पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग (Darjeeling) में पुलिस और सेना के संयुक्त ऑपरेशन में फ्रांसिस एक्का (Francis Ekka) नामक एक शख्स को डीआरडीओ (DRDO) के सीक्रेट दस्तावेज और बड़ी मात्रा में रेडियोऐक्टिव पदार्थ (Radioactive material) के साथ गिरफ्तार किया गया है। आरोपी फ्रांसिस एक्का, नक्सलबाड़ी पंचायत समिति की तृणमूल कांग्रेस की नेता अमृता एक्का (Amrita Ekka) का पति है। फ्रांसिस की गिरफ्तारी 26 नवंबर को नक्सलबाड़ी ब्लॉक के बेलगाछी गांव से की गई है। जिस पदार्थ को आरोपी के पास से बरामद किया गया है उसका इस्तेमाल आमतौर पर परमाणु संयंत्रों में किया जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांसिस और उनकी पत्नी अमृता दोनों बेलगाछी चाय बागान में कर्मचारी थे और अमृता के नक्सलबाड़ी पंचायत समिति के सदस्य बनने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
इस मामले को लेकर एक अधिकारी ने ‘पीटीआई’ को बताया है, “हमें उसके (फ्रांसिस) पास से कई गोपनीय डीआरडीओ दस्तावेज और बड़ी मात्रा में रेडियोऐक्टिव कैलिफोर्नियम मिला। आरोपी इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब देने में विफल रहा कि ये चीज़ें उसके पास क्यों थीं।” अधिकारी ने दावा किया है कि आरोपी के पास से जब्त किए गए कैलिफोर्नियम के एक ग्राम की कीमत करीब ₹17 करोड़ हो सकती है। पुलिस ने आरोपी के घर को सील कर दिया है और उसके खिलाफ तस्करी के आरोप में केस दर्ज किया गया है। आरोपी के विदेशी संगठनों से संबंधों की भी जांच की जा रही है।
फ्रांसिस को लेकर ‘हिंदुस्तान’ ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि फ्रांसिस एक्का की नेपाल से नजदीकी थी और हाल के दिनों में उनकी जीवनशैली में काफी बदलाव देखा गया था। आरोपी फ्रांसिस के पड़ोसियों का कहना है कि उनके रहन-सहन और व्यवहार में अचानक आए बदलाव ने संदेह पैदा किया लेकिन उनकी राजनीतिक ताकत के चलते किसी ने सवाल उठाने की हिम्मत नहीं की।
कैसे फ्रांसिस तक पहुंची पुलिस?
इस घटना की शुरुआती जांच में सुरक्षाबलों ने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के साथ-साथ बिहार और बंगाल के गिरोह का हाथ होने की भी आशंका जताई है। इससे कुछ महीनों पहले बिहार के गोपालगंज में भी करीब 50 ग्राम रेडियोऐक्टिव पदार्थ बरामद किया गया था और उसे भी ही कैलिफोर्नियम माना गया था। बिहार में पुलिस ने इस घटना को लेकर 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ‘टीवी9 बांग्ला‘ के मुताबिक, बिहार से गिरफ्तार किए गए लोगों से पूछताछ के दौरान पुलिस को इस टीएमसी नेता के बारे में जानकारी मिली थी। 2021 में लखनऊ से भी कैलिफोर्नियम जैसे कुछ रेडियोऐक्टिव पदार्थ बरामद किये गए थे और तब 8 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
क्या होता है कैलिफोर्नियम?
कैलिफोर्नियम खोजा जाने वाला छठा ट्रांसयूरेनिक (ट्रांसयूरेनियम) तत्व था। कैलिफोर्नियम को पहली बार 1950 में बर्कले में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में साइक्लोट्रॉन में क्यूरियम-242 पर हीलियम आयनों की बमबारी करके बनाया गया था। इसका नाम राज्य और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के नाम पर रखा गया था। कैलीफोर्नियम आवर्त सारणी का 98वां तत्व है और इसका सिंबल cf है। कैलिफोर्नियम के सारे आइसोटेाप्स भी रेडियोऐक्टिव होते हैं। कैलीफोर्नियम एक लचीली और मुलायम धातु है जिसे रेजर ब्लेड से काटा जा सकता है। हालांकि, कमरे के तापमान पर यह कठोर हो जाती है। इंसानी शरीर में पहुंचने पर कैलीफोर्नियम से कैंसर होने का खतरा होता है।
BJP ने क्या कहा?
इस गिरफ्तारी के बाद जहां एक और सुरक्षा एजेंसियां हैरान हो गई हैं वहीं, दूसरी ओर राजनीतिक सरगर्मियां भी बढ़ गई हैं। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि इस घटना में टीएमसी का देश विरोधी चेहरा सामने आया है। उन्होंने कहा, “DRDO के कागज वहां तक पहुंच गए और किसी को भनक तक नहीं लगी। क्या यह मिलीभगत है या सरकार की नाकामी है।” बकौल पूनावाला, टीएमसी का हाथ हमेशा ऐसे लोगों के साथ ही क्यों होता है जो राष्ट्र विरोधी होते हैं।
Husband of TMC leader caught with secret DRDO documents and radioactive substance
NUCLEAR MATERIAL FOUND AT TMC NETA’s HOUSE
Dangerous and valuable *nuclear chemical ‘Californium’ has been recovered from the house of TMC leader Francis Ekka*. The price of this chemical in the… pic.twitter.com/PgiJKc5CoD
— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) November 30, 2024
फ्रांसिस के पास कैलिफोर्नियम और डीआरडीओ के संवेदनशील कागजात होना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़े खतरे की बात है। कई विशेषज्ञों ने भी इस बरामदगी पर चिंता जताई है। सुरक्षा एजेंसियां अब इसके पीछे की कड़ियों को जोड़ रहे हैं और फ्रांसिस के कैलिफोर्नियम रखने के पीछे की असल वजहों को तलाश कर रही हैं।