा के लोगों के लिए वीजा सेवा बंद रखी थी। भारत ने आरोप लगाया है कि कनाडा की सरकार राजनीतिक फायदे के लिए भारत पर गलत आरोप लगा रही है।