TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    नायब सैनी ने लापरवाही के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है

    हरियाणा में खेल विभाग के सचिव-निदेशक का तबादला: लापरवाही को लेकर नायब सरकार का बड़ा एक्शन

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    शशि थरूर पीएम की तारीफ कर अपनी ही पार्टी के अंदर निशाने पर आ गए हैं

    कांग्रेस का नया नियम यही है कि चाहे कुछ भी हो जाए पीएम मोदी/बीजेपी का हर क़ीमत पर विरोध ही करना है?

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    जैवलिन मिसाइल

    अमेरिका ने भारत को बताया “मेजर डिफेंस पार्टनर”, जैवलिन मिसाइल समेत बड़े डिफेंस पैकेज को दी मंजूरी, पटरी पर लौट रहे हैं रिश्ते ?

    बांग्लादेश और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की मुलाकात

    ‘हसीना’ संकट के बीच NSA अजित डोभाल की बांग्लादेश के NSA से मुलाकात के मायने क्या हैं?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    दिल्ली ब्लास्ट के बाद पाकिस्तान में हड़कंप: असीम मुनीर की सेना हाई अलर्ट पर, एयर डिफेंस सक्रिय, भारत की ताकत और रणनीति ने आतंकियों और पड़ोसी को किया सतर्क

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    राजनाथ सिंह ने दिखाया आईना, यूनुस को लगी मिर्ची: बांग्लादेश की नई दिशा, भारत की नई नीति

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    आईएनएस सह्याद्री गुआम में: भारत की नौसेना का बहुपक्षीय सामरिक प्रदर्शन, एंटी-सबमरीन युद्ध क्षमता और एशिया-प्रशांत में नेतृत्व

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    ढाका में पाकिस्तानी सक्रियता: यूनुस सरकार, नौसेना प्रमुख की यात्रा और भारत की पूर्वोत्तर सुरक्षा पर खतरे की समीक्षा

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय दर्शन और संविधान

    भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

    तालोम रुकबो

    अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह

    राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

    बी.एन राउ का संविधान निर्माण में बड़ा योगदान है

    क्या बेनेगल नरसिंह राउ थे संविधान के असली निर्माता ? इतिहास ने उनके योगदान को क्यों भुला दिया ?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मदन मोहन मालवीय: BHU की नींव रखने वाले ‘महामना’, जिन्होंने निजाम की जूती को कर दिया था नीलाम

वे चार बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने

Shiv Chaudhary द्वारा Shiv Chaudhary
12 November 2024
in इतिहास, चर्चित
महात्मा गांधी उन्हें बड़ा भाई मानते थे

महात्मा गांधी उन्हें बड़ा भाई मानते थे

Share on FacebookShare on X

महान देशभक्त, स्वतंत्रता सेनानी, दूरदर्शी शिक्षाविद, समाज सुधारक, पत्रकार, वकील और राजनेता मदन मोहन मालवीय को भारत माता के सच्चे सेवक के तौर पर याद किया जाता है। आज (12 नवंबर) को उनकी पुण्यतिथि के मौके पर कई केंद्रीय मंत्रियों ने उन्हें याद किया है।

25 दिसम्बर 1861 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में इनका जन्म हुआ था। उनके पिता पंडित ब्रजनाथ कथा, प्रवचन और पूजा कर्म से परिवार का पालन करते थे। इन पूर्वज मध्यप्रदेश के मालवा से थे, इसलिए उन्हें ‘मालवीय’ कहा जाता है। उन्होंने 5 वर्ष से ही संस्कृत की पढ़ाई शुरू कर दी थी और अंग्रेजी पर भी इनका अच्छी पकड़ थी। इनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी ना होने के कारण उनकी मां ने मालवीय की पढ़ाई के लिए कंगन गिरवी रख दिए थे। 1884 में उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी से बीए की और इलाहाबाद के एक स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया थे। 1885 में कांग्रेस की स्थापना के बाद वे उससे जुड़ गए और दिसंबर 1886 में दादा भाई नैरोजी की अध्यक्षता में हुए कांग्रेस के दूसरे अधिवेशन में उन्होंने परिषदों में प्रतिनिधित्व के मुद्दे पर भाषण दिया था।

संबंधितपोस्ट

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

वंदे मातरम् के 150 वर्ष: बंकिमचंद्र की वेदना से जनमा गीत, जिसने भारत को जगाया और मोदी युग में पुनः जीवित हुआ आत्मगौरव

सरदार पटेल: लौहपुरुष जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया

और लोड करें

फ्री में लड़ते थे गरीबों के मुकदमे

उत्तर प्रदेश की कालाकांकर रियासत के नरेश इनसे बहुत प्रभावित थे और वे ‘हिंदुस्थान’ नामक समाचार पत्र निकालते थे। नरेश ने मालवीय को बुलाकर इसका संपादक बनाना चाहा तो मालवीय ने शर्त रखी की राजा कभी उनसे शराब पीकर बात नहीं करेंगे और वे ‘हिंदुस्थान’ के संपादक बन गए। एक दिन राजा ने अपनी शर्त तोड़ दी तो मालवीय ने इस्तीफा दे दिया और राजा के माफी मांगने के बाद भी वे अपने फैसले पर डटे रहे। राजा ने उनसे अनुरोध किया वे वकालत पढ़ें और इसका खर्च वे खुद देंगे तो मालवीय इसके लिए तैयार हो गए। 1891 में उन्होंने इलाहाबाद से एलएल.बी. करने के बाद जिला अदालत में वकालत शुरू कर दी और दिसंबर 1893 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने लगे। वे झूठे मुकदमे नहीं लेते थे और गरीब लोगों के लिए फ्री में अदालत में केस लड़ा करते थे।

पत्रकार मदन मोहन मालवीय

मालवीय राजनीति और स्वतंत्रता के आंदोलन में लगे थे लेकिन पत्रकारिता को लेकर उनके मन में एक अलग तरह का उत्साह रहता था। मालवीय ने 1907 में एक हिंदी साप्ताहिक के रूप में ‘अभ्युदय’ शुरू किया और 1915 में इसे दैनिक बना दिया। उन्होंने 1910 में एक हिंदी मासिक ‘मर्यादा’ और 1921 में एक और हिंदी मासिक भी शुरू किया। मालवीय ने अक्टूबर 1909 में एक अंग्रेजी दैनिक ‘लीडर’ शुरू किया। वह 1924 से 1946 तक ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के निदेशक मंडल के अध्यक्ष रहे।

गांधी ने उन्होंने बताया था ‘साफ धारा’

पंडित मदन मोहन मालवीय का राजनीतिक करियर कलकत्ता के 1886 के कांग्रेस अधिवेशन से शुरू हो गया था। इसके बाद वे चार बार (1909, 1918, 1930 और 1932) कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। महात्मा गांधी उनका बहुत सम्मान करते थे उन्होंने यंग इंडिया के एक अंक में मालवीय के बारे में लिखा था, “तिलक मुझे हिमालय की तरह लगते थे. जब मुझे लगा कि मेरे लिए इतना ऊंचा चढ़ पाना संभव नहीं होगा तो मैं गोखले के पास गया. वो मुझे एक गहरे समुद्र की तरह लगे।मुझे लगा कि मेरे लिए इतना गहरे उतर पाना संभव नहीं है।” गांधी ने लिखा, “अंत में मैं मालवीय जी के पास गया। वो मुझे एक साफ धारा की तरह लगे और मैंने तय किया कि मैं उस पवित्र धारा में डुबकी लगा लूं।”

महात्मा गांधी ने उन्हें ‘महामना’ की उपाधि दी थी और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने उन्हें ‘कर्मयोगी’ का दर्जा दिया था। गोपाल कृष्ण गोखले और बाल गंगाधर तिलक दोनों का ही अनुयायी होने के कारण उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में क्रमशः नरमपंथी और गरमपंथी दोनों के बीच की विचारधारा का नेता माना जाता था। वर्ष 1930 में जब महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह और सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू किया, तो उन्होंने इसमें सक्रिय रूप से हिस्सा लिया और गिरफ्तार भी हुए। 1934 में सांप्रदायिक आधार पर चुनाव कराने के फैसले पर वे कांग्रेस के रवैये से नाराज हो गए और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने एमएस अणे के साथ मिलकर कांग्रेस राष्ट्रीय दल की स्थापना की थी। हालांकि, उन्होंने कई विषयों पर महात्मा गांधी से मतभेद हुए लेकिन उनके प्रति गांधी के मदद में सम्मान कभी कम नहीं हुआ।

BHU की स्थापना

मालवीय तक्षशिला और नालंदा जैसे भारत के प्राचीन शिक्षा केंद्रों और पश्चिम के आधुनिक विश्वविद्यालयों की परंपराओं के साथ मिलकर एक विश्वविद्यालय बनाना चाहते थे। उन्होंने ज्ञान और आध्यात्मिकता की सदियों पुरानी भारतीय परंपरा के केंद्र के रूप में माने जाने वाले बनारस को इस विश्वविद्यालय के लिए चुना। उन्होंने नवंबर 1911 में हिंदू यूनिवर्सिटी सोसायटी की स्थापना की और दिसंबर 1911 में वकालत छोड़कर विश्वविद्यालय के निर्माण के काम में जुट गए। 1915 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय बिल पास हुआ और डॉ. एनी बेसेंट जैसी हस्तियों के सहयोग से फरवरी 1916 में इस विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गई।

उन्होंने 1912 से ही विश्वविद्यालय के लिए धन संग्रह का व्यापक अभियान चला रखा था और बहुत से राजाओं, नेताओं और विद्वानों ने उन्हें दान दिया था। 1915 के शुरुआती दौर तक चंदे के तौर पर 50 लाख रुपए जमा हो गए थे जिसमें महाराजा बीकानेर, महाराजा जोधपुर और महाराजा कश्मीर ने दान दिया था। बताया जाता है कि मालवीय ने विश्वविद्यालय निर्माण हेतु चंदे के लिए पेशावर से लेकर कन्याकुमारी तक की यात्रा की थी और इस दौरान उन्होंने कुल 1 करोड़ 64 लाख रुपए जमा किए थे।

हैदराबाद के निजाम को मालवीय ने पढ़ाया पाठ

बीएचयू के निर्माण के दौरान देशभर में चंदा इकट्ठा कर रहे मदन मोहन मालवीय का हैदराबाद के निजाम को सबक सिखाने का किस्सा बहुत मशहूर है। मालवीय चंदा लने के लिए निजाम के पास पहुंचे और उनसे आर्थिक सहयोग देने को कहा जिसके लिए निजाम ने इनकार कर दिया। निजाम ने कहा कि दान में देने के लिए उनके पास सिर्फ जूती है। मालवीय इससे नाराज हो गए और निजाम की जूती उठाकर ले आए और चारमीनार के पास उसकी नीलामी शुरू कर दी। इसकी जानकारी जब निजाम को हुई तो उसे अपमान महसूस हुआ और उसने फिर मालवीय को बुलाया और चंदे के तौर पर भारी राशि देकर उन्हें विदा किया।

चौरी-चौरा और काकोरी के आरोपियों के वकील

मालवीय ने राजनीति में आने के बाद वकालत करना लगभग छोड़ दिया था लेकिन 1922 में उन्होंने चौरी-चौरा में शामिल लोगों को बचाने के लिए फिर वकील का कोट पहना और 172 लोगों में से 153 लोगों को बरी करवाया था। साथ ही, काकोरी ट्रेन एक्शन के दौरान जब मशहूर वकील जगतनारायण मुल्ला ने क्रांतिकारियों की पैरवी करने से मना कर दिया तो पंडित राम प्रसाद बिस्मिल ने सितंबर 1927 में मालवीय को एक पत्र लिखा था। इसके बाद मालवीय ने इस एक्शन में शामिल लोगों की रिहाई के लिए वायसराय को प्रतिवेदन भिजवाया जिस पर 78 लोगों ने हस्ताक्षर किए थे। हालांकि, वायसराय ने इस प्रतिवेदन को अस्वीकार कर दिया था।

मालवीय जीवन भर अपनी हिंदू पहचान से जुड़े रहे और उन्हें धर्म बदलने वाले हिंदुओं को पुन: हिंदू धर्म में वापसी की संकल्पना को शरू किया। 1932 में उन्होंने स्वदेशी विचार के प्रचार के लिए वाराणसी में अखिल भारतीय स्वदेशी संघ बनाया था। वे हमेशा इस बात को लेकर चिंतिंत रहते थे कि हिंदुओं को अपने धर्म की जानकारी कम है और वे इलाहाबाद के माघ मेले में लोगों को धर्म के उपदेश देने जाया करते थे।

आजीवन देश की आजादी का सपना देखने वाले भारत माता के इस लाल का 12 नवंबर 1946 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मालवीय को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था, “वह उन महान लोगों में से एक थे जिन्होंने आधुनिक भारतीय राष्ट्रवाद की नींव रखी और इस पर एक-एक ईंट तथा एक-एक पत्थर रखकर भारतीय स्वतंत्रता का शानदार भवन खड़ा किया।” मालवीय को 2014 में मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था।

स्रोत: महामना मदन मोहन मालवीय, महात्मा गांधी, बीएचयू, स्वतंत्रता संग्राम, हैदराबाद निजाम, Mahamana Madan Mohan Malviya, Mahatma Gandhi, BHU, Freedom Fighters, Hyderabad Nizam,
Tags: BHUFreedom FightersHyderabad NizamMahamana Madan Mohan MalviyaMahatma Gandhiबीएचयूमहात्मा गाँधीमहामना मदन मोहन मालवीयस्वतंत्रता संग्रामहैदराबाद निजाम
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

बटेंगे तो कटेंगे: ‘आतंकियों की भाषा, गेरुआ कपड़े बाल नहीं’… योगी का मजाक उड़ाना कांग्रेस को महंगा न पड़ जाए?

अगली पोस्ट

‘भगवान राम भरोसे श्रीलंका’: पर्यटकों को लुभाने एयरलाइंस ने लिया ‘रामायण’ का सहारा, दिल छू लेगा विज्ञापन

संबंधित पोस्ट

भारतीय दर्शन और संविधान
इतिहास

भारतीय चिंतन दृष्टि से संविधान: ज्ञान परंपरा में नागरिकता का इतिहास

2 December 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में नागरिकता (Citizenship) का विचार आधुनिक “राज्य–नागरिक” (State–Citizen) ढाँचे से भले अलग रहा हो, पर इसका इतिहास अत्यंत प्राचीन, समृद्ध और बहुआयामी...

तालोम रुकबो
इतिहास

अरुणाचल प्रदेश के वनवासियों को धर्मांतरण से बचाने वाले तालोम रुकबो: एक भूले-बिसरे नायक की कहानी

1 December 2025

कुछ ऐसे राष्ट्रनायक हुए हैं, जिनके योगदान को सामने लाने में इतिहास ने हमेशा कोताही बरती है। अरुणाचल प्रदेश के तालोम रुकबो भी उन्ही में...

राजा महेंद्र प्रताप सिंह
इतिहास

राजा महेंद्र प्रताप सिंह: आजादी की लड़ाई का योद्धा, जिसने काबुल में बनाई थी स्वतंत्र भारत की पहली निर्वासित सरकार

1 December 2025

"हमारी आज़ादी के आंदोलन में कई महान व्यक्तित्वों ने अपना सबकुछ खपा दिया. लेकिन यह देश का दुर्भाग्य रहा है कि आज़ादी के बाद ऐसे...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45

Why Rahul Gandhi’s US Outreach Directs to a Web of Shadow Controversial Islamist Networks?

00:08:04
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited