अनेक स्थलों पर जायसी स्वयं 'जायस नगर' का जिक्र करते हैं। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जायस नगर नामक स्थान आज भी स्थित है। इस स्थान का पुराना नाम उद्यान नगर बताया जाता है।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    भारत और अफगानिस्तान: बदलती भू-राजनीतिक परिदृश्य में मजबूत रणनीतिक साझेदार

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    अमेरिका के सहयोगी ब्रिटेन को क्यों है भारत से उम्मीद? क्या खालिस्तान पर लगाम कसेंगे स्टार्मर ?

    तेजस्वी यादव का नौकरी वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    तेजस्वी यादव का नौकरी का वादा: सपने की उड़ान या बिहार की आर्थिक हकीकत से टकराता भ्रम?

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत इज़राइल रणनीतिक साझेदारी

    बदलते वैश्विक समीकरणों और क्षेत्रीय संघर्षों के बीच कैसे बदल रही है भारत-इज़राइल के बीच रणनीतिक साझेदारी ?

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    जोरावर टैंक से नाग मिसाइल का सटीक वार, भारत की स्वदेशी शक्ति का उदय, दुश्मनों के होश उड़ना तय

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    अगर भारत जन्म दे सकता है तो: राजनाथ सिंह की चेतावनी और पाकिस्तान के विघटन की दस्तक

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: विदेशी अनुमोदन के लिए मरता एक देश

    यूक्रेन की मानसिक गुलामी: युद्ध ने कैसे यूक्रेन को पश्चिम की कठपुतली बना दिया ?

    बिहार में 12 रैलियों से हुंकार भरेंगे पीएम मोदी: राष्ट्रनिर्माण की पुकार बन जाएगा चुनावी अभियान

    आर्थिक शक्ति, राष्ट्रीय अस्मिता और आत्मनिर्भर भारत: पीएम मोदी के भाषण का राष्ट्रवादी अर्थ

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन: जिसने राहुल गांधी को सुनाई खरी-खोटी और भारत के लिए जताया प्रेम

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी फहराएंगे 22 फीट का भगवा ध्वज, विवाह पंचमी की तैयारी पूरी

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    PariPesa के सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऑनलाइन गेम्स

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

जिनसे शेरशाह सूरी ने भी माँगी माफ़ी: कहानी ‘पद्मावत’ की रचना करने वाले मलिक मुहम्मद जायसी की

वैदि ऋषि उद्दालक आरुणि से क्या है कनेक्शन

architsingh द्वारा architsingh
17 October 2024
in इतिहास, ज्ञान, संस्कृति
मलिक मुहम्मद जायसी

'पद्मावत' जायसी की वह रचना है जिसने जायसी का नाम इतिहास में सदैव के लिए अमर कर दिया

Share on FacebookShare on X

भारत के इतिहास में मध्यकाल का कालखंड एक सांस्कृतिक संक्रमण के दौर से गुजर रहा था। जहाँ एक ओर मुगलों द्वारा हिन्दू मंदिरों, इमारतों इत्यादि को तोड़कर भारतीय संस्कृति को जबरन नष्ट किया जा रहा था, तो इसी कालखंड में हिंदी साहित्य में ‘जायसी’ जैसे कवि हुए हैं, जो मुस्लिम होते हुए भी अपनी रचनाओं में भारतीय संस्कृति, परंपराओं आदि को बहुत महत्व देते दिखाई देते हैं। मध्यकाल के पूर्वार्द्ध में, जिसे हिंदी साहित्य में भक्तिकाल की संज्ञा दी जाती है, जायसी भी इसी समय साहित्य सृजन कर रहे थे। सगुण और निर्गुण भक्ति की दो धाराएँ इस समय दिखाई देती हैं। जायसी निर्गुण भक्ति धारा की प्रेमाश्रयी शाखा के कवि थे। जायसी के कवि कर्म को जानने से पूर्व उनके जन्म, पृष्ठभूमि आदि के विषय में चर्चा कर लेना भी अपेक्षित है।

जायसी के जन्म के बारे में कोई निश्चित तिथि हमें नहीं मिलती है। अनेक विद्वान यह मानते हैं कि इनका जन्म 1397 ई. से 1494 ई. के बीच किसी समय हुआ होगा। यह जन्मतिथि प्रामाणिक भी प्रतीत होती है क्योंकि एक स्थान पर जायसी स्वयं लिखते हैं:

संबंधितपोस्ट

भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

और लोड करें

“भा आवतार मोर नौ सदी।
तीस बरिख ऊपर कवि बदी।”

इन पंक्तियों में भी किसी निश्चित तिथि की जानकारी तो नहीं प्राप्त होती बल्कि इतना ही अनुमान लगाया जा सकता है कि उनका जन्म संभवतः 800 हिजरी एवं 900 हिजरी के मध्य, अर्थात् सन् 1397 ई॰ और 1494 ई॰ के बीच किसी समय हुआ होगा तथा लगभग तीस से पैंतीस वर्ष की आयु हो जाने पर उन्होंने काव्य-रचना का प्रारम्भ किया होगा।

कहाँ हुआ था मलिक मोहम्मद जायसी का जन्म

इनके जन्मस्थान को लेकर भी विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ विद्वान इनकी जन्मभूमि गाजीपुर मानते हैं किंतु इसके कहीं प्रमाण नहीं मिलते। किन्तु अनेक स्थलों पर जायसी स्वयं ‘जायस नगर’ का जिक्र करते हैं। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में जायस नगर नामक स्थान आज भी स्थित है। इस स्थान का पुराना नाम उद्यान नगर बताया जाता है। चूँकि यह अवधी भाषा का क्षेत्र है और जायसी की रचनाएँ भी ठेठ अवधी में ही हमें मिलती हैं, तो जायसी की जन्मभूमि रायबरेली के इसी जायस नगर को मानना अधिक समीचीन प्रतीत होता है। चूँकि जायसी स्वयं लिखते हैं:

“जायस नगर मोर अस्थानू।
नगरक नाँव आदि उदयानू।
तहाँ देवस दस पहुने आएऊँ।
भा वैराग बहुत सुख पाएऊँ॥”

इन पंक्तियों को पढ़कर तो यही प्रतीत होता है कि जायसी की जन्मभूमि यहीं थी और इन्होंने अपना उपनाम भी अपनी जन्मभूमि से प्रेरित होकर ही धारण किया होगा। जायसी इस नगर को धर्मस्थान भी मानते हैं। एक जगह वह लिखते हैं, “जायस नगर धरम अस्थानू। तहवाँ यह कवि कीन्ह बखानू।” इसे धर्मस्थान जायसी ने क्यों कहा, इस सम्बंध में कई जनश्रुतियाँ भी प्रचलित हैं।

उद्दालक मुनि और जायसी का कनेक्शन

एक जनश्रुति के अनुसार, वहाँ उपनिषदकालीन उद्दालक मुनि का कोई आश्रम था। संभवतः इसीलिए जायसी ने इसे धर्मस्थान कहा होगा। एक कारण यह भी हो सकता है कि जायसी ने अपनी प्रसिद्ध रचना ‘पद्मावत’ यहीं लिखी थी और इसलिए वह अपनी इस जन्मभूमि को धर्मस्थान मानते हों। वजह कुछ भी हो, किंतु यहाँ एक बात स्पष्ट हो जाती है कि जायसी मुस्लिम होते हुए भी उपनिषदकालीन उद्दालक मुनि के कारण इस स्थान को धर्मस्थान कह रहे हैं, जबकि यही वह समय था जब एक ओर मुगल शासकों ने अनेक ऋषियों की तपःस्थलियों को नष्ट करने का प्रयास किया। जायसी का जन्म अवश्य भारत में हुआ, किन्तु वह मूलतः यहीं के थे या ईरानी, यह भी एक बड़ा प्रश्न है। हम जानते हैं कि इनका पूरा नाम मलिक मुहम्मद जायसी था। इनके नाम के पहले ‘मलिक’ उपाधि लगी रहने के कारण ही कहा जाता है कि उनके पूर्वज ईरान से आए थे और वहीं से उनके नामों के साथ यह जमींदार सूचक पदवी लगी आ रही थी, किन्तु उनके पूर्वजों के नामों की कोई तालिका अभी तक प्राप्त नहीं हो सकी है। यहाँ यह चर्चा करना इसलिए महत्वपूर्ण है कि ईरानी मूल के होने के बावजूद जायसी ने भारत की संस्कृति, मान्यताओं और परंपराओं को अपनी रचनाओं में सम्मान की दृष्टि से स्थान दिया है।

‘पद्मावत’ जायसी की वह रचना है जिसने जायसी का नाम इतिहास में सदैव के लिए अमर कर दिया। अपनी इस रचना में जायसी ने भारतीय संस्कृति, ज्ञान-विज्ञान आदि तत्वों को जो बखान किया है, उसे पढ़कर संभवतः लोग यह नहीं कहेंगे कि यह रचना मध्यकाल में किसी मुस्लिम कवि ने लिखी होगी, किन्तु सत्य यही है। इसे आदि सनातन की खूबसूरती ही कहा जाएगा कि सांस्कृतिक उथल-पुथल से भरे इस समय में विदेशी मूल का एक कवि इसकी प्रशंसा कर रहा है। उदाहरण के लिए अपनी कृति में एक स्थान पर जायसी चारों वेदों का वर्णन करते हुए उनकी महत्ता प्रतिपादित करते हुए लिखते हैं:

“चतुर वेद मत सब ओहि पाहां।
रिग, जजु, साम अथर बन माहां।।
वेद वचन मुख सांच जो कहा।
सो जुग अस्थिर होइ रहा।।”

हालाँकि जायसी एक ऐसे कवि थे, जो समन्वयवादी दृष्टि रखते थे। चूँकि वे सूफी दर्शन से प्रभावित थे, अतः स्वाभाविक है कि वे भी ‘इश्क मजाजी’ (इहलौकिक प्रेम) से ‘इश्क हकीकी’ (पारलौकिक प्रेम) पर जोर देते हैं। किन्तु जब वेदों के महत्व को दर्शाना हो या भारतीय दर्शन की बात हो, हर जगह जायसी ने भारतीय या यों कहें कि हिन्दू संस्कृति को अपेक्षाकृत अधिक महत्व दिया है। “परगट गुपुत सो सरब बियापी” जैसी पंक्तियाँ उसी हिन्दू मान्यता को परिलक्षित करती हैं, जिसमें माना जाता है कि ईश्वर सभी प्राणियों में, कण-कण में व्याप्त है।

उनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति में ईश्वर की उपासना के प्रति गहरी आस्था व्यक्त की गई है। जायसी ने इस सांस्कृतिक मूल्य को भी अपनी रचनाओं में स्थान दिया है। उनकी काव्य नायिका पद्मावती बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर शिव जी की पूजा करते समय अपने आराध्य देवता शिव के चरणों में गिरकर प्रार्थना करती है। इस अर्चना और प्रार्थना का फल यह होता है कि पद्मावती को शीघ्र ही रत्नसेन के आगमन का शुभ समाचार मिल जाता है। कुल मिलाकर देखें, तो इस तरह के अनेक प्रसंग एवं घटनाएं इनके काव्य में परिलक्षित होती हैं, जहाँ भारतीय संस्कृति के तत्व प्रमुखता से आते हैं।

जायसी ने खुद को क्यों कहा ‘एक नयन कवि’

भारतीय परंपराओं को मुखर रूप से अपने काव्य में उठाने वाले जायसी के व्यक्तिगत जीवन से जुड़े कुछ अन्य प्रसंग भी मिलते हैं। कहा जाता है कि जायसी कुरूप और एक आँख से थे। कई लोगों का मानना है कि वह जन्म से ही ऐसे थे, पर अधिकतर लोगों का मानना है कि चेचक के प्रकोप से उनका शरीर विकृत हो गया था। हालाँकि अपने काने होने का उल्लेख कवि ने स्वयं भी किया है—”एक नयन कवि मुहमद गुनी”। उनकी दाहिनी आँख फूटी थी या बायीं आँख, इसका उत्तर शायद इस दोहे से मिलेगा—”मुहमद दिसि तजा, एक सरवन एक आंखि।” इससे लगता है कि बाएं कान से भी उन्हें कम सुनाई पड़ता था।

जायस नगर में एक प्रसंग प्रसिद्ध है कि जायसी एक बार शेरशाह के दरबार में गए। वहाँ शेरशाह को उनके भद्दे चेहरे को देखकर हँसी आ गई। किन्तु जायसी को इससे बिल्कुल बुरा नहीं लगा, बल्कि उन्होंने अत्यंत शांत भाव से पूछा, “मोहि कां हंससि, कि कोहरहि?” अर्थात् तू मुझ पर हँसा या उस कुम्हार (गढ़ने वाले ईश्वर) पर? इस पर शेरशाह ने लज्जित होकर क्षमा मांगी। वास्तव में जायसी के जीवन से जुड़े ऐसे किस्से ही उन्हें महात्मा भी बनाते हैं।

इस तरह, भारत एवं इसकी संस्कृति, यहाँ की प्राचीन परंपराओं, विश्वासों, मान्यताओं में गहरी आस्था रखने वाले जायसी की मृत्यु 1542 ई. में हुई। कहा जाता है कि इनका निधन अमेठी के आस-पास जंगलों में हुआ था। इनकी मृत्यु के संबंध में कहा जाता है कि एक दिन अमेठी के राजा को शिकार खेलते समय सिंह की गर्जना सुनाई दी। राजा ने अपने सैनिकों से कहा कि यह गर्जना किसी सामान्य सिंह की नहीं, बल्कि किसी महान पुरुष की मृत्यु का संकेत है। जब राजा ने सिंह की गर्जना की दिशा में खोज की, तो पता चला कि मलिक मुहम्मद जायसी का वहीं जंगल में निधन हो गया था। जायसी के जीवन और मृत्यु से जुड़े इस प्रकार के कई किस्से हमें मिलते हैं, जो उनके संतत्व और महात्म्य की ओर संकेत करते हैं। उनका जीवन सादगी, धार्मिक आस्था, और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण का प्रतीक था।

स्रोत: Padmavat, पद्मावत, Malik Muhammad Jayasi, मलिक मुहम्मद जायसी, History, इतिहास
Tags: HistoryMalik Muhammad JayasiPadmavatPoetइतिहासपद्मावतभक्त कविमलिक मुहम्मद जायसी
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘कमांडर जैसे नहीं, भागते हुए मरा याह्या सिनवार’… खान यूनुस का कसाई हमास चीफ ढेर, नेतन्याहू बोले- हिसाब बराबर

अगली पोस्ट

सिर काट खेलता था फुटबॉल, 184 लोगों और 2000 हाथियों का किया कत्ल: कहानी चंदन तस्कर वीरप्पन की जो दुधमुही बच्ची से डर गया

संबंधित पोस्ट

बांग्लादेश के जन्म की कहानी
इतिहास

Explainer : पाकिस्तान का आतंकी शासन और भारत का जवाब—पूर्वी बंगाल के दमन और बांग्लादेश के जन्म की कहानी

16 October 2025

1947 में ब्रिटिश भारत के विभाजन ने एक ऐसे देश को जन्म दिया, जिसके दो हिस्से थे, और दोनों हिस्सों के बीच हज़ार मील से...

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया
आयुध

कांग्रेस की डर की राजनीति: जिसने भारत के सैनिकों से उनका गौरव छीन लिया

14 October 2025

1947 के बाद कांग्रेस ने भारत की शिक्षा व्यवस्था, मीडिया और सांस्कृतिक संस्थाओं पर पूरा नियंत्रण जमा लिया। इतिहास को इस तरह दोबारा लिखा गया...

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन
इतिहास

दत्तोपंत ठेंगड़ी: भारत के स्वदेशी श्रम आंदोलन के रचनाकार को नमन

14 October 2025

दत्तोपंत ठेंगड़ी का जीवन और उनका कार्य केवल एक विचारधारा या संगठन की सीमाओं में नहीं बंधा। वे केवल एक ट्रेड यूनियनिस्ट नहीं थे, न...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

How Bursting Firecrackers on Deepavali Is an Ancient Hindu Tradition & Not a Foreign Import

00:09:12

This is How Malabar Gold Betrayed Indians and Preferred a Pakistani

00:07:16

What Really Happened To the Sabarimala Temple Gold Under Left Government?

00:07:21

How Stalin is planning to divide the nation through a poisonous agenda?

00:06:44

What's behind India's big warning to Pakistan On Sir Creek ?

00:07:52
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited