विगत वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था ने लगातार कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसके परिणामस्वरूप अब भारत को निवेशकों की पहली पसंद माना जा रहा है। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग(DPIIT) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक की अवधि में कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) प्रवाह में $1 ट्रिलियन का आंकड़ा पार कर लिया है।
FDI का आंकड़ा 1 ट्रिलियन डॉलर के पार
भारत ने अप्रैल 2000 से लेकर सितंबर 2024 तक के दौरान कुल विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) में $1 ट्रिलियन का ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है, जिससे यह वैश्विक निवेश के केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करता है। DPIIT के अनुसार, इस अवधि में कुल $109,219 मिलियन का FDI प्रवाह हुआ, जिसमें से इक्विटी निवेश का हिस्सा 45.96 लाख करोड़ रुपये है। इन निवेश प्रवाहों में से 69 प्रतिशत से अधिक पिछले एक दशक (अप्रैल 2014 – सितंबर 2024) में दर्ज किया गया, जो भारत के बढ़ते निवेश आकर्षण और आर्थिक मजबूती को दर्शाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, $1 ट्रिलियन के कुल FDI प्रवाह में से, $709.84 बिलियन का निवेश पिछले एक दशक (अप्रैल 2014 से सितंबर 2024) में हुआ है। यह उपलब्धि FY 2024-25 की पहली छमाही में FDI में 26% की वृद्धि द्वारा और भी मजबूत होती है, जिसमें कुल निवेश $42.1 बिलियन तक पहुंच चुका है।
ये देश सबसे आगे
भारत की अर्थव्यवस्था ने $1 ट्रिलियन का FDI आंकड़ा पार कर लिया है। इस दौरान, मॉरीशस ने इसमें 25 प्रतिशत यानि $168.43 बिलियन के साथ अग्रणी स्थान प्राप्त किया है. वहीं इस रिपोर्ट के अनुसार $151.22 बिलियन यानि 24% के साथ सिंगापुर ने दुसरे स्थान प्राप्त किया है और 10% भागीदारी देते हुए अमेरिका $58.87 बिलियन के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
क्या होता FDI
FDI (Foreign Direct Investment) वह निवेश होता है जब एक देश का व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी दूसरे देश में दीर्घकालिक लाभ के लिए पूंजी निवेश करती है। इसका उद्देश्य उस देश की अर्थव्यवस्था में हिस्सेदारी लेना और अपनी व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाना होता है। FDI के तहत, निवेशक केवल पूंजी नहीं लगाते बल्कि वह उस देश में व्यापार संचालन, प्रोडक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, या अन्य व्यापारिक गतिविधियों में भी हिस्सा लेते हैं। यह निवेश निवेशक को उस देश में एक स्थायी और प्रभावशाली उपस्थिति प्रदान करता है।