जाति न पूछो साधु की, पूछ लिजिए ज्ञान,
मोल करो तलवार का पड़ा रहने दो म्यान…
सदियों पहले कहे गए कबीरदास के दोहे की इन पंक्तियों का सार यही था कि लोगों की पहचान उनकी जाति ना होकर उसका ज्ञान होना चाहिए…लेकिन अगर कबीरदास राहुल गांधी की राजनीति देखते तो क्या लिखते!
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले कुछ समय में जिस तरह से जातिवाद का कार्ड खेला है उसे हास्यास्पद कहा जाए या खतरनाक यह एक अलग शोध का विषय है। राहुल गांधी हर तबके में, हर काम में यहां तक की मिस इंडिया जैसे आयोजनों में भी जाति ढूंढ रहे हैं इसके पीछे कभी आरक्षण बहाना है और कभी जातियों का पिछड़ापन। राहुल गांधी की पार्टी की देश में लंबे समय तक सरकार रही है और जातियों के उत्थान के लिए काम करने का उनके पास बहुत समय था लेकिन अपनी सरकार के दौर में क्या वह ऐसा करते नज़र आए, यह एक सवाल है?
एक सवाल यह भी है कि राहुल गांधी का इस राजनीति के पीछे मकसद क्या है? अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल और कांग्रेस की जातिवादी राजनीति के मकसद को बेपर्दा कर दिया है वो भी आक्रामक लहजे में…
‘हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है कांग्रेस’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए महाराष्ट्र में 7,600 करोड़ रुपए की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और इसी कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर जातिवाद की राजनीति करने और देश को बांटने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा बांटो और सत्ता पाओ के फार्मूले पर चली है, कांग्रेस ने बार-बार यह सिद्ध किया है कि वह एक गैर जिम्मेदार दल बन गया है…वह अभी भी देश को बांटने के लिए नए-नए नैरेटिव गढ़ रही है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा, “कांग्रेस की नीति है हिंदुओं की एक जाति को दूसरी जाति से लड़ाओ, कांग्रेस जानती है कि जितना हिंदू बंटेगा उतना ही उसका फायदा होगा। कांग्रेस किसी भी तरीके से हिंदू समाज में आग लगाए रखना चाहती है ताकि वो उस पर राजनीतिक रोटियां सकती रही।”
‘मुस्लिमों की जातियों पर नहीं बोलती कांग्रेस’
कांग्रेस के नेता हमेशा ही हिंदुओं की जातियों पर सवाल उठाते रहें और इस्लाम को लेकर वे खामोश रहते हैं इसे लेकर भी पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तीखा वार किया है। पीएम मोदी ने कहा, “कांग्रेस देश के मतदाताओं को गुमराह करने से बाज नहीं आ रही कांग्रेस का फार्मूला साफ है कि मुसलमानों को डराते रहो उनको भय
दिखाओ, उनको वोट बैंक को कन्वर्ट करो और वोट बैंक को मजबूत करो।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस के एक भी नेता ने आज तक कभी नहीं कहा कि हमारे मुस्लिम भाई-बहनों में कितनी जातियां होती हैं। मुस्लिम जातियों की बात आते ही कांग्रेस के नेता मुंह पर ताला लगाकर बैठ जाते हैं लेकिन जब भी हिंदू समाज की बात आती है तो कांग्रेस उनकी चर्चा जाति से ही शुरू करती है।”
कांग्रेस के पास नहीं है जवाब!
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने पीएम मोदी के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, पवन खेड़ा ने पीएम मोदी द्वारा उठाए गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया और उन पर सरकारी मंच का दुरुपयोग करने का आरोप लगा दिया। पवन खेड़ा ने ‘X’ पर लिखा कि राजनीतिक भाषण देने और विपक्ष पर हमला करने के लिए पीएम मोदी ने सरकारी कार्यक्रम के मंच उपयोग नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि टैक्स पेयर के पैसे का इस्तेमाल राजनीतिक भाषण देने के लिए नहीं किया जा सकता और न ही किया जाना चाहिए।
मुस्लिम समाज में जातियों की स्थिति
मुस्लिम समाज मुख्यतः तीन जाति समूहों में बंटा हुआ है जिनमें ‘अशराफ’, ‘अजलाफ’ और ‘अरजाल’ शामिल हैं और इनमें अलग-अलग जातियां होती हैं। ‘अशराफ’ समूह की जातियों का संबंध मौजूदा समय के हिसाब से विदेशों से माना जाता है और इनमें सैयद, शेख, पठान, मिर्जा, मुगल जैसी ‘उच्च जातियां’ शामिल हैं। ‘अजलाफ’ वर्ग में कथित उच्च और निम्न वर्ग के मध्य जातियां शामिल की जाती हैं और इनमें प्रमुखत: कुरैशी, अंसारी, मंसूरी, राइन, कंजरा, मिरासी, मनिहार जैसी जातियां शामिल हैं।
बताते चलें कि कुरैशी मीट का व्यापार करने वाले और अंसारी मुख्य रूप से कपड़ा बुनाई के पेशे से जुड़े होते हैं। तीसरे वर्ग ‘अरजाल’ में कथित नीची जातियां शामिल की जाती हैं। इसमें हलालखोर, हवारी, रज्जाक जैसी जातियां शामिल हैं, हिंदुओं में मैला ढोने का काम करने वाले लोग मुस्लिम समाज में हलालखोर और कपड़ा धोने का काम करने वाले धोबी कहलाते हैं। बताया जाता है कि अरज़ाल में वे लोग हैं जिनका पेशा हिंदुओं में अनुसूचित जाति के लोगों का होता था और इन मुसलमान जातियों का पिछड़ापन आज भी हिंदुओं की समरूप जातियों जैसा ही है।
(इस लेख को शिव चौधरी द्वारा लिखा गया है।)