हालाँकि रसखान के वृंदावन आने की ये कथाएं अत्यंत प्रचलित हैं किंतु स्वयं रसखान का भी एक दोहा "देखि ग़दर हित साहिबी दिल्ली नगर मसान। छिनहिं बादसा बंस की ठसक छाँड़ि रसखान।"
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल, केंद्र सरकार मदद को तैयार, जानें केंद्र सरकार को मुआवजा देने में क्यों आ रही दिक्कत

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल

    पंजाब के किसान बाढ़ से बेहाल, केंद्र सरकार मदद को तैयार, जानें केंद्र सरकार को मुआवजा देने में क्यों आ रही दिक्कत

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    B से बिहार, B से बीड़ी: कांग्रेस के ट्वीट से मचा सियासी बवाल

    पीएम मोदी के आवास में भाजपा सांसदों का डिनर

    जेपी नड्डा के घर ‘डिनर’ से शुरू- पीएम मोदी के घर ‘डिनर’ पर खत्म: भाजपा सांसदों की ‘क्लास’ में क्या है ख़ास ?

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    बिहार चुनाव 2025: भाजपा-एनडीए की रणनीति से बन सकता है इतिहास

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    उत्तराखंड में मोबाइल टावरों पर इस्लामिक झंडे: राष्ट्रीय अस्मिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    पहली बार उत्तर प्रदेश के 7 शहरों में महिलाएं संभालेंगी ट्रैफिक व्यवस्था

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    भारत–अमेरिका रिश्ते : ट्रंप की ‘हमेशा दोस्त’ वाली बात पर पीएम मोदी ने दिया ये जवाब

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का यूएनजीए से किनारा, जानें कौन जाएगा डेलिगेशन में

    टैरिफ टेंशन और व्हाइट हाउस की ठनक के बीच पीएम मोदी का संयुक्त राष्ट्र महासभा से किनारा, डेलिगेशन में कौन जाएगा ?

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत-अमेरिका रिश्तों में खटास के 5 बड़े कारण और भारत की नई कूटनीतिक चालें

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    भारत के सम्मान से समझौता नहीं: अमेरिका के लिए चेतावनी है नवारो विवाद

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?

    बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    अयोध्या में भूटान के प्रधानमंत्री का विशेष दौरा: रामलला के किए दर्शन, भारत-भूटान मित्रता को नई ऊंचाई

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मुगलकाल के ‘ग़दर’ से निकला महान कृष्णभक्त, कहानी अमीर पठान परिवार में जन्मे सैयद इब्राहिम खान की

श्रीमद्भागवत का फ़ारसी में किया था अनुवाद

architsingh द्वारा architsingh
10 October 2024
in इतिहास, ज्ञान, संस्कृति
रसखान, श्री कृष्ण

रसखान के दोहे देख कर कोई नहीं यह सकता कि ये किसी मुसलमान ने लिखे होंगे

Share on FacebookShare on X

‘मानुष हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन‘

उपर्युक्त पंक्तियों में इस उत्कटता को देखा जा सकता है कि यदि अगले जन्म में मनुष्य की योनि प्राप्त हो तो मैं वही मनुष्य बनूँ जिसे ब्रज और गोकुल गाँव के ग्वालों के साथ रहने का अवसर मिले। यह अभिलाषा है कृष्ण भक्त कवि रसखान की।

संबंधितपोस्ट

काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

एक जंग में फ्रांस मेडागास्कर के राजा का सिर काट कर अपने देश ले गए थे, अब 128 साल बाद लौटाईं तीन खोपड़ियां

राम मंदिर के समर्थन पर पिता हुए थे बहिष्कृत, किताब के लिए नहीं मिले थे प्रकाशक; कहानी मीनाक्षी जैन के संघर्ष की

और लोड करें

एक समृद्ध पठान परिवार में जन्मे रसखान का मूल नाम सैयद इब्राहिम था। विभिन्न उपलब्ध स्रोतों से यह जानकारी मिलती है कि ये अकबर के समकालीन थे। इनके जन्म समय को लेकर मतभेद हैं। हालाँकि, आम सहमति है कि इनका जन्म 1548 ई. में हुआ था। एक ऐतिहासिक तथ्य के अनुसार कन्नौज के एक काजी सैयद अब्दुल गफूर ने मुगल शासक हुमायूँ को आश्रय दिया था, जब वे शेरशाह सूरी का पीछा कर रहे थे। इससे प्रसन्न होकर अपनी कृतज्ञता का भाव व्यक्त करते हुए हुमायूं ने गफूर को ‘खान‘ की उपाधि दी। संभवत: सैयद इब्राहीम इनके ही वंश के थे। नाम के साथ जुड़ा खान शब्द भी इसी वंशानुक्रम को परिलक्षित करता है।

