पश्चिम बंगाल में 232 लाइसेंस प्राप्त फ़ायरक्रैकर्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं और इनमें 14,800 प्रशिक्षित कर्मचारी काम करते हैं। इसी तरह आपने तमिलनाडु के शिवकाशी का नाम सुना होगा, ये तो पूरा का पूरा गाँव ही पटाखा उद्योग के लिए लोकप्रिय है।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस का आत्मघाती दांव

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    बिहार का जंगलराज और सत्येंद्र दुबे की शहादत: एक आईना

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    हिमाचल में वेतन कटौती का संकट: सरकार की नीतियां और जनता की तकलीफ़

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत का नया खेल: जानें ग्रेट निकोबार प्रोजेक्ट पर क्यों पैसे लगा रही सरकार

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    भारत की सेना होगी और भी धारदार, थिएटर कमांड से घटेगा युद्ध का रिस्पॉन्स टाइम

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    गुरुग्राम से हिंद महासागर तक: आईएनएस अरावली की दास्तान

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    नेपाल और विदेशी साज़िश: भारत विरोधी नैरेटिव का सच

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे: मोदी की रणनीति, अमेरिका की बेचैनी और भारत का संतुलन

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

    बैटल ऑफ सारागढ़ी

    बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    ‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    प्रशांत पोळ की ‘खजाने की शोधयात्रा’ पुस्तक में छिपे ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’ के अनमोल रत्न

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    भविष्य की झलक: पीएम मोदी ने की टोक्यो से सेंदाई तक बुलेट ट्रेन की सवारी

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

हजारों करोड़ रुपयों की इंडस्ट्री, पिछड़ी जातियों को मिलता है रोजगार: दीवाली के पटाखों को गाली, न्यू ईयर पर चुप्पी

गुजरात के अहमदाबाद के दस्क्रोई स्थित वंच गाँव में जब आप जाएँगे तो देखेंगे कि 10,000 कामगार हाथ से पटाखा बनाने के काम में लगे रहते हैं

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
2 November 2024
in अर्थव्यवस्था, ज्ञान, व्यापार, संस्कृति
दीवाली, पटाखे, अय्या नाडर

दीवाली के पटाखों से प्रदूषण के स्तर पर प्रभाव नहीं, अय्या नाडर ने स्थापित किया था 'मुर्गा छाप' ब्रांड

Share on FacebookShare on X

पटाखा, पटाखा पटाखा… कौन सा पटाखा? दीवाली वाला। क्योंकि, कुछ लोगों की नज़र में क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक के जो पटाखे हैं वो वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाते हैं और हिन्दू त्योहार दीवाली के जो पटाखे हैं वो प्रदूषण का कारण बनते हैं। दीवाली के बाद दिल्ली की AQI दिखाई जाती है, जैसे साल के बाक़ी दिन दिल्ली सबसे स्वच्छ हवा वाले शहरों में दुनिया में नंबर एक पर आती हो। दीवाली के दौरान तो इस गिरोह के लोग ऐसे चिल्लाते हुए बाहर निकलते हैं जैसे ओजोन लेयर की परत को एक-एक सेंटीमीटर फटते हुए साक्षात देख रहे हों।

असल में इस गिरोह की पूरी कोशिश रहती है कि हिन्दू समाज हीन भावना और अपराध-बोध में जिए। हीन भावना उनके भीतर ये रहे कि उनके त्योहार सबसे बुरे हैं, अपराध-बोध इस बात का रहे कि इस सभ्य दुनिया में वही हैं जो सब कुछ बुरा कर रहे हैं। सूर्य-चंद्र से लेकर मिट्टी से थापी गई शिवलिंग और पीपल-तुलसी के पेड़-पौधों की पूजा करने वालों को क्रिसमस पर प्लास्टिक ट्री सजाने वालों से कमतर बताया जा रहा है। जो राष्ट्र प्रकृति के कण-कण में ईश्वर का रूप देखता है, उसे कहा जा रहा है कि तुम प्रकृति को नुकसान पहुँचा रहे हो।

संबंधितपोस्ट

हिंदू त्योहारों पर बढ़ती हिंसा: कर्नाटक के मद्दुर में गणेश विसर्जन के दौरान पथराव से तनाव

जश्न में शामिल, पर जयकारे में चुप- क्या ये सेक्युलरिज़्म का दिखावा है? गणपति पूजा में अली गोनी की चुप्पी पर सवाल

कृष्णजन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है? जानिए इस बार का शुभ मुहूर्त

और लोड करें

दीवाली से होता है प्रदूषण? आँकड़े तो ऐसा नहीं कहते

आइए, पहले थोड़ा आँकड़े देख लेते हैं। आँकड़े कहते हैं कि प्रदूषण वाले धुएँ में दीवाली से 3 दिन पहले 28 अक्टूबर को पराली जलने की हिस्सेदारी 2% थी, लेकिन वहीं दीवाली के दिन बढ़ कर 28% हो गई। यानी, दीवाली के दिन प्रदूषण के जो आँकड़े थे उनमें एक चौथाई से भी अधिक हिस्सेदारी पराली जलाए जाने के कारण होने वाले धुएँ की थी। अब थोड़ा दीवाली से पहले और इसके बाद का AQI का स्तर भी देख लेते हैं। ‘केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आँकड़े कहते हैं कि दीवाली के दिन AQI 328 था और इसके अगले दिन ये 339 था।

अब दीवाली से एक सप्ताह पहले की बात कर लेते हैं। दीवाली के एक हफ्ते पहले 23 अक्टूबर को AQI का स्तर 364 था, यानी दीवाली और इसके अगले दिन से कहीं अधिक। तब तो पटाखे नहीं फोड़े जा रहे थे? एक सप्ताह पहले ही नहीं, बल्कि दीवाली से 4 दिन पहले 27 अक्टूबर को भी दिल्ली में AQI का स्तर 356 था। ये भी दीवाली और इसके अगले दिन के आँकड़ों से कहीं अधिक है। फिर भी हिन्दू त्योहारों को बदनाम करने की कोशिश में लगे लोग जबरन दीवाली पर होने वाली आतिशबाजी को प्रदूषण से जोड़ कर देखते हैं।

भारत में हजारों करोड़ रुपयों की है पटाखा इंडस्ट्री

ये थी दिल्ली के आँकड़ों की बात। अब थोड़ा उद्योग-धंधे भी देख लेते हैं। भारत में पटाखा इंडस्ट्री से कई कामगारों का घर चलता है। जब पटाखे प्रतिबंधित किए जाते हैं तो इनकी कमाई पर भी असर पड़ता है। गुजरात के अहमदाबाद के दस्क्रोई स्थित वंच गाँव में जब आप जाएँगे तो देखेंगे कि हजारों कामगार हाथ से पटाखा बनाने के काम में लगे रहते हैं। यहाँ लगभग 10,000 ऐसे मजदूर हैं और इन्हें रोज 500 रुपए की दिहाड़ी मिलती है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि इनके सुरक्षा मानकों का ध्यान रखा जाए, इनकी कमाई बढ़ाने की सोची जाए – लेकिन वो कर क्या रहे हैं? पटाखा बैन।

अगर 2023 की बात करें तो उस साल अकेले पश्चिम बंगाल में दीवाली के दर्जन पटाखा इंडस्ट्री का टर्नओवर 8000 करोड़ रुपए था। इस साल इससे लगभग दोगुना, यानी 15,000 करोड़ रुपए के टर्नओवर का लक्ष्य रखा गया था। इस साल पूरे पश्चिम बंगाल में 72 ‘बाज़ी बाजार’ लगाए गए थे, इन मेलों में आकर लोग पटाखों की खरीद-बिक्री करते हैं। पिछले साल 52 ऐसे मेले लगे थे, इस बार 20 अधिक लगे। अकेले पश्चिम बंगाल में 3.10 लाख लोगों की रोजी-रोटी सिर्फ पटाखा उद्योग से चलती है।

पश्चिम बंगाल में 232 लाइसेंस प्राप्त फ़ायरक्रैकर्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं और इनमें 14,800 प्रशिक्षित कर्मचारी काम करते हैं। इसी तरह आपने तमिलनाडु के शिवकाशी का नाम सुना होगा, ये तो पूरा का पूरा गाँव ही पटाखा उद्योग के लिए लोकप्रिय है। शिवकाशी में इस उद्योग का इतिहास 100 वर्ष से भी अधिक पुराना है। इस गाँव और इसके आसपास पटाखा बनाने की लगभग 300 फैक्ट्रियाँ हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने पटाखे बनाने के लिए इस्तेमाल में आने वाले बैरियम नाइट्रेट को बैन कर दिया, जिसके बाद शिवकाशी के लोगों को पटाखों के लिए रॉ मटेरियल मिलने में दिक्कतें आने लगीं। यहाँ के लोग कहते हैं कि बिना किसी अध्ययन के ये फैसला लिया गया है। इसके बदले स्ट्रोंटियम नाइट्रेट का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसमें नमी ज़्यादा होती है और दीवाली के समय ठंडी होने के कारण उत्पाद पर इसका असर पड़ता है।

न्यू ईयर पर दुनिया भर में होती है आतिशबाजी

ऐसा नहीं है कि पटाखे सिर्फ भारत में ही फोड़े जाते हैं, चीन से लेकर अमेरिका-यूरोप तक में लोग आतिशबाजी के मजे लेते रहे हैं। आपने ‘मुर्गा छाप’ पटाखे देखे होंगे। यूपी-बिहार के गाँवों में भी इस ब्रांड के पटाखे उत्तम माने जाते हैं। ‘श्री कलिस्वारी पटाखा उद्योग’ स्थापना शिवकाशी में ही अय्या नाडार और षण्मुगा नाडार द्वारा की गई थी। नाडार जाति परंपरागत रूप से ताड़ी निकालने का काम करती रही है और तमिलनाडु में इन्हें OBC का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में जो लोग दीवाली के पटाखों का विरोध कर रहे हैं, उन्हें OBC विरोधी क्यों नहीं बताया जाना चाहिए? उन्हें पिछड़ा विरोधी क्यों नहीं बताया जाना चाहिए? ये लोग ऐसे तो दलित-ओबीसी का रट्टा लगाते रहते हैं लेकिन ओबीसी समाज के लोगों द्वारा शुरू की गई इंडस्ट्री का धंधा बंद करने की वकालत कर रहे हैं। और हाँ, पटाखा इंडस्ट्री से अपनी रोजीरोटी चला रहे मजदूरों में भी अधिकतर दलित-पिछड़ा समाज से ही हैं, उनकी पेट पर लात क्यों मारी जा रही है?

भारतीय पटाखा उद्योग के संस्थापक अय्या नाडार अपनी पत्नी के साथ। पहले इनकी माचिस कंपनी थी। भारतीय पटाखा उद्योग के ज़्यादातर मालिक नाडार जाति के हैं। ये जाति परंपरा से ताड़ी उतारने का काम करती है। तमिलनाडु में ओबीसी है। सिर्फ शिवकाशी में लगभग सात लाख कर्मचारी साल भर पटाखे बनाते हैं। pic.twitter.com/PyRnKwxrEg

— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) November 2, 2024

आप ईसाई नववर्ष के मौके पर दुनिया भर के वीडियो देख लीजिए। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में दुनिया का सबसे बड़ा फायरवर्क्स डिस्प्ले आयोजित होता है। इसी तरह दुबई और न्यूयॉर्क से लेकर लंदन और रियो-डी-जेनेरियो तक आतिशबाजी के एक से बढ़ कर एक कार्यक्रम होते हैं। लेकिन, एक गिरोह को केवल हिन्दू पर्व-त्योहारों से ही दिक्कत है। इसीलिए, हम हिन्दुओं को हीन भावना व अपराध-बोध त्याग कर इस गिरोह का सामना करना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि पहाड़ों से लेकर नदियों तक की पूजा करने वाला ये देश, जंगलों में तपस्या करने वाले ऋषि-मुनियों की परंपराओं वाला ये देश – प्रकृति पूजक है, प्रकृति का दुश्मन नहीं।

स्रोत: Diwali, दीवाली, Firecrackers, पटाखे, Pollution, प्रदूषण, उद्योग, Industry
Tags: CrackersDiwalifirecrackersHindu festivalPollutionक्रैकर्सदीवालीपटाखेप्रदूषणहिन्दू त्योहार
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

दिल्ली घेरने वालों को खाद-पानी देते थे अरविंद केजरीवाल, लेकिन पंजाब में खाद संकट झेल रहे किसान: केंद्र ने दी भरपूर DAP, फिर भी फेल भगवंत मान सरकार

अगली पोस्ट

पाकिस्तान के आतंकवाद से ड्रैगन भी परेशान; चीनी राजदूत ने पाक के डिप्टी PM को सबके सामने लगाई ‘फटकार’

संबंधित पोस्ट

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया
अर्थव्यवस्था

हालात : भू-राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बना दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया

12 September 2025

नक्शे पर देखिए—दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया। समंदरों और पहाड़ों से घिरा यह इलाका इस समय दुनिया की राजनीति का सबसे बड़ा अखाड़ा है। यहां केवल...

बैटल ऑफ सारागढ़ी
इतिहास

बैटल ऑफ सारागढ़ी: दुनिया का सबसे बेहतरीन लास्ट स्टैंड- जिसमें 21 जवान शहीद हुए थे, लेकिन पहचान सिर्फ 20 सिख जवानों को ही क्यों मिली ?

12 September 2025

सैन्य शब्दकोश का एक शब्द है- ‘लास्ट स्टैंड’, यानी वो लड़ाई जहां एक पक्ष भले ही हार गया हो, लेकिन उसकी शूरवीरता, उसकी जांबाज़ी हार...

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता
इतिहास

‘इतिहास’ का अनुवाद ‘हिस्ट्री’ नहीं होता

12 September 2025

अपनी पुस्तक आर्य (श्रेष्ठ) भारत का प्राक्कथन लिखते समय जो जो विचार मन में आये उन्हें यहाँ प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहा हूँ। किसी...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

Why PM Modi Is Compared to The Indus Valley Priest King! Amid uncertainty in India’s Neighbourhood!

00:06:42

‘The Bengal Files’ Exposing Bengal’s Darkest Chapter – What Mamata Won’t Show!

00:05:37

Why Periyar Is No Hero: The Anti-Hindu Legacy That Stalin & DMK Ecosystem Want You To Forget

00:06:26

Why Hindus Should Reclaim The Forgotten Truth of Onam | Sanatan Roots vs Secular Lies

00:07:03

Suhana Khan in Trouble? Alleged Fake Farmer Claim and the ₹22 Crore Land Deal

00:05:55
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited