जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के बाद हिंसक घटनाओं का सिलसिला शुरू हो चुका है। हालिया घटना शोपियां जिले की है। इस घटना में गैर-कश्मीरी व्यक्ति की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। मामले में टारगेट किलिंग की आशंका भी जताई जा रही है। मृतक की पहचान अशोक चौहान के रूप में हुई है। वह बिहार का रहने वाला बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शोपियां जिले के जैनापोरा के वडुना इलाके की है। इस मामले में मृतक अशोक चौहान के साथी का कहना है कि वह और अशोक खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान अशोक को किसी व्यक्ति का फोन आया और वह कहीं जाने की बात कहकर वहां से चला गया। काफी देर तक अशोक के वापस न आन पर उसे फोन किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। इसक बाद, उसकी तलाश शुरू की तो स्थानीय लोगों को वह मृत अवस्था में प्राप्त हुआ।
हत्या के इस मामले में स्थानीय पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। घटना के कारणों का पता नहीं चल सका है। इस घटना को लेकर स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अशोक के शव को मेडिकल और कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए हॉस्पिटल भेजा गया है। आगे की जांच व आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
इस हत्या के बाद इलाके में डर और तनाव का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोग और बाहरी राज्यों से आए मजदूर विशेष रूप से चिंतित हैं। जम्मू-कश्मीर में बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों और कामगारों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं पहले भी होती रही हैं, लेकिन नई सरकार के गठन के बाद ऐसी घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। इस क्षेत्र में सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
हालांकि सुरक्षा बलों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी आतंकवादियों द्वारा किए जाने वाले हमलों को पूरी तरह से रोक पाना एक बड़ी चुनौती है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिनमें पहाड़ी इलाकों में आतंकवादियों का छिपना, स्थानीय लोगों का समर्थन प्राप्त करना और सीमापार से मदद मिलना शामिल हैं।
जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन के बाद हुई इस किलिंग ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, उमर अब्दुल्ला ने 16 अक्टूबर को ही शपथ ली है। इसके दो दिन के भीतर ही गैर-स्थानीय व्यक्ति की हत्या होना यह दर्शाता है कि सरकार को अपराध पर लगाने के लिए प्रयास करने होंगे। नई सरकार के गठन के तुरंत बाद इस तरह ही घटनाएं होना सुरक्षा को लेकर सरकार सरकार के बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों के लिए यह स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। सरकार को न केवल कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कदम उठाने होंगे, बल्कि बाहरी नागरिकों के लिए भी सुरक्षा के ठोस इंतजाम करने होंगे।