श्रीकृष्ण के प्रति ऐसे हुई आसक्ति

जन्मसमय की भाँति ही इनके जन्मस्थान को लेकर भी पर्याप्त मतभेद विद्वानों में हैं। कुछ साक्ष्यों के आधार पर इनका जन्म दिल्ली के समीप हुआ माना जाता है तो कहीं–कहीं इनका जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के पिहानी नामक स्थान को बताया जाता है। बाल्यकाल में अच्छी शिक्षा–दीक्षा एवं परवरिश के कारण इन्हें हिंदी, फ़ारसी, संस्कृत आदि भाषाओं का पर्याप्त ज्ञान था। ‘श्रीमद्भागवत‘ का अध्ययन करने के बाद इन्होंने उसका फ़ारसी में अनुवाद भी किया। 

सैयद इब्राहिम ‘रसखान‘ कैसे बने इस सम्बंध में अनेक कथाएं प्रचलित हैं। सैयद इब्राहिम एक लड़की से अत्यधिक प्रेम करते थे तथा उस पर पूर्णतः आसक्त थे। एक बार ये श्रीमद्भागवत पढ़ रहे थे। प्रसंग गोपियों और कृष्ण के प्रणय का था। वृंदावन में गोपियाँ प्रत्येक दिन कृष्ण को अपने बीच चलते–फिरते, हँसते–बोलते, बंसी बजाते और गाय चराते देख कान्हा से अनुरक्त होती हैं और कृष्ण की उनमें। इस प्रणय प्रसंग को पढ़कर इनका सहृदय मन भी अपनी रूपगर्विता प्रणयिनी को छोड़कर कृष्ण के प्रति आसक्त हुआ और इतना आसक्त हुआ कि इनके कृष्ण प्रेम के पदों को ‘रस की खान‘ कहा जाने लगा और इसी तरह ये रसखान कहे जाने लगे।

कृष्ण के प्रेम में डूबने के बाद रसखान वृंदावन चले गए तथा वहाँ गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के शिष्य हो गए। रसखान के आराध्य कृष्ण स्वयं प्रेम के समक्ष नतमस्तक हो जाते हैं और उनका प्रेम जटिलता से दूर अत्यंत सहज है, सम्भवतः रसखान भी उसी सहज प्रेम को देख उनपर आसक्त हुए। इसलिए रसखान कहते भी हैं कि 

“सेस गनेस, महेस, दिनेस, सुरसहू जाहि निरन्तर गावै…,

ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भर छाछ पे नाच नाचावै।“

अर्थात, जिस कृष्ण का ध्यान शेषनाग, गणेश, महादेव, सूर्य एवं देवताओं के राज इंद्र करते हों वो कृष्ण छछिया भर छाछ के लिए गोपियों के इशारों पर नाचते हैं।

चूँकि ये पंक्तियां स्वयं रसखान ने लिखी हैं अतः स्पष्ट है कि रसखान जटिलताओं से मुक्त यही सहज प्रेम कृष्ण से करना चाहते थे। 

सुख-समृद्धि में जन्मे, सब छोड़ थाम लिया भक्ति का दामन

रसखान के जीवन की एक और घटना का जिक्र तत्कालीन साहित्य में मिलता है। चूँकि समृद्ध घर में जन्म होने के कारण इनका प्रारम्भिक जीवन भौतिक सुखों के साथ ही बीता। उस समय के एक ग्रन्थ ‘दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता‘ में इनके लौकिक प्रेम की एक घटना उल्लिखित है। इसके अनुसार, “दिल्ली में एक साहूकार का एक बहुत सुंदर बेटा था। उस छोरे से रसखान का मन ऐसा लगा कि वे सदैव उसी के पीछे फिरा करते थे और उसका जूठा खाने से लेकर प्रत्येक समय उसी की गुलामी करते थे। किसी लड़के के प्रति इतनी आसक्ति और उसकी गुलामी करते देखकर दूसरी बड़ी जात वाले मुस्लिम व्यक्ति एवं काजी आदि रसखान की काफी निन्दा करते थे।

किन्तु, रसखान किसी की परवाह किये बिना ही उस लड़के में आसक्त रहते थे। एक दिन चार वैष्णव मिलकर भगवद्वार्ता कर रहे थे। इस वार्ता के दौरान ऐसी बात निकली कि प्रभु में ऐसा चित्त लगाया जाए जैसा रसखान का चित्त साहूकार के बेटे में लगा है। इनकी ये बातें रसखान सुनीं और कुछ शर्मिंदा होते हुए रसखान ने पूछा– ये तुम लोग मेरी बात क्यों कर रहे हो, तब वैष्णवों ने कहा जो बात थी सो कही। तब रसखान बोले– प्रभु का स्वरूप जब दिखाई दे तब तो चित्त लगाया जाए। तब उस वैष्णव ने उन्हें श्रीनाथ जी का चित्र दिखाया। उसे देखते ही रसखान ने वह चित्र ले लिया और मन में ऐसा संकल्प किया कि जब ऐसा रूप देखूँगा तभी अन्न ग्रहण करूँगा।” इस तरह रसखान लौकिक प्रेम से वितृष्ण होते ही वृंदावन आ गए और कृष्ण के प्रेम में डूब गए। 

इसके अतिरिक्त रसखान के जीवन के बारे में अनेक किवदंतियां प्रचलित हैं किंतु उन सभी का सार यही है कि मध्यकाल के उत्तरार्द्ध में जन्मे रसखान के पास प्रारम्भ से ही सभी प्रकार के भौतिक एवं लौकिक सुख उपलब्ध थे किंतु भगवत प्रेम के आगे उन्होंने सभी सुख–सुविधाओं को त्याग कर वृंदावन में सन्यासी की भाँति कृष्ण के प्रेमी के रूप में अपना जीवन बिताया।

दिल्ली का एक ‘ग़दर’, तख्तोताज से हो गया रसखान का मोहभंग

हालाँकि रसखान के वृंदावन आने की ये कथाएं अत्यंत प्रचलित हैं किंतु स्वयं रसखान का भी एक दोहा “देखि ग़दर हित साहिबी दिल्ली नगर मसान। छिनहिं बादसा बंस की ठसक छाँड़ि रसखान।” से ऐसा परिलक्षित होता है कि सम्भवतः उस समय जरूर दिल्ली में कोई गदर हुआ होगा, जिससे अनेक शवों के कारण दिल्ली श्मशान की तरह बन गई। यही देखकर रसखान ने बादशाही ठसक छोड़कर वृंदावन आकर कृष्ण भक्ति करने का निश्चय किया। हालाँकि रसखान के समकालीन दिल्ली में किसी गदर की ऐतिहासिक पुष्टि नहीं मिलती किन्तु उस समय राजदरबारों में षड्यंत्र और कत्ल आदि हुआ ही करते थे सम्भवतः इसी प्रकार की किसी घटना को देखकर रसखान ने उसे गदर कह दिया होगा। 

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सैयद इब्राहिम नामक एक समृद्ध परिवार से आने वाला पठान लौकिक सुखों को छोड़कर कृष्ण के प्रेम में ऐसा लीन हुआ कि आज भी कृष्ण भक्तों की चर्चा में मीरा और सूर के समतुल्य ही रसखान का नाम लिया जाता है।

कृष्ण प्रेम में लिखे रसखान के सभी पद उत्तम कोटि के हैं। ये पद इस प्रकार लिखे गए हैं कि यदि संकेत न किया जाए तो ऐसा नहीं लगेगा कि ये किसी मुस्लिम रचनाकार ने लिखे हैं। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने जिन मुस्लिम हरिभक्तों के लिये कहा था, “इन मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिन्दू वारिए” उनमें “रसखान” का नाम सर्वोपरि है।

लगभग पैंतालीस वर्ष कृष्ण की आराधना करते हुए 1628 ई. के आसपास रसखान का जीवनकाल समाप्त हो जाता है। मथुरा में आज भी उनकी समाधि है तथा अनेक शिलाखण्डों पर कृष्ण की रति में डूबे उनके दोहे अंकित हैं।

(इस लेख को अर्चित सिंह ने लिखा है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के शोधार्थी हैं)

स्रोत: Raskhan, रसखान, Syed Ibrahim Khan, सैयद इब्राहिम खान, Krishna Devotee, श्रीकृष्ण के भक्त, Mughal, मुग़ल
Tags: HistoryMughalRaskhanShri Krishnaइतिहासमुग़लरसखानश्रीकृष्ण
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्या जम्मू कश्मीर में फिर वापस आ जाएगा अनुच्छेद-370? समझिए नए समीकरण में क्या-क्या हो सकता है

अगली पोस्ट

जब रतन टाटा ने अमिताभ बच्चन के साथ बनाई फिल्म, निधन के बाद भावुक हुए Big B

संबंधित पोस्ट

बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता सरकार क्यों डर रही है The Bengal Files से?
इतिहास

बंगाल की भूली हुई त्रासदी पर ‘चुप्पी’: ममता दीदी को The Bengal Files से इतना डर क्यों लग रहा है?

6 September 2025

विवेक अग्निहोत्री की नई फ़िल्म The Bengal Files 5 सितंबर को देशभर में रिलीज़ हुई, लेकिन बंगाल में इसे देखने से लोगों को रोका जा...

काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन
इतिहास

काशी-मथुरा पर संवाद का रास्ता खुला: भागवत के संतुलित बयान को मदनी का समर्थन

5 September 2025

काशी विश्वनाथ के ज्ञानवापी परिसर और मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दशकों से चल रहा विवाद एक नए मोड़ पर है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख...

ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी
इतिहास

ओणम सिर्फ फसल उत्सव नहीं: वामन और महाबली की कथा को बचाना हमारी जिम्मेदारी

5 September 2025

केरल में ओणम का त्योहार शुरू होते ही पूरा राज्य रंग-बिरंगे पुखलम, भव्य नाव दौड़ और पारंपरिक ओणसद्या भोज से सज जाता है। लेकिन यह...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55

IAF’s Arabian Sea Drill: Is it A Routine exercise or Future Warfare Preparation?

00:05:26

Ganesha’s Empire Beyond Bharat: The Forgotten History of Sanatan Dharma in Asia

00:07:16
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited