शिवप्रकाश ने भाजपा के सभी गुटों को साधा, बगावत की आशंका को न्यूनतम स्तर पर लाया गया। बागी रुख रखने वाले नेताओं से उन्होंने खुद संवाद किया, इन नेताओं ने भाजपा के संयुक्त महामंत्री (संगठन) की इस पहल को गंभीरता से लिया।
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    goa mukti diwas

    गोवा मुक्ति दिवस: राष्ट्रीय सम्मान और संकल्प का प्रतीक

    KARNATAKA HATE SPEECH CRIME

    हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

    पाकिस्तान की चाल: हादी शूटिंग की आड़ में पुरानी फॉल्ट लाइन्स को फिर से भड़काने की कोशिश

    पाकिस्तान की चाल: हादी शूटिंग की आड़ में पुरानी फॉल्ट लाइन्स को फिर से भड़काने की कोशिश

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    donald trump

    ट्रम्प ने मारिजुआना को शेड्यूल-I से हटाने पर विचार का संकेत दिया, सिर्फ़ मेडिकल इस्तेमाल पर ज़ोर

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    goa mukti diwas

    गोवा मुक्ति दिवस: राष्ट्रीय सम्मान और संकल्प का प्रतीक

    kakori hatyakand

    क्रान्ति की मशाल : काकोरी कांड के अमर नायक पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

    kakori hatya kand

    बलिदान दिवस : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    goa mukti diwas

    गोवा मुक्ति दिवस: राष्ट्रीय सम्मान और संकल्प का प्रतीक

    KARNATAKA HATE SPEECH CRIME

    हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

    पाकिस्तान की चाल: हादी शूटिंग की आड़ में पुरानी फॉल्ट लाइन्स को फिर से भड़काने की कोशिश

    पाकिस्तान की चाल: हादी शूटिंग की आड़ में पुरानी फॉल्ट लाइन्स को फिर से भड़काने की कोशिश

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले  गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    जॉर्डन के बाद इथियोपिया में भी दिखी ‘कार डिप्लोमेसी’, पीएम मोदी को खुद ड्राइव कर ले गए इथियोपियन पीेएम अबी अहमद

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    donald trump

    ट्रम्प ने मारिजुआना को शेड्यूल-I से हटाने पर विचार का संकेत दिया, सिर्फ़ मेडिकल इस्तेमाल पर ज़ोर

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    sajid akram

    सिडनी हमलावर साजिद अकरम का इंडिया लिंक, तेलंगाना पुलिस ने किया खुलासा

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    17 दिसंबर राइट ब्रदर्स दिवस: मानव उड़ान की ऐतिहासिक शुरुआत और विज्ञान की जीत

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    goa mukti diwas

    गोवा मुक्ति दिवस: राष्ट्रीय सम्मान और संकल्प का प्रतीक

    kakori hatyakand

    क्रान्ति की मशाल : काकोरी कांड के अमर नायक पंडित रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

    kakori hatya kand

    बलिदान दिवस : देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले अमर

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    राष्ट्रीय अपमान का बदला: सांडर्स वध से गूंजा भारत का क्रांतिकारी प्रतिशोध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    आत्मनिर्भर भारत की वैज्ञानिक विजय: ‘नैफिथ्रोमाइसिन’, कैंसर और डायबिटीज के मरीजों के उम्मीदों को मिली नई रोशनी, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये दवा

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

नाराज़ थे BJP के जो नेता-कार्यकर्ता, ‘शिव’ मंत्र ने उनको दिखाया ‘प्रकाश’: यूपी के नेता ने महाराष्ट्र में कसे संगठन के पेंच

शिवप्रकाश ने भाजपा के सभी गुटों को साधा, बगावत की आशंका को न्यूनतम स्तर पर लाया गया। बागी रुख रखने वाले नेताओं से उन्होंने खुद संवाद किया, इन नेताओं ने भाजपा के संयुक्त महामंत्री (संगठन) की इस पहल को गंभीरता से लिया।

Anupam K Singh द्वारा Anupam K Singh
2 December 2024
in राजनीति, समीक्षा
शिवप्रकाश, भाजपा

अजित पवार-एकनाथ शिंदे से नाराज़ थे भाजपा कार्यकर्ता, फिर शिवप्रकाश ने दिया 'भाजपा का CM' वाला मंत्र

Share on FacebookShare on X

महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के ‘कोप-भवन’ में जाने के बाद सब ये पूछने लगे कि अब CM कौन बनेगा। लेकिन, क्या आपको पता है कि भाजपा ने पहले ही तय कर दिया था कि उसका लक्ष्य न केवल 125 सीटें जीतने का रहेगा, बल्कि मुख्यमंत्री भी पार्टी का ही कोई व्यक्ति होगा। आइए, आपको इस लक्ष्य और इसे प्राप्त करने के लिए

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की जीत की चर्चा है, उससे भी अधिक चर्चा है अकेले दम पर भाजपा के प्रदर्शन की। राज्य के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 149 सीटों पर चुनाव लड़ा, 89% स्ट्राइक रेट के बाद उसे 132 प्राप्त हुई। पूर्ण बहुमत से BJP अकेले दम पर मात्र 13 सीटें ही पीछे रहीं। महायुति ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीटें जीत कर इतिहास रच दिया। इस जीत का नायक भाजपा संगठन को माना जा रहा है। चुनाव प्रभारी और सह-प्रभारी के रूप में भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव ने ख़ूब मेहनत की। RSS कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का बीड़ा अतुल लिमये ने उठाया।

संबंधितपोस्ट

भाजपा में पीढ़ी परिवर्तन का संकेत: नितिन नवीन की नियुक्ति क्या कहती है?t

BJP ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को पूरे सप्ताह उपस्थित रहने के दिए निर्देश, क्या लोकसभा में कुछ बड़ा होने वाला है?

बिहार के बाजीगरों के जरिये पश्चिम बंगाल फतह का ताना-बाना बुन रही भाजपा

और लोड करें

इस दौरान एक ऐसा भी नाम है जो संगठन प्रभारी के रूप में राज्य में चुपचाप काम करता रहा, ख़ामोशी से की गई मेहनत ने ऐसी शोर मचाई जिसकी गूँज दूर-दूर तक सुनाई दे रही है। उनका नाम है – शिवप्रकाश। शिवप्रकाश का महाराष्ट्र में पुराना अनुभव रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें और भूपेंद्र यादव को 22-22 सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी। भले ही लोकसभा चुनाव में NDA 48 में से मात्र 17 सीटें ही अपने नाम कर पाई, लेकिन विधानसभा चुनाव में पूरा पलड़ा ही पलट गया। ये भी बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान स्वास्थ्य कारणों से भूपेंद्र यादव उतने सक्रिय नहीं रहे थे, जिस कारण उनकी हिस्से की 22 सीटों पर भी शिवप्रकाश ने ही संगठनात्मक जिम्मेदारियाँ निभाईं।

125 सीटें, अपना CM: ये था BJP का लक्ष्य

वो मंडल स्तर पर कार्यकर्ताओं की बैठकों के लिए जाने जाते हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में वो सफलता से भाजपा की जीत में संगठन को एक्टिवेट करने की भूमिका निभा चुके हैं। भाजपा कैडर आधारित पार्टी है, ऐसे में कार्यकर्ताओं का यहाँ विशेष महत्व है। आइए, अब आपको बताते हैं कि आखिर कैसे महाराष्ट्र में भाजपा संगठन और सरकार के बीच समन्वय बना, कैसे भाजपा के कार्यकर्ता न सिर्फ Mobilise हुए बल्कि पार्टी को सत्ता तक पहुँचाने के लिए जी-तोड़ मेहनत की।

