स्वाधीनता संग्राम में पूर्वोत्तर के योगदान को क्यों भुला दिया गया? उक्यांग नागवा के बलिदान दिवस पर स्वतंत्रता संग्राम और पूर्वोत्तर के योगदान पर एक नज़र
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बरेली बवाल: मौलाना के इस भरोसेमंद ने भीड़ को हिंसा में झोंका

    बरेली बवाल: मौलाना के इस भरोसेमंद ने भीड़ को हिंसा में झोंका

    कारुर स्टैम्पेड: राजनीति के मंच पर मानव जीवन की त्रासदी

    करुर भगदड़: राजनीति के मंच पर मानव जीवन की त्रासदी

    दुर्गा पंडाल विवाद: ममता बनर्जी और हिंदू आस्था पर राजनीति

    दुर्गा पूजा पंडाल : ममता बनर्जी और हिंदू आस्था पर राजनीति

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    पाकिस्तान-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने लॉन्च किया एआई से लैस नया कमांड-कंट्रोल सिस्टम

    पाकिस्तान-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने लॉन्च किया एआई से लैस नया कमांड-कंट्रोल सिस्टम

    अनंत शस्त्र: अब आसमान पर भी हमारा अधिकार

    अनंत शस्त्र: अब आसमान पर भी हमारा अधिकार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    Gen Z बना सत्ता का काल: बांग्लादेश, नेपाल और केन्या के बाद अब इस देश में युवाओं के सामने सरकार ने टेके घुटने, हिंसा कर प्रदर्शन में 22 लोगों की मौत

    जेन-ज़ी बना सत्ता का काल: बांग्लादेश, नेपाल और केन्या के बाद अब इस देश में युवाओं के सामने सरकार ने टेके घुटने, हिंसा व प्रदर्शन में 22 लोगों की मौत

    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय कलाकारों ने बनाया रोजमर्रा की चीजों को कला का हिस्सा, न्यूयॉर्क से लंदन तक बढ़ी डिमांड

    भारतीय कलाकारों ने बनाया रोजमर्रा की चीजों को कला का हिस्सा, न्यूयॉर्क से लंदन तक बढ़ी डिमांड

    छठ पूजा को UNESCO में शामिल करने की पहल: बिहार की सांस्कृतिक शक्ति का विश्व मंच पर परचम

    छठ पूजा को UNESCO में शामिल करने की पहल: बिहार की सांस्कृतिक शक्ति का विश्व मंच पर परचम

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

    “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    बरेली बवाल: मौलाना के इस भरोसेमंद ने भीड़ को हिंसा में झोंका

    बरेली बवाल: मौलाना के इस भरोसेमंद ने भीड़ को हिंसा में झोंका

    कारुर स्टैम्पेड: राजनीति के मंच पर मानव जीवन की त्रासदी

    करुर भगदड़: राजनीति के मंच पर मानव जीवन की त्रासदी

    दुर्गा पंडाल विवाद: ममता बनर्जी और हिंदू आस्था पर राजनीति

    दुर्गा पूजा पंडाल : ममता बनर्जी और हिंदू आस्था पर राजनीति

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता: वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    रूस का तेल, अमेरिका का दबाव और भारत की दृढ़ता, वॉशिंगटन वार्ता की अंदर की कहानी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    जयशंकर का स्पष्ट संदेश: H1B नीतियों के बावजूद भारत तैयार और दूरदर्शी

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    पाकिस्तान-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने लॉन्च किया एआई से लैस नया कमांड-कंट्रोल सिस्टम

    पाकिस्तान-बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने लॉन्च किया एआई से लैस नया कमांड-कंट्रोल सिस्टम

    अनंत शस्त्र: अब आसमान पर भी हमारा अधिकार

    अनंत शस्त्र: अब आसमान पर भी हमारा अधिकार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    UNGA में पाकिस्तानी पीएम के बयान पर भारत का करारा पलटवार

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    भारत ने दिखाई दोस्ती, अब ट्रंप की बारी, गाजा प्लान से बदलेगा समीकरण?

    Gen Z बना सत्ता का काल: बांग्लादेश, नेपाल और केन्या के बाद अब इस देश में युवाओं के सामने सरकार ने टेके घुटने, हिंसा कर प्रदर्शन में 22 लोगों की मौत

    जेन-ज़ी बना सत्ता का काल: बांग्लादेश, नेपाल और केन्या के बाद अब इस देश में युवाओं के सामने सरकार ने टेके घुटने, हिंसा व प्रदर्शन में 22 लोगों की मौत

    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    बलूचिस्तान में आतंक का खौफ: क्वेटा एफसी मुख्यालय पर विस्फोट में 19 की मौत

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    टैरिफ वार में खुद फंस गया अमेरिका, जानें क्या कह​ रहे वहां के किसान

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    भारतीय कलाकारों ने बनाया रोजमर्रा की चीजों को कला का हिस्सा, न्यूयॉर्क से लंदन तक बढ़ी डिमांड

    भारतीय कलाकारों ने बनाया रोजमर्रा की चीजों को कला का हिस्सा, न्यूयॉर्क से लंदन तक बढ़ी डिमांड

    छठ पूजा को UNESCO में शामिल करने की पहल: बिहार की सांस्कृतिक शक्ति का विश्व मंच पर परचम

    छठ पूजा को UNESCO में शामिल करने की पहल: बिहार की सांस्कृतिक शक्ति का विश्व मंच पर परचम

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

    “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

    “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    एशिया कप हारने के बाद पाकिस्तान के लोगों ने ही पाकिस्तान टीम को सोशल मीडिया पर धो डाला! उड़ाया मजाक

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    दिव्य और भव्य होगा हरिद्वार कुंभ 2027: सीएम धामी ने दिये ये निर्देश

    “रक्षा साझेदारी की नई उड़ान: भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57, रूस ने दिखाया भरोसा”

    भारत में ही बनेगा सुखोई Su-57 ! अमेरिका से तनाव के बीच रूस से आई ये खबर इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    “सेमीकॉन इंडिया 2025 में बोले पीएम मोदी, इनोवेशन और निवेश से भारत बनेगा टेक्नोलॉजी सुपरपावर

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मेघालय के क्रांतिवीर यू कियांग नोंगबा, जिनकी कहानी लिखना भूल गए गोदी इतिहासकार

स्वाधीनता संग्राम में पूर्वोत्तर के योगदान को क्यों भुला दिया गया? यू कियांग नोंगबा के बलिदान दिवस पर स्वतंत्रता संग्राम और पूर्वोत्तर के योगदान पर एक नज़र

TFI Desk द्वारा TFI Desk
30 December 2024
in इतिहास
30 दिसंबर 1862 को अंग्रेज़ों ने मेघालय के वीर यू कियांग नोंगबा को जोनोई में ही सरेआम फाँसी दे दी

30 दिसंबर 1862 को अंग्रेज़ों ने मेघालय के वीर यू कियांग नोंगबा को जोनोई में ही सरेआम फाँसी दे दी

Share on FacebookShare on X

नॉर्थ-ईस्ट, हिंदी में समझिए तो पूर्वोत्तर। कुछ वर्षों पहले तक ये ख़ूबसूरत हिमालयी प्रदेश एक अलग दुनिया के रूप में ही देखे-समझे गए। ‘सेवेन सिस्टर्स’ नाम की एक शब्दावली में इन प्रदेशों के इतिहास, इनकी विविध संस्कृति और सबसे बढ़कर भारत-भारतीयता और स्वतंत्रता के प्रति इनके समर्पण को भी उपेक्षित कर दिया गया। स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास लिखने वाले ज़्यादातर इतिहासकार भी कुछ चुनिंदा नेताओं और परिवार विशेष के प्रभाव से बाहर नहीं निकल सके। जबकि सच्चाई ये है कि स्वतंत्रता संग्राम में पूर्वोत्तर के लोगों का भी महत्वपूर्ण योगदान है, इन प्रