धर्मांतरण हमेशा से भारत में एक संवेदनशील और विवादास्पद मुद्दा रहा है, खासकर जब इसे गरीब और असहाय लोगों से जोड़ा जाता है। मिशनरी संगठन द्वारा अक्सर मानसिक दबाव डालकर गरीबों को धर्म बदलने के लिए मजबूर करने की खबर सुर्खियां बटोरती रहती हैं। इसी कड़ी में सोमवार (9 दिसंबर, 2024) को एक बार फिर मेरठ(Meerut) के एक घर में 500 लोगों का धर्मांतरण की खबर सामने आई है। इसे पुलिस ने समय रहते रोक लिया, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। इस घटना ने एक बार फिर धर्मांतरण की सच्चाई और इसके खतरों को उजागर किया है।
धर्मांतरण की कोशिश का पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक बार फिर क्रिस्चियन मिशनरी के धर्मांतरण की कोशिशों पर हिन्दू संगठन हिंदू रक्षा दल की मदद से मेरठ पुलिस ने पानी फेर दिया है। मेरठ के थाना परतापुर क्षेत्र के शंकरपुरी इलाके में मेडिकल कैंप के नाम पर गरीब लोगों को बहला फुसलाकर प्रार्थना सभा में शामिल किया गया। इसके बाद उन्हें क्रिस्टियन प्रेयर और बाइबिल पढ़ाई जा रही थी। इस बीच भारतीय किसान मंच और हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता उस घर में पहुँच गए और इसका विरोध किया। सूचना की जानकारी मिलते ही मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस ने 5 पुरुष और 3 महिलाओं समेत कुल आठ लोगों को हिरासत में ले लिया।
थाना परतापुर क्षेत्र अंतर्गत धर्मांतरण की सूचना के संबंध में #SPCITYMRT द्वारा बाईट।#UPPolice #MeerutPolice pic.twitter.com/suviSt3pAb
— MEERUT POLICE (@meerutpolice) December 8, 2024
मेरठ में पहले भी हो चुकी है धर्मांतरण की कोशिश
इससे पहले भी क्रिस्चियन मिशनरी द्वारा मेरठ के मूल स्वरूप को बिगाड़ने की कोशिश की ख़बरें सामने आई थीं। अक्टूबर 2024 में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा मेरठ स्थित कंकरखेड़ा में धर्मांतरण की कोशिशों का पर्दाफाश किया गया था। शिकायतकर्ता के अनुसार, वो आरोपितों के मकान के पास से गुजर रहा था, जब उसने देखा कि एक युवक हिंदू धर्म के देवी-देवताओं के बारे में दुष्प्रचार कर रहा था। इस दौरान, लगभग 50 महिला और पुरुष एक कमरे में प्रार्थना सभा कर रहे थे। आरोप है कि युवक सभा में शामिल लोगों को पैसे का लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहा था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी युवक को गिरफ्तार कर योगीपुरम चौकी ले गई.