भारत-ऑस्ट्रेलिया (IND VS AUS) के बीच मेलबर्न में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) के चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 184 रनों से हराकर सीरीज़ में 2-1 से बढ़त बना ली है। मैच के दौरान भारतीय बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) को कैच आउट दिए जाने पर विवाद छिड़ गया है। दरअसल, चौथी पारी में जब भारत मैच बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था तो 71वें ओवर में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैंट कमिंस की गेंद पर तीसरे अंपायर शरफुद्दौला ने अंपायर के फैसले को पलटते हुए जायसवाल को आउट दिया था। जिस समय जायसवाल आउट हुए वह 208 गेंदों का सामना कर चुके थे और 84 रनों पर खेल रहे थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है एक और जहां कुछ लोग जायसवाल को जानबूझकर गलत आउट दिए जाने का दावा कर रहे हैं जबकि कुछ लोग डिफ्लेकशन के ज़रिए इस फैसले को सही साबति करने पर तुले हैं।
स्निको में नहीं दिखा था स्पाइक
जायसवाल का विकेट भारत और ऑस्ट्रेलिया की जीत के सबसे महत्वपूर्ण विकेट साबित हुआ। इस मामले में जिस बात को लेकर बहस टिकी हुई है वो स्निको मीटर पर स्पाइक का ना दिखना है। मैदानी अंपायर ने जायसवाल को नॉट-आउट दिया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने इसे रिव्यू किया और फैसले को तीसरे अंपायर के पास भेजा गया है। रिव्यू में बॉल और बल्ले के बीच सीधा संपर्क तो नज़र नहीं आया लेकिन हल्का डिफ्लेक्शन ज़रूर दिखाई दिया। यानी गेंद बल्लेबाज़ से आगे जाते हुए हल्का मुड़ती नज़र आई, अब यह बल्ले-ग्लव्स के चलते हुआ या यह लेट स्विंग था इसे लेकर लोगों के दावे ही हैं। क्योंकि स्निकोमीटर पर गेंद के बल्ले के पास से गुज़रते समय मीटर पर कोई हलचल नज़र नहीं आई। इस फैसले के बाद जायसवाल भी निराश दिखे और ड्रेसिंग रूम में जाने से पहले वे दोनों अंपायरों से बातचीत करते भी नज़र आए।
आमतौर पर जब फैसला संदिग्ध होता है तो ‘संदेह का लाभ’ या तो बल्लेबाज़ को दिया जाता है या ऑन फील्ड अंपायर के फैसले को ही बरकार रखा जाता है। लेकिन इस मामले में जब स्निको नहीं दिखा तो ‘संदेह का लाभ’ जायसवाल को मिलना चाहिए था। दूसरी ओर लोगों का एक तर्क यह भी है कि अगर तीसरे अंपायर को टेक्नोलॉजी के बिना ही फैसला लेना है तो टेक्नोलॉजी होने का लाभ ही क्या रह जाएगा।
‘Snicko ऑस्ट्रेलिया का छठा गेंदबाज़’
मैच के दौरान कमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री और सुनील गावस्कर समेत अन्य दिग्गजों ने इस फैसले पर हैरानी जताई है। इस दौरान हिंदी कमेंट्री कर रहे शास्त्री ने कहा कि आज स्निकोमीटर ऑस्ट्रेलिया का छठा गेंदबाज़ है। वहीं, गावस्कर ने इस फैसले को पूरी तरह गलत बताते हुए कहा कि स्निकोमीटर पर कोई स्पष्ट सबूत नहीं था। साथ ही, दीप दासगुप्ता और इरफान पठान ने भी इस फैसले पर अपनी आपत्ति जताई। वहीं, आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी रिकी पॉन्टिंग ने इस फैसले को सही ठहराया है।
कौन हैं शरफुद्दौला?
48 वर्षीय शरफुद्दौला इब्ने शाहिद आईसीसी अंपायर के एलीट पैनल में शामिल होने वाले पहले बांग्लादेशी थे। फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में 10 मैच खेलने वाले शरफुद्दौला ने 23 टेस्ट, 100 वनडे और 73 टी20I में अंपायरिंग की है। इसके साथ ही, शरफुद्दौला 45 महिला अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अंपायरिंग कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शरफुद्दौला ने पहली बार 2010 में अंपायरिंग की थी और इस क्षेत्र में उनके पास 14 वर्षों का अनुभव है।