हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड में गंगा दीपोत्सव के बीच छिड़ा विवाद अब थम गया है। वजह थी तीन मुस्लिम विधायकों को निमंत्रण। विवाद इसलिए गरमाया, क्योंकि हर की पैड़ी पर गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है। विधायकों के मिले इस न्योते के बाद श्रीगंगा सभा के साथ ही हिंदू संगठनों ने भी खुलकर नाराजगी का इजहार किया। बजरंग दल का कहना है कि प्रशासन को विरोध के आगे झुकना पड़ा और विधायकों का आना रद्द हो गया। उधर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गंगा दीपोत्सव कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान गंगा आरती के साथ ही घाटों पर दीये जलाए गए।
‘सुबह ही फाइनल था कोई मुस्लिम MLA नहीं आएगा’
बजरंग दल के प्रदेश संयोजक अनुज वालिया ने टीएफआई मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में आमंत्रित मुस्लिम विधायकों के नहीं आने की पुष्टि की है। अनुज वालिया ने टीएफआई मीडिया को बताया, ‘प्रशासन को कह दिया था कि किसी को आने ही नहीं देंगे। सुबह ही यह फाइनल हो गया था कि कोई भी मुस्लिम विधायक नहीं आएगा। यह प्रशासन की विफलता है कि इतने बड़े धार्मिक स्थल पर हिंदुओं को आंदोलन के लिए खड़ा होना पड़ता है। हमने चेतावनी दी है कि आगे से ऐसी गलती नहीं होनी चाहिए। सभी हिंदू समाज के लिए यह विजय है।‘
#WATCH | Haridwar | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami offered prayers and participated in Ganga Aarti ahead of the 'Ganga Deepotsav' program organised at Har Ki Pauri on the occasion of State Foundation Day. pic.twitter.com/Gq3OhxGgCT
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 11, 2024
हर की पैड़ी पर होने वाले दीपोत्सव कार्यक्रम में शाम पांच बजे के बाद से तीन लाख दीये जलाए जा रहे हैं। हरिद्वार के 50 से ज्यादा गंगा घाट दीयों की रोशनी से जगमग हैं। दरअसल जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए हरिद्वार जिले के सभी 11 विधायकों को निमंत्रण दिया था। इन विधायकों में से तीन मुस्लिम समुदाय के होने से मामले ने तूल पकड़ लिया। लक्सर से बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद, मंगलौर से कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन और पिरान कलियर से कांग्रेस विधायक फुरकान अहमद को आमंत्रित किए जाने पर श्रीगंगा सभा ने भी आपत्ति जताई।
चुनाव में बिजी, न्योता स्वीकार नहीं किया: MLA निजामुद्दीन
मंगलौर से कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने टीएफआई मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मेरे पास डीएम और एडीएम दोनों की इस कार्यक्रम के लिए कॉल आई थी। मैं कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय सचिव हूं। इसके साथ ही मैं महाराष्ट्र का सह-प्रभारी हूं। मैंने उन्हें बधाई दी और कहा कि मैं महाराष्ट्र चुनाव में व्यस्त होने की वजह से कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाऊंगा। इस वक्त मैं प्रचार के सिलसिले में ही पुणे से सोलापुर जा रहा हूं।‘
हर की पैड़ी पर गैर हिंदुओं के प्रवेश का नियम
गंगा सभा का नियम है कि कोई भी गैर हिंदू हर की पैड़ी में प्रवेश नहीं कर सकता। 2015 में उत्तराखंड के तत्कालीन राज्यपाल अजीज कुरैशी ने गंगा आरती में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी। गंगा सभा के नियम की वजह से अजीज कुरैशी को आरती में प्रवेश नहीं मिल सका था। मालवीय द्वीप पर उनके लिए एक कुर्सी लगाई गई थी और वहीं से उन्होंने आरती में हिस्सा लिया था। श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम का कहना है, ‘इससे पूर्व में तत्कालीन राज्यपाल मार्गरेट अल्वा और अजीज कुरैशी को हर की पैड़ी पर प्रवेश नहीं मिला था। उन्होंने भी नियम का सम्मान करते हुए हर की पैड़ी की बजाए मालवीय द्वीप से गंगा आरती में भाग लिया था।‘
विवाद पर जिला प्रशासन ने क्या कहा
हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने मुस्लिम विधायकों को निमंत्रण दिए जाने को लेकर प्रोटोकॉल का हवाला दिया था। जिलाधिकारी ने कहा, ‘राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रोटोकॉल के तहत सभी प्रमुख अतिथियों को न्योता दिया गया है। भजन संध्या का कार्यक्रम मालवीय द्वीप पर होना है।‘