हरियाणा विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा ने बड़ी जीत दर्ज की हो और लगातार तीसरी बार पार्टी सत्ता में लौट रही हो, लेकिन एक क्षेत्र से कुछ ऐसे चुनाव परिणाम आए हैं जो खतरे की घंटी बजाते हैं। ये क्षेत्र है – मेवात। मेवात के फिरोजपुर झिरका विधानसभा क्षेत्र से मामन खान ने बड़ी जीत दर्ज की है। मामन खान का नूहं में हुए दंगों में नाम सामने आया था। बड़ी बात ये है कि उसने 1 लाख के आसपास वोटों से जीत दर्ज की है। ये इस विधानसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत की मार्जिन है। मेवात मुस्लिम बहुल इलाक़ा है।
आइए, अब आपको बताते हैं कि ये मामन खान है कौन। मामन खान वही है, जिसे हरियाणा पुलिस ने नूहं दंगों के मामले में गिरफ्तार कर के जेल भेजा था। निचली अदालत ने उसे जमानत दे दी थी, जिसके बाद हरियाणा सरकार ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। याद दिला दें कि नूहं हिंसा में 100 से भी अधिक लोग घायल हुए थे। कई मरे भी थे। इस मामले में 61 FIR दर्ज की गई थी। पुलिस-प्रशासन ने बताया था कि मामन खान ने हिन्दुओं के खिलाफ घृणा फैलाने के लिए एक सभा की थी, जिसके बाद ये हिंसा भड़की।
हाईकोर्ट में हरियाणा सरकार ने उसे इन दंगों का सरगना भी बताया था। मामन खान के खिलाफ दर्ज FIR में विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, और विस्फोटक पदार्थों के इस्तेमाल के आरोप लगाए गए थे। मामन खान को राहुल गाँधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ देखा गया था। हरियाणा सरकार ने बताया था कि इसी मामन खान ने पूरी हिंसा की साजिश रची। राजस्थान की राजधानी जयपुर से SIT ने उसे गिरफ्तार किया था। SP नरेंद्र बिजारणियां ने बताया था कि मामन खान का संबंध बड़कली चौक पर हुई हिंसा से था।
उन्होंने जानकारी दी थी कि मामन खान दंगाइयों के संपर्क में था, साथ ही उसकी लोकेशन भी वहीं से मिली थी। उसकी गिरफ़्तारी के बाद नूहं में एक बड़े हिस्से को सील करना पड़ा था और धारा-144 लगानी पड़ी थी। नूहं हिंसा में 500 से भी अधिक गिरफ्तारियाँ हुई थीं। अब आप जान लीजिए कि आखिरकार नूहं में हुआ क्या था, ये नूहं हिंसा क्या थी। मेवात का पूरा क्षेत्र ‘लव जिहाद’ के बढ़ते मामलों से लेकर हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा के लिए कुख्यात है। मेवात में इस्लामी कट्टरपंथ की घटनाएँ बढ़ती रही हैं।
हरियाणा के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज ने भी बताया था कि मामन खान के खिलाफ सबूत मिले हैं। बता दें कि जुलाई 2023 में नूहं स्थित नल्हड़ शिव मंदिर पर मुस्लिम भीड़ ने हमला बोल दिया था। जलाभिषेक यात्रा भी नहीं हो पाई थी। भीड़ अस्पताल तक में घुस गई थी और वहाँ तोड़फोड़ मचाई गई थी। वहाँ फँसे लोगों ने बताया कि हमलावरों में नाबालिग लड़के भी शामिल थे। इसके लिए पहले से ही प्लान तैयार कर लिया गया था। पहाड़ियों से मंदिर पर गोलीबारी हुई थी, साथ ही ‘अल्लाह-हू-अकबर’ व ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए जा रहे थे। लगभग 4000 भक्तों की भीड़ को जान बचा कर भागना पड़ा था।
मामन खान की तरह ही नूहं विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के ही आफताब अहमद ने लगभग 47,000 वोटों से जीत दर्ज की है। ये दिखाता है कि मेवात में भले ही भाजपा ने मुस्लिम उम्मीदवार दिए, लेकिन मुस्लिमों ने पार्टी का साथ नहीं दिया और उन्होंने भाजपा को हराने के लिए वोट किया। इसी तरह पुन्हाना से भी कांग्रेस के मोहम्मद इलियास ने जीत दर्ज की, यहाँ भी भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवार को मुँह की खानी पड़ी। नूहं की 3 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं का कब्ज़ा रहा।