दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार को 86 वर्षीय की उम्र में मुंबई में निधन हो गया है। रतन टाटा के जीवन के जुड़े कई किस्से हैं जो काम के प्रति उनके जुनून को बताते हैं। एक ऐसा ही किस्सा है रतन टाटा का अमेरिकी कार कंपनी फोर्ड से बदला लेने का।
इंडिका की असफलता के बाद कार कारोबार बेचना चाहते थे टाटा
रतन टाटा ने 1998 में टाटा की इंडिका कार लॉन्च की थी ये रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट था लेकिन वे सफल नहीं हो पाए। इसके बाद कंपनी को घाटा हुआ और टाटा मोटर्स ने एक साल में ही कार कारोबार को बेचने का फैसला किया। टाटा ने 1999 में इसके लिए अमेरिकन कार निर्माता Ford Motors और उनके चेयरमैन Bill Ford से बात की।
इस डील के लिए बातचीत के दौरान Bill Ford ने रतन टाटा का मज़ाक उड़ाते हुए कहा था कि जब तुम कुछ जानते नहीं हो तो तुमने पैसेंजर कार डिविजन शुरू ही क्यों की थी और अगर में ये डील करूंगा तो ये टाटा के ऊपर एहसान होगा। बताते हैं कि इसे बाद रतन टाटा ने डील नहीं की और वे वापस भारत आ गए।
डूब रही फोर्ड को बचाने आए रतन टाटा
इस कथित अपमान के बाद रतन टाटा ने कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं की और अपना पूरा ध्यान कंपनी के कार डिविजन को बुलंदियों पर पहुंचाने में लगा दिया। रतन टाटा की मेहनत रंग लाई और करीब नौ साल बाद यानी 2008 में उनकी टाटा मोटर्स दुनिया भर के मार्केट में छा चुकी थी और वेस्ट सेलिंग कैटेगरी में सबसे ऊपर आ गई थी।
इस बीच वैश्विक मंदी आ गई और फोर्ड का कारोबार डूबने लगा और फोर्ड खुद को दिवालिया घोषित करने तक की स्थिति में पहुंच चुकी था। जब फोर्ड नुकसान में पहुंची तो रतन टाटा ने फोर्ड की कार सीरीज़ जगुआर और लैंड रोवर को खरीदने का ऑफर दे डाला।
फोर्ड के चेयरमैन ने टाटा को बोला था थैंक्यू
टाटा और फोर्ड के बीच डील के लिए Bill Ford मुंबई आए और इसके तहत रतन टाटा ने Ford की जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर में खरीद लिया था। मुंबई में रतन टाटा के ऑफर को स्वीकार करने के बाद बिल फोर्ड के सुर बदल गए और इस मीटिंग के दौरान उन्होंने टाटा को थैंक्यू बोला था।
इसके बाद फोर्ड ने जो बात कभी रतन टाटा के लिए फोर्ड ने कही थी वही अपने लिए कही उन्होंने टाटा से कहा था कि ‘आप जैगुआर और लैंड रोवर सीरीज को खरीदकर हमपर बड़ा एहसान कर रहे हैं’।