मनमोहन सिंह के निधन पर कांग्रेस की राजनीति! प्रणब मुखर्जी की बेटी ने पिता का ‘अपमान’ करने पर कांग्रेस को घेरा

प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने मनमोहन सिंह को 'भारत रत्न' देने की मांग की है

शर्मिष्ठा मुखर्जी और प्रणब मुखर्जी

शर्मिष्ठा मुखर्जी और प्रणब मुखर्जी

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। सिंह के निधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मनमोहन सिंह के लिए एक अलग स्मारक बनाने का प्रस्ताव दिया था। मोदी सरकार ने मनमोहन सिंह के लिए स्मारक बनवाने की मंज़ूरी दे दी है लेकिन इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया है कि उनके पिता प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद कांग्रेस ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया जिसके वह हकदार थे।

शर्मिष्ठा ने कहा कि 2020 में कांग्रेस नेतृत्व ने उनके पिता के निधन के बाद शोक जताने के लिए कांग्रेस कार्य समिति की एक बैठक तक नहीं बुलाई थी। शर्मिष्ठा ने कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उन्हें गुमराह किए जाने का दावा किया और साथ ही, केंद्र से मनमोहन सिंह का स्मारक बनाने की कांग्रेस की अपील का समर्थन भी किया है।

शर्मिष्ठा ने ‘X’ पर एक पोस्ट में लिखा, “जब बाबा का निधन हुआ तो कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि राष्ट्रपतियों के लिए ऐसा नहीं किया जाता है।” उन्होंने आगे लिखा, “यह बिल्कुल बकवास है, मुझे बाद में बाबा की डायरियों से पता चला कि केआर नारायणन की मृत्यु पर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाया गया था और उसके लिए शोक संदेश बाबा ने तैयार लिखा था।” एक अन्य पोस्ट में शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, “डॉ. सिंह के लिए एक स्मारक बनाया जाना एक अच्छा विचार है, वह इसके हकदार थे।” शर्मिष्ठा ने सिंह के लिए ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते हुए लिखा, “वह भारत रत्न के हकदार हैं जो राष्ट्रपति रहते हुए बाबा उन्हें देना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका था।”

सोशल मीडिया का एक वर्ग शर्मिष्ठा के ट्वीट के बाद उन पर भी हमलावर हो गया है। ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस के इकोसिस्टम ने शर्मिष्ठा मुखर्जी पर हमला बोला है। इससे पहले उनकी पुस्तक ‘प्रणब माई फादर: ए डॉटर रिमेम्बर्स’ के लिए भी वे ट्रोल्स के निशाने पर आ गई थीं। इसके जवाब में उन्होंने फरवरी 2024 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नाम एक खुला पत्र लिखा था। उन्होंने पत्र में लिखा था, “ऐसे व्यक्ति के तौर पर जो खुद को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के चैंपियन के रूप में दिखाता है, आपको पता होना चाहिए कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में केवल तारीफ मिलना शामिल नहीं है बल्कि इसमें आलोचना को शालीनता से स्वीकार किया जाना भी शामिल है।” शर्मिष्ठा ने लिखा था, “ऐसा लगता है कि आप अपने समर्थकों को भी हमारे संविधान में निहित इस मौलिक अधिकार के बारे में समझाने में विफल रहे हैं। आपके नारे ‘नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान’ को आपके समर्थकों ने अनसुना कर दिया है जो आपकी आलोचना करने पर अपनी नफरत दिखाने लगते हैं।”

मनमोहन सिंह के निधन के बाद जहां एक और उनकी सादगी और विनम्रता को लेकर उन्हें याद किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पर उनके निधन के बाद राजनीति करने के आरोप भी लगाए जा रहे हैं। यह विवाद लंबा चलेगा या थम जाएगा यह देखने वाली बात होगी।

 

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