हालाँकि रसखान के वृंदावन आने की ये कथाएं अत्यंत प्रचलित हैं किंतु स्वयं रसखान का भी एक दोहा "देखि ग़दर हित साहिबी दिल्ली नगर मसान। छिनहिं बादसा बंस की ठसक छाँड़ि रसखान।"
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मुगलकाल के ‘ग़दर’ से निकला महान कृष्णभक्त, कहानी अमीर पठान परिवार में जन्मे सैयद इब्राहिम खान की

श्रीमद्भागवत का फ़ारसी में किया था अनुवाद

architsingh द्वारा architsingh
10 October 2024
in इतिहास, ज्ञान, संस्कृति
रसखान, श्री कृष्ण

रसखान के दोहे देख कर कोई नहीं यह सकता कि ये किसी मुसलमान ने लिखे होंगे

Share on FacebookShare on X

‘मानुष हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गाँव के ग्वारन‘

उपर्युक्त पंक्तियों में इस उत्कटता को देखा जा सकता है कि यदि अगले जन्म में मनुष्य की योनि प्राप्त हो तो मैं वही मनुष्य बनूँ जिसे ब्रज और गोकुल गाँव के ग्वालों के साथ रहने का अवसर मिले। यह अभिलाषा है कृष्ण भक्त कवि रसखान की।

संबंधितपोस्ट

भारतीय इतिहास शास्त्र की अवधारणा एवं स्वरूप

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 21 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

और लोड करें

एक समृद्ध पठान परिवार में जन्मे रसखान का मूल नाम सैयद इब्राहिम था। विभिन्न उपलब्ध स्रोतों से यह जानकारी मिलती है कि ये अकबर के समकालीन थे। इनके जन्म समय को लेकर मतभेद हैं। हालाँकि, आम सहमति है कि इनका जन्म 1548 ई. में हुआ था। एक ऐतिहासिक तथ्य के अनुसार कन्नौज के एक काजी सैयद अब्दुल गफूर ने मुगल शासक हुमायूँ को आश्रय दिया था, जब वे शेरशाह सूरी का पीछा कर रहे थे। इससे प्रसन्न होकर अपनी कृतज्ञता का भाव व्यक्त करते हुए हुमायूं ने गफूर को ‘खान‘ की उपाधि दी। संभवत: सैयद इब्राहीम इनके ही वंश के थे। नाम के साथ जुड़ा खान शब्द भी इसी वंशानुक्रम को परिलक्षित करता है।

श्रीकृष्ण के प्रति ऐसे हुई आसक्ति

जन्मसमय की भाँति ही इनके जन्मस्थान को लेकर भी पर्याप्त मतभेद विद्वानों में हैं। कुछ साक्ष्यों के आधार पर इनका जन्म दिल्ली के समीप हुआ माना जाता है तो कहीं–कहीं इनका जन्म उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के पिहानी नामक स्थान को बताया जाता है। बाल्यकाल में अच्छी शिक्षा–दीक्षा एवं परवरिश के कारण इन्हें हिंदी, फ़ारसी, संस्कृत आदि भाषाओं का पर्याप्त ज्ञान था। ‘श्रीमद्भागवत‘ का अध्ययन करने के बाद इन्होंने उसका फ़ारसी में अनुवाद भी किया। 

सैयद इब्राहिम ‘रसखान‘ कैसे बने इस सम्बंध में अनेक कथाएं प्रचलित हैं। सैयद इब्राहिम एक लड़की से अत्यधिक प्रेम करते थे तथा उस पर पूर्णतः आसक्त थे। एक बार ये श्रीमद्भागवत पढ़ रहे थे। प्रसंग गोपियों और कृष्ण के प्रणय का था। वृंदावन में गोपियाँ प्रत्येक दिन कृष्ण को अपने बीच चलते–फिरते, हँसते–बोलते, बंसी बजाते और गाय चराते देख कान्हा से अनुरक्त होती हैं और कृष्ण की उनमें। इस प्रणय प्रसंग को पढ़कर इनका सहृदय मन भी अपनी रूपगर्विता प्रणयिनी को छोड़कर कृष्ण के प्रति आसक्त हुआ और इतना आसक्त हुआ कि इनके कृष्ण प्रेम के पदों को ‘रस की खान‘ कहा जाने लगा और इसी तरह ये रसखान कहे जाने लगे।

कृष्ण के प्रेम में डूबने के बाद रसखान वृंदावन चले गए तथा वहाँ गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के शिष्य हो गए। रसखान के आराध्य कृष्ण स्वयं प्रेम के समक्ष नतमस्तक हो जाते हैं और उनका प्रेम जटिलता से दूर अत्यंत सहज है, सम्भवतः रसखान भी उसी सहज प्रेम को देख उनपर आसक्त हुए। इसलिए रसखान कहते भी हैं कि 

“सेस गनेस, महेस, दिनेस, सुरसहू जाहि निरन्तर गावै…,

ताहि अहीर की छोहरियाँ, छछिया भर छाछ पे नाच नाचावै।“

अर्थात, जिस कृष्ण का ध्यान शेषनाग, गणेश, महादेव, सूर्य एवं देवताओं के राज इंद्र करते हों वो कृष्ण छछिया भर छाछ के लिए गोपियों के इशारों पर नाचते हैं।

चूँकि ये पंक्तियां स्वयं रसखान ने लिखी हैं अतः स्पष्ट है कि रसखान जटिलताओं से मुक्त यही सहज प्रेम कृष्ण से करना चाहते थे। 

सुख-समृद्धि में जन्मे, सब छोड़ थाम लिया भक्ति का दामन

रसखान के जीवन की एक और घटना का जिक्र तत्कालीन साहित्य में मिलता है। चूँकि समृद्ध घर में जन्म होने के कारण इनका प्रारम्भिक जीवन भौतिक सुखों के साथ ही बीता। उस समय के एक ग्रन्थ ‘दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता‘ में इनके लौकिक प्रेम की एक घटना उल्लिखित है। इसके अनुसार, “दिल्ली में एक साहूकार का एक बहुत सुंदर बेटा था। उस छोरे से रसखान का मन ऐसा लगा कि वे सदैव उसी के पीछे फिरा करते थे और उसका जूठा खाने से लेकर प्रत्येक समय उसी की गुलामी करते थे। किसी लड़के के प्रति इतनी आसक्ति और उसकी गुलामी करते देखकर दूसरी बड़ी जात वाले मुस्लिम व्यक्ति एवं काजी आदि रसखान की काफी निन्दा करते थे।

किन्तु, रसखान किसी की परवाह किये बिना ही उस लड़के में आसक्त रहते थे। एक दिन चार वैष्णव मिलकर भगवद्वार्ता कर रहे थे। इस वार्ता के दौरान ऐसी बात निकली कि प्रभु में ऐसा चित्त लगाया जाए जैसा रसखान का चित्त साहूकार के बेटे में लगा है। इनकी ये बातें रसखान सुनीं और कुछ शर्मिंदा होते हुए रसखान ने पूछा– ये तुम लोग मेरी बात क्यों कर रहे हो, तब वैष्णवों ने कहा जो बात थी सो कही। तब रसखान बोले– प्रभु का स्वरूप जब दिखाई दे तब तो चित्त लगाया जाए। तब उस वैष्णव ने उन्हें श्रीनाथ जी का चित्र दिखाया। उसे देखते ही रसखान ने वह चित्र ले लिया और मन में ऐसा संकल्प किया कि जब ऐसा रूप देखूँगा तभी अन्न ग्रहण करूँगा।” इस तरह रसखान लौकिक प्रेम से वितृष्ण होते ही वृंदावन आ गए और कृष्ण के प्रेम में डूब गए। 

इसके अतिरिक्त रसखान के जीवन के बारे में अनेक किवदंतियां प्रचलित हैं किंतु उन सभी का सार यही है कि मध्यकाल के उत्तरार्द्ध में जन्मे रसखान के पास प्रारम्भ से ही सभी प्रकार के भौतिक एवं लौकिक सुख उपलब्ध थे किंतु भगवत प्रेम के आगे उन्होंने सभी सुख–सुविधाओं को त्याग कर वृंदावन में सन्यासी की भाँति कृष्ण के प्रेमी के रूप में अपना जीवन बिताया।

दिल्ली का एक ‘ग़दर’, तख्तोताज से हो गया रसखान का मोहभंग

हालाँकि रसखान के वृंदावन आने की ये कथाएं अत्यंत प्रचलित हैं किंतु स्वयं रसखान का भी एक दोहा “देखि ग़दर हित साहिबी दिल्ली नगर मसान। छिनहिं बादसा बंस की ठसक छाँड़ि रसखान।” से ऐसा परिलक्षित होता है कि सम्भवतः उस समय जरूर दिल्ली में कोई गदर हुआ होगा, जिससे अनेक शवों के कारण दिल्ली श्मशान की तरह बन गई। यही देखकर रसखान ने बादशाही ठसक छोड़कर वृंदावन आकर कृष्ण भक्ति करने का निश्चय किया। हालाँकि रसखान के समकालीन दिल्ली में किसी गदर की ऐतिहासिक पुष्टि नहीं मिलती किन्तु उस समय राजदरबारों में षड्यंत्र और कत्ल आदि हुआ ही करते थे सम्भवतः इसी प्रकार की किसी घटना को देखकर रसखान ने उसे गदर कह दिया होगा। 

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सैयद इब्राहिम नामक एक समृद्ध परिवार से आने वाला पठान लौकिक सुखों को छोड़कर कृष्ण के प्रेम में ऐसा लीन हुआ कि आज भी कृष्ण भक्तों की चर्चा में मीरा और सूर के समतुल्य ही रसखान का नाम लिया जाता है।

कृष्ण प्रेम में लिखे रसखान के सभी पद उत्तम कोटि के हैं। ये पद इस प्रकार लिखे गए हैं कि यदि संकेत न किया जाए तो ऐसा नहीं लगेगा कि ये किसी मुस्लिम रचनाकार ने लिखे हैं। भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने जिन मुस्लिम हरिभक्तों के लिये कहा था, “इन मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिन्दू वारिए” उनमें “रसखान” का नाम सर्वोपरि है।

लगभग पैंतालीस वर्ष कृष्ण की आराधना करते हुए 1628 ई. के आसपास रसखान का जीवनकाल समाप्त हो जाता है। मथुरा में आज भी उनकी समाधि है तथा अनेक शिलाखण्डों पर कृष्ण की रति में डूबे उनके दोहे अंकित हैं।

(इस लेख को अर्चित सिंह ने लिखा है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के शोधार्थी हैं)

स्रोत: Raskhan, रसखान, Syed Ibrahim Khan, सैयद इब्राहिम खान, Krishna Devotee, श्रीकृष्ण के भक्त, Mughal, मुग़ल
Tags: HistoryMughalRaskhanShri Krishnaइतिहासमुग़लरसखानश्रीकृष्ण
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

क्या जम्मू कश्मीर में फिर वापस आ जाएगा अनुच्छेद-370? समझिए नए समीकरण में क्या-क्या हो सकता है

अगली पोस्ट

जब रतन टाटा ने अमिताभ बच्चन के साथ बनाई फिल्म, निधन के बाद भावुक हुए Big B

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited