पिछली विजयादशमी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी स्थापना के 100वें वर्ष में प्रवेश कर लिया है। अपनी स्थापना के बाद से जनसेवा और सामाजिक परिवर्तन के काम में जुटे RSS ने अगले वर्ष के लिए अपने कुछ लक्ष्य तय किए हैं। RSS के सर संघचालक मोहन भागवत ने विजयादशमी के अपने भाषण में लक्ष्यों का ज़िक्र किया था और संघ के सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने भी एक कार्यक्रम के दौरान अगले वर्ष के लिए तय किए गए 5 लक्ष्य बताए हैं।
सामाजिक परिवर्तन के 5 बिंदुओं पर काम करेगा RSS
सह सरकार्यवाह आलोक कुमार एक कार्यक्रम के दौरान स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे और उन्होंने बताया कि संगठन ने सामाजिक परिवर्तन के 5 बिंदुओं पर काम करना तय किया है।
– सामाजिक समरसता
– नागरिक कर्तव्य बोध
– पर्यावरण संरक्षण
– स्वदेशी
– कुटुंब प्रबोधन
आलोक कुमार ने इस दौरान कहा कि RSS को ये विषय हर घर तक पहुंचाने होंगे और इन सबके लिए बहुत बड़ी मानव शक्ति की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि कार्य विस्तार में और अधिक कार्यकर्ताओं का निर्माण इन सबके लिए ज़रूरी है और ये काम देश के सामाजिक परिवर्तन की दिशा में बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं।
‘सामाजिक समरसता समाज की स्वस्थ स्थिति की पहली शर्त’
RSS के प्रमुख मोहन भागवत ने पिछली विजयदशमी को अपने संबोधन में कहा था, “समाज की स्वस्थ व सबल स्थिति की पहली शर्त है सामाजिक समरसता तथा समाज के विभिन्न वर्गों में परस्पर सद्भाव। सार्वजनिक उपयोग व श्रद्धा के स्थल यथा मंदिर, पानी, श्मशान आदि में समाज के सभी वर्गों को सहभागी होने का वातावरण चाहिए।” वहीं, उन्होंने पर्यावरण को लेकर कहा था, “उपभोगवादी तथा जड़वादी अधूरे वैचारिक आधार पर चली मानव की तथाकथित विकास यात्रा मानवों सहित सम्पूर्ण सृष्टि की विनाश यात्रा लगभग बन गयी है। अपने भारतवर्ष की परम्परा से प्राप्त सम्पूर्ण, समग्र व एकात्म दृष्टि के आधार पर हमने अपने विकास पथ को बनाना चाहिए था, परन्तु हमने ऐसा नहीं किया।”