भाजपा कार्यालय से भारत माता की मूर्ति हटाने को लेकर मद्रास हाई कोर्ट ने तमिलनाडु पुलिस को लड़की फटकार लगाई है। साथ ही पुलिस की इस कार्रवाई को अत्याचार बताते हुए मूर्ति भाजपा को वापस करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है किसी के दवाब में आकर पुलिस ने मूर्ति हटाई थी।
पुलिस ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा था कि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए मूर्ति को हटाया गया है। इस पर मामले की सुनवाई कर रहे मद्रास हाई कोर्ट के जस्टिस एन आनंद वेंकटेश ने कहा, “कोई भी व्यक्ति अगर होश में हो तो यह तर्क नहीं दे सकता कि किसी की देशभक्ति और अपने देश के प्रति प्रेम को व्यक्त करने से राज्य या किसी समुदाय को खतरा हो सकता है।” कोर्ट ने यह भी कहा कि यह राज्य (सरकार/ प्रशासन) का अधिकार नहीं है कि वह किसी के निजी स्थान पर जाकर इस तरह कोई भी संपत्ति उठाए। भविष्य में भी ऐसा करने की अनुमति नहीं दी जाती।
कोर्ट ने आगे कहा कि निजी संपत्ति पर मूर्ति की स्थापना बेहद निजी मामला था और यह मातृभूमि के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। मूर्ति स्थापित करके भारत माता का सम्मान करना प्रेम और गर्व की अभिव्यक्ति है और यह विरासत से जुड़े मूल्यों और बलिदानों की याद दिलाता है। यह मूर्ति एक निजी मंदिर की तरह है जो मातृ भूमि के लिए आशा, एकता और सम्मान को दर्शाता है। साथ ही भारत माता देश की स्वतंत्रता और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतिनिधित्व करती हैं।
बीजेपी ऑफिस से भारत माता की मूर्ति हटाए जाने को लेकर कोर्ट ने पुलिस से कहा, “मेरे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं है कि पुलिस ने निजी संपत्ति से भारत माता की मूर्ति को जबरन उठाया था साथ ही ऐसा लगता है कि कहीं और से दबाव के कारण ऐसा किया गया था। पुलिस का यह कृत्य अत्यंत निंदनीय है और भविष्य में भी ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। हम एक कल्याणकारी राज्य में रह रहे हैं, जहां कानून का शासन है। इसलिए, इस तरह की मनमानी कभी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।”
इसके अलावा पुलिस ने कोर्ट से यह भी कहा कि भाजपा ने भारत माता की मूर्ति रखने के लिए अनुमति नहीं ली थी। इस पर कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर लगने वाली मूर्तियों के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है, क्योंकि इससे लोग प्रभावित होते हैं। लेकिन निजी संपत्ति में मूर्तियां स्थापित करने को लेकर अलग दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है।
क्या है मामला:
दरअसल, अगस्त 2023 में तमिलनाडु के विधुनगर जिले में स्थित भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय में भारत माता की मूर्ति की स्थापित की गई थी। इस मूर्ति का अनावरण तमिलनाडु के भाजपा अध्यक्ष के. अन्नामलाई को करना था। लेकिन अनावरण से दो दिन पूर्व ही 7 अगस्त, 2023 की रात तमिलनाडु पुलिस इस मूर्ति को जबरन उठा ले गई थी। इसके भाजपा की ओर से डीएमके सरकार पर सत्ता का गलत उपयोग करने का आरोप लगाया गया था। मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी से भी यह काफी हद तक स्पष्ट हो गया है कि सरकार के दवाब में ही भारत माता की मूर्ति हटाई गई थी।