भाजपा ने शुरू से ही महाराष्ट्र में 125 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था। साथ ही पार्टी ने ये भी मन बना लिया था कि इतनी सीटें आते ही कोई भाजपाई ही मुख्यमंत्री होगा। यही कारण है कि जिन 149 सीटों पर पार्टी लड़ रही थी, वहाँ ख़ास फोकस रखा गया। इसकी शुरुआत की है सरकार से संगठन की नाराज़गी को पाट कर।

अजित पवार से दिक्कत, एकनाथ शिंदे ने भी की गड़बड़ियाँ

पार्टी कार्यकर्ताओं में अजीत पवार को गठबंधन में शामिल करने को लेकर नाराज़गी थी। शिवप्रकाश ने संगठन के कार्यकर्ताओं को ये समझाया कि वो भाजपा का मुख्यमंत्री बनाने के लिए मेहनत करें, इसके बाद उन्हें शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। शरद पवार के खाते में जाने वाले विधायक अजीत पवार के साथ आ रहे हैं और उनकी पार्टी के कमजोर होने का फायदा महायुति को मिल रहा है तो ये अच्छा है।

कार्यकर्ताओं की शिकायतें थीं कि शिवसेना के एकनाथ शिंदे उनकी बातें नहीं सुनते। साथ ही वो अजीत पवार की NCP और भाजपा के साथ को भी बेमेल गठबंधन बताते थे। कुल मिला कर, अपना CM न होने का गम कार्यकर्ताओं में था। वहीं एकनाथ शिंदे को लेकर नाराज़गी के बीच ये साफ़ कह दिया गया कि भविष्य का मुख्यमंत्री भाजपा का होगा। कार्यकर्ताओं से साफ़ कहा गया – 23 नवंबर, 2024 को मतगणना के साथ ही भाजपाई सीएम के लिए रास्ता साफ़ हो जाएगा।

शिवप्रकाश ने सबसे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान हुई गलतियों को चिह्नित किया, फिर उसी हिसाब से संगठन के पेंच कसे। इस बार कमियों के लिए गुंजाइश नहीं छोड़ी गई। विदर्भ की राजनीति के केंद्र नागपुर के 3 नेताओं का फैक्टर भी काफी काम आया। ये नेता हैं – देवेंद्र फडणवीस, नितिन गडकरी और चंद्रशेखर बावनकुले। देवेंद्र फडणवीस महायुति सरकार में उप-मुख्यमंत्री थे, लेकिन उन्हें इस बार बैकसीट पर रखा गया। एक तरह से राज्य में भाजपा का चेहरा वही हैं, लेकिन संगठन के पेंच कसने की जिम्मेदारी संगठन चलाने में दक्ष लोगों ने ही सँभाली।

नागपुर के 3 नगीने: बावनकुले, गडकरी, फडणवीस

अब आते हैं चंद्रशेखर बावनकुले पर, जो तेली समाज से आते हैं। चुनाव से कुछ ही दिन पहले सिंधुदुर्ग के राजन तेली ने भाजपा का दामन छोड़ शिवसेना (UBT) की सदस्यता ले ली थी। 2019 में चंद्रशेखर बावनकुले को टिकट न दिए जाने के कारण तेली समाज भाजपा से नाराज़ हो गया था। इस बार वो गलती नहीं की गई। न केवल वो कामठी सीट जीतने में कामयाब रहे, बल्कि विदर्भ के अलावा महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों में भी उनके समाज का वोट भाजपा में जुड़ गया। ये पार्टी के लिए Add On Benefit रहा। विदर्भ में 62 सीटें हैं, 2014 में भाजपा ने 44 सीटें अपने नाम की थीं लेकिन 2019 में ये आँकड़ा घट कर 29 पर आ गया। इस बार पार्टी ने 39 सीटें जीती हैं। चंद्रशेखर बावनकुले प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, ऐसे में भाजपा संगठन ने उनके नेतृत्व में ही इस चुनाव को लड़ा। टिकट काटने की गलती सुधारते हुए उन्हें विधान परिषद भी भेजा गया था। वो राज्य में पार्टी के बड़े OBC चेहरों में से एक हैं।

इस तरह हमने देखा कि कैसे 2019 में भाजपा को पूर्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के समाज की नाराज़गी का नुकसान उठाना पड़ा था, इस बार कोई रिस्क नहीं लिया गया। इसी तरह, नागपुर के सांसद व केंद्र में सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ शिवप्रकाश ने लंबी बैठक की और उन्हें राज्य में बृहद चुनाव प्रचार के लिए तैयार किया। देवेंद्र फडणवीस की भी उनके साथ बैठक कराई गई। इन बैठकों से उत्साहित गडकरी ने जहाँ इस चुनाव में 54 रैलियाँ कीं, फडणवीस 57 रैलियों के साथ लगभग उनके बराबर ही रहे। इन दोनों नेताओं की इस सक्रियता का लाभ पार्टी को मिला।

बगावत को कम किया, शिवप्रकाश ने रुष्ट नेताओं को ऐसे मनाया

शिवप्रकाश ने भाजपा के सभी गुटों को साधा, बगावत की आशंका को न्यूनतम स्तर पर लाया गया। बागी रुख रखने वाले नेताओं से उन्होंने खुद संवाद किया, इन नेताओं ने भाजपा के संयुक्त महामंत्री (संगठन) की इस पहल को गंभीरता से लिया। उदाहरण के लिए, बोरीवली से भाजपा नेता गोपाल शेट्टी ने नामांकन भर दिया था, लेकिन उन्हें मनाया गया और उन्होंने नॉमिनेशन वापस लिया। उन्होंने बयान दिया कि उनका गुस्सा पार्टी के खिलाफ नहीं था। नतीजा ये हुआ कि भाजपा ये सीट 1 लाख से भी अधिक वोटों से जीती। भाजपा और संघ के बीच समन्वय का जिम्मा भी उन्होंने सँभाला।

शिवप्रकाश ने हर विधानसभा के असंतुष्ट नेताओं की सूची बनाई और उनसे बातचीत की। हर ऐसे नेता या कार्यकर्ता को मनाने वालों की सूची भी तैयार की गई। पता लगाया गया कि किनके किनसे बेहतर रिश्ते हैं। अलग-अलग जातियों को साधने के लिए सम्मेलन कराए गए। इस बार महाराष्ट्र में शिवप्रकाश के प्रयासों से चुनाव से महीनों पहले बूथ कमिटियाँ सक्रिय हो गईं। आम कार्यकर्ताओं के क्षेत्रों से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान उन्होंने कराया, जिससे कैडर में ये भाव पैदा हुआ कि भाजपा संगठन के शीर्ष में कोई उन्हें सुन रहा है। बुजुर्ग व दिव्यांग वोटरों को बूथ तक पहुँचाने के लिए उन्होंने साधन उपलब्ध कराए। फर्स्ट टाइम वोटरों को भाजपा के पाले में करने के लिए प्रयास किए गए।

महाराष्ट्र में भाजपा ने हरियाणा की तरह ही सामूहिक नेतृत्व को आगे किया, राष्ट्रीय मुद्दों पर नहीं बल्कि स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़े गए। हरियाणा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 रैलियाँ ही की थीं, महाराष्ट्र चुनाव में भी उनकी 9 रैली ही रखी गई। इस तरह महाराष्ट्र में संगठन के धुरंधरों ने सुनिश्चित किया कि न केवल BJP की जीत हो, बल्कि पार्टी राज्य के इतिहास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे।

कौन हैं शिवप्रकाश, RSS के बाद BJP में कैसा रहा सफर

शिवप्रकाश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में स्थित एक छोटे से गाँव बिरुबाला के रहने वाले हैं। वहाँ से निकल कर उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के शीर्ष संगठनकर्ताओं में से एक बने। 1986 में उन्हें RSS का जिला प्रचारक बनाया गया था, इसके बाद वो विभाग प्रचारक बने, फिर प्रांत प्रचारक और फिर क्षेत्रीय प्रचारक। उनके बारे में एक बात बहुत कम लोग जानते हैं कि वो गीत भी बहुत अच्छा गाते हैं। शिवप्रकाश RSS की बैठकों में अक्सर अपने जोशीले वक्तव्य और गीतों के जरिए कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करते हैं।

उनके साथ संघ में काम कर चुके लोग बताते हैं कि शिवप्रकाश कार्यकर्ताओं की समस्याओं की पहचान कर के उसका समाधान करने में सिद्धहस्त हैं। वो कार्यकर्ताओं से घुलमिल जाते हैं और उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं। 2014 में उन्हें और राम माधव, यानी शिव और राम को एक साथ भाजपा में लाया गया था। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें उत्तर प्रदेश में संगठन की जिम्मेदारी दी थी जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 2015 में वो पश्चिम बंगाल पहुँचे, जहाँ उन्होंने बंगाली भाषा तक सीखी। राज्य के 78,000 बूथों पर उन्होंने भाजपा की बूथ कमिटियों का गठन किया। 2016 में उत्तराखंड चुनाव के दौरान उन्होंने पार्टी के संगठन को मजबूत किया।

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाजपा की जीत के पीछे भी उनका योगदान था। दोनों राज्यों में उन्होंने संगठन को दुरुस्त किया। उन्हें आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। पहले यूपी-उत्तराखंड में सक्रिय रह कर भाजपा संगठन को मजबूत कर चुके शिवप्रकाश अब दक्षिण भारतीय राज्यों में पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, यही उनकी काबिलियत का सबसे बड़ा प्रमाण है।

स्रोत: Shiv Prakash, शिवप्रकाश, BJP, भाजपा, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, Maharashtra Vidhan Sabha Election, संगठन, Organisation
Tags: BJPMaharashtraShiv Prakashभाजपामहाराष्ट्रशिवप्रकाश
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘शौचालय साफ़ करो’: अकाल तख़्त का सुखबीर बादल को आदेश, महाराजा रणजीत सिंह को मिली थी 100 कोड़ों की सज़ा

अगली पोस्ट

वर्चुअल कोर्ट, स्मार्ट पुलिस, रियल टाइम डेटा की मदद से इंसाफ: पीएम मोदी बनेंगे स्वदेशी कानूनों की मदद से न्याय मिलने के गवाह

संबंधित पोस्ट

goa mukti diwas
इतिहास

गोवा मुक्ति दिवस: राष्ट्रीय सम्मान और संकल्प का प्रतीक

19 December 2025

19 दिसंबर केवल गोवा का ऐतिहासिक दिवस नहीं है, बल्कि यह भारत की उस दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक है, जिसने औपनिवेशिक शासन के अंतिम अवशेष...

KARNATAKA HATE SPEECH CRIME
भारत

हेट स्पीच पर कर्नाटक सरकार का नया बिल, राहत के साथ चिंता भी

18 December 2025

कर्नाटक विधानसभा में हेट स्पीच और हेट क्राइम के खिलाफ बिल पेश किया गया है। इसका मकसद है नफरत और घृणा फैलाने वाली अपराध पर...

पाकिस्तान की चाल: हादी शूटिंग की आड़ में पुरानी फॉल्ट लाइन्स को फिर से भड़काने की कोशिश
भारत

पाकिस्तान की चाल: हादी शूटिंग की आड़ में पुरानी फॉल्ट लाइन्स को फिर से भड़काने की कोशिश

17 December 2025

दक्षिण एशिया के अस्थिर राजनीतिक रंगमंच में संकट के क्षण शायद ही कभी अपने आप में टिके रहने दिए जाते हैं। वे जल्दी ही व्यापक...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited