चूँकि उस समय यात्राओं के दौरान विश्राम के लिए पड़ाव भी होते थे। इनकी यात्रा का भी एक पड़ाव ब्रज में पड़ा। ब्रज में घण्टे, आरती, संगीत, भजन आदि की आवाज सुनकर इन्होंने अपने साथ के लोगों से पूछा कि यह क्या है?
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हूँ तो मुग़लानी, हिंदुआनी बन रहूँगी मैं… मुग़ल राजघराने की कृष्णभक्त, हज के रास्ते में ब्रज पड़ा और बदल गया जीवन

खुल कर कहा था - मैं नमाज भूल गई, अब पूजा करती हूँ

architsingh द्वारा architsingh
11 October 2024
in इतिहास, ज्ञान, संस्कृति
ताज बेगम, कृष्णभक्त

हज के लिए निकली ताज बेगम का रास्ते में ही हो गया हृदय-परिवर्तन

Share on FacebookShare on X

मध्यकाल में जहाँ एक ओर मुगलिया सल्तनत द्वारा इस्लाम को आम जनमानस पर थोपने का कार्य किया जा रहा था, हिन्दू मंदिरों को तोड़कर मस्जिदें तथा मकबरे बनाये जा रहे थे तो वहीं दूसरी ओर मुगल सल्तनत में भी ताज बीबी जैसी बेगमें, जेबुन्निसा जैसी शहजादियाँ और रहीम जैसे सिपाही हुए जो सनातन के रंग में ऐसे डूबे जिससे सम्भवतः उन्हें विरोध का भी सामना करना पड़ा हो।

आज हम मुगल बेगम ताज बीबी पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे जो कृष्ण प्रेम में इस तरह दीवानी हुईं कि उनकी तुलना मीरा से की जाती है।

संबंधितपोस्ट

अधर्म पर धर्म की विजय के पर्व विजयदशमी को भागवद्गीता की दृष्टि से देखने पर क्या मिलता है?

‘संभाजी महाराज: शिवाजी महाराज के सुपुत्र की शौर्यगाथा’; मराठा योद्धा को लेकर फैलाए गए झूठ का पर्दाफाश

जब औरंगजेब की बेटी को उठा ले गए लुटेरे: बलात्कार और हत्याओं से दहल गए थे मुगल, कहानी ‘गंज-ए-सवाई’ की

और लोड करें

कृष्णभक्ति के कारण मुग़ल सल्तनत में हुआ विरोध

मध्यकाल में जहाँ धार्मिक संकीर्णता अपने चरम पर थी, महिलाओं के लिए अनेक प्रकार के सामाजिक बंधन थे। उस समय हिन्दू–मुस्लिम वैमनस्य अपनी चरम सीमा पर था। तब इस्लाम त्यागकर हिन्दू धर्म की उपासना पद्धति को अपनाना वैसा ही था जैसे जलते हुए अंगारों पर चलना।  इन सभी चुनौतियों का अतिक्रमण करके ताज ने कृष्ण के चरणों में सर्वस्व समर्पण कर दिया।

कहा जाता है कि भक्ति और पागलपन में अत्यधिक अंतर नहीं है क्योंकि भक्त अपने आराध्य के प्रेम में लोक–लाज छोड़कर पागलों की तरह ही व्यवहार करता है। मुगल सल्तनत से सीधा सम्बन्ध रखने वाली ताज बेगम की भक्ति भी कुछ इसी प्रकार थी। वे कृष्ण के प्रेम में इस तरह दीवानी हुईं कि एक ऐसे समय में जब मुस्लिम होना एक प्रिविलेज समझा जाता था उन्होंने स्वयं के बारे में लिखा कि– 

नन्द के कुमार, कुरबान तेरी सुरत पै,
हूँ तो मुग़लानी, हिंदुआनी बन रहूँगी मैं।।“

वास्तव में इन पंक्तियों को पढ़कर ही इनकी कृष्ण के प्रति दीवानगी की अंदाजा लगाया जा सकता है।

ताज बेगम के जीवन के बारे में अधिक जानकारी हमें नहीं मिलती है। इनका जन्म समय, मृत्यु तथा इनका रचनाकाल संदिग्ध ही है। कुछ विद्वानों ने इनका जन्म समय संवत 1652 से लेकर संवत 1700 तक माना है। कहीं पर ताज बेगम का उल्लेख औरंगजेब की भतीजी के रूप में होता है तो कहीं इन्हें मुगल शासक अकबर की बेगम बताया गया है। ताज पर हिंदी के एक प्रसिद्ध रचनाकार गोविंद गिल्ला भाई ने शोध कार्य किया था। इन्होंने ताज के विषय में एक पत्र किन्हीं श्री निर्मल जी को लिखा था। उस पत्र में ताज के जीवन से सम्बंधित कुछ जानकारी अवश्य प्राप्त होती है।

इस पत्र के अनुसार, ताज करौली ग्राम में रहा करती थीं। वे प्रतिदिन सुबह स्नान आदि करके भगवान के दर्शन करने के पश्चात ही भोजन ग्रहण करती थीं। उनकी कृष्ण भक्ति को देखकर मुगलिया सल्तनत में तो उनका विरोध हुआ ही किन्तु कई बार उनके मंदिर जाने पर भी विरोध किया गया। कालांतर में भगवान के प्रति उनकी निष्ठा देखकर वैष्णवों ने उनकी आराधना में कोई व्यवधान नहीं पहुँचाया। इस सम्बंध में एक रोचक कथा भी इस पत्र में गोविंद गिल्ला भाई ने लिखी है। उन्होंने लिखा है कि एक दिन वैष्णवों ने ताज को विधर्मिणी समझकर उन्हें मंदिर में दर्शन करने से रोक दिया।

उस दिन ताज उपवास करके मंदिर के प्रांगण में ही बैठी रहीं और कृष्ण नाम का जप करती रहीं। रात्रि होने पर ठाकुर जी स्वयं मनुष्य का रूप धारण कर भोजन का थाल लेकर ताज के पास आए और कहने लगे तूने आज जरा–सा भी प्रसाद नहीं खाया, ले अब इसे खा। प्रातःकाल जब सब वैष्णव आये, तो ताज ने सारी बातें उनसे कह सुनाई। ताज के सामने भोजन का थाल देखकर वे अत्यन्त चकित हुए। वे सभी वैष्णव ताज के पैरों पर गिर पड़े और क्षमा–प्रार्थना करने लगे। तब से ताज प्रतिदिन भगवान के दर्शन करके प्रसाद ग्रहण करने लगी। पहले ताज मंदिर में जाकर ठाकुर जी का दर्शन कर आती थी तब और दूसरे वैष्णव दर्शन करने जाते थे। यह कथा आज भी करौली गांव में चलती है तथा ताज के लिखे अनेक पद वहाँ आज भी गाए जाते हैं।

गोस्वामी विट्ठलनाथ की शिष्य थीं ताज बेगम

चूँकि ताज के विषय में जानकारी का अभाव है ऐसे में जो भी इनके विषय में लिखा गया है वह कितना प्रामाणिक है यह भी संदेहास्पद है। ताज ने स्वयं जो पद लिखे उन पदों को पढ़कर जरूर समझा जा सकता है कि इनका जीवन कैसा रहा। इस तथ्य को नहीं नकारा जा सकता है कि मुगलों के समय में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराया गया है। भले ही कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी मुगलों के दरबारी इतिहासकारों द्वारा लिखे गए दस्तावेजों के आधार पर मुगल सल्तनत की प्रशंसा करते न थकते हों किन्तु सत्य यही है कि उस समय मुसलमान होना एक प्रिविलेज था।

अनेक दोहरी नीतियों की वजह से जो मार हिन्दू समुदाय को पड़ती थी उससे विवश होकर इस्लाम अपनाने वाले हिन्दू स्वेच्छा से कभी धर्म परिवर्तन नहीं करते। ऐसे कट्टरपंथी शासन में ताज जैसी मुगल बेगम जब इस्लाम से हटकर कृष्ण भक्ति करती है तो निश्चित रूप से उन्हें भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा होगा। उनकी रचनाओं में इस बात की पुष्टि भी होती है। “क्यों सताते हो मुझे पछताओगे, दिलजलों की आह से जल जाओगे” जैसे पद इस बात को सत्यापित करते हैं कि उनके विरोधियों की संख्या भी कम नहीं थी।

ताज बेगम कृष्ण भक्त तो थीं ही लेकिन वृंदावन कैसे गईं और वहाँ गोस्वामी विट्ठलनाथ जी की शिष्य कैसे बनीं इस सम्बंध में एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार इन्होंने मौलवियों और अपने इमाम से पूछा कि क्या अल्लाह का दीदार हो सकता है? सभी ने उत्तर में हाँ कहा। फिर क्या था उत्तर जानकर ताज काबाशरीफ की यात्रा पर निकल पड़ीं। चूँकि उस समय यात्राओं के दौरान विश्राम के लिए पड़ाव भी होते थे। इनकी यात्रा का भी एक पड़ाव ब्रज में पड़ा। ब्रज में घण्टे, आरती, संगीत, भजन आदि की आवाज सुनकर इन्होंने अपने साथ के लोगों से पूछा कि यह क्या है?

इनके साथ आए दीवान ने बताया कि यहाँ हिंदुओं का छोटा खुदा रहता है। ताज ने आग्रह किया कि वह छोटा खुदा से मिलकर अपनी आगे की यात्रा पर जाएंगी। किन्तु ताज ने जैसे ही मंदिर में प्रवेश करना चाहा, वहाँ के पुजारियों ने उन्हें प्रवेश करने से रोंक दिया। प्रवेश न मिलने पर ताज वहीं मंदिर के द्वार पर बैठकर गाने लगीं। कहा जाता है कि ताज की भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान श्री कृष्ण ने इन्हें साक्षात दर्शन देकर कृतार्थ किया। कृष्ण के दर्शन प्राप्त करने के बाद ताज गोस्वामी विट्ठलनाथ जी की सेविका बन गईं। इन्होंने कृष्ण की भक्ति एवं प्रेम में अनेक कविताएँ, छंद और धमार लिखे जो आज भी पुष्टिमार्गीय मंदिरों में गाए जाते हैं।

इस्लामी कट्टरता छोड़ी, नमाज को भूल गईं

कहते हैं कि जो भक्ति का रस चख लेता है वह मजहब, लिंग, जाति हर प्रकार के बंधनों से खुद को मुक्त करके स्वयं को आराध्य के प्रेम में समर्पित कर देता है। ताज ने भी उस समय की मजहबी कट्टरता को को छोड़ कहती हैं कि “देवपूजा ठानी मैं नमाज हूँ भुलानी..” वाकई वर्तमान समय में भी हम देखते हैं कि कुछ कट्टरपंथी एक छोटी से बच्ची के भगवत गीता के श्लोक पढ़ने पर इस्लाम का विरोध बताकर फतवा जारी कर देते हैं तो उस समय तो शासन ही इस्लाम का था। ताज को भी सम्भवतः उस समय के मौलवियों ने शरअ का ज्ञान दिया होगा। “अब शरअ नहीं मेरे कुछ काम की, श्याम मेरे हैं, मैं मेरे श्याम की।” ताज की लिखी इन पंक्तियों से यही परिलक्षित होता है। 

मध्यकाल का भक्तिकाल एक ऐसा समय रहा है जिसे साहित्य में स्वर्ण काल के नाम से भी जाना जाता है। इस काल को स्वर्ण काल बनाने वाले यही भक्त कवि थे। जिनमें सूर, मीरा, तुलसी, रसखान को तो जानते हैं किंतु अनेक ऐसे भक्त कवि रहे जिनपर अपेक्षाकृत कम चर्चा ही हुई। ताज बेगम के बारे में भी मध्यकाल का इतिहास लिखने वालों ने कुछ कम दिलचस्पी ही दिखाई। हालाँकि अब परिदृश्य बदल रहा है और साहित्य पढ़ने पढ़ाने वाले लोग तो गुमनामी के शिकार हुए इन कवियों को मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर ही रहे हैं साथ ही सरकारें भी इनको प्रकाश में लाने का भरपूर काम कर रही हैं।

चूँकि मध्यकाल के अधिकतर भक्त कवि वृंदावन आकर ही बसे और उनका अंतिम समय भी यहीं गुजरा ऐसे में इन सभी की समाधियाँ भी यहीं मथुरा, वृंदावन के आसपास ही थीं। ताज की समाधि भी मथुरा में ही थी किन्तु उपेक्षा के कारण आस पास झाड़–झंखाड़ ही थी। 2022 में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का ध्यान जब गुमनामी की ओर धकेल दिए इन महान कृष्ण भक्तों पर गया तो उन्होंने इन सभी समाधियों के जीर्णोद्धार की परियोजना बनाई।

महिलाओं के लिए सनातन परंपरा में स्वच्छंद है जीवन

वास्तव में हुआ भी ऐसा ही आज ताज बेगम, रसखान आदि भक्तों की समाधियाँ भी मथुरा में पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। इसी परिसर में एक ओपन थिएटर फिल्म केंद्र और एक फूड कोर्ट भी बनाया गया है। यहां बने इस ओपन थिएटर में करीब 500 लोग एक साथ बैठ सकते हैं तथा इस ओपन थिएटर में रसखान और ताज बीबी के जीवन और कार्यों पर शो आयोजित किए जाते हैं।

ताज को पढ़कर यही प्रतीत होता है कि इस्लामी कट्टरता से ऊबकर उन्होंने स्वच्छंद होकर सनातन परंपरा, भारतीय दर्शन में जीना उचित समझा। जहाँ आस्तिकों के लिए सगुण, निर्गुण भक्ति का विकल्प है तो नास्तिक दर्शन का भी स्थान है। जहाँ ईश्वर को मानने के लिए अनेक माध्यम हैं तो न मानने पर फतवा नहीं है। सनातन में किसी को काफिर नहीं समझा जाता, न ही सर तन से जुदा जैसी हिंसात्मक वृत्ति यहाँ मौजूद है। निश्चित रूप से यही कारण रहा होगा जिसकी वजह से ताज और ताज की भाँति ही एक लंबी मुसलमान भक्तों की फेहरिस्त है जो इस्लामी कायदे कानूनों से परे जाकर सनातन के रंग में रंगे।

स्रोत: Taj Begum, ताज बेगम, Mughal, मुग़ल, Krishna Devotee, कृष्णभक्त
Tags: KrishnaMughalTaj Begumकृष्णताज बेगममुग़ल
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

जापानी समूह को मिला नोबेल शांति पुरस्कार, परमाणु खतरे के खिलाफ चलाता है अभियान

अगली पोस्ट

भव्य होगा CM सैनी का शपथग्रहण, हरियाणा में बनी 10 सदस्यीय कमिटी: 240 के बाद बने नैरेटिव से उबर गई BJP

संबंधित पोस्ट

23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द
इतिहास

23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

23 December 2025

भारत में परावर्तन आंदोलन के सबसे प्रभावशाली और निर्भीक अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि भारत में निवास करने वाले मुसलमानों के...

श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया
इतिहास

श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

22 December 2025

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म 22 दिसम्बर 1887 को तमिलनाडु के इरोड ज़िले के कुम्भकोणम् में हुआ था। यह वही प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जहाँ...

इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष
इतिहास

बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

22 December 2025

हमारे देश की एक बड़ी समस्या यह रही है कि अंग्रेजों के समय में पढ़ाया गया गलत और औपनिवेशिक इतिहास आज़ादी के बाद भी बदला...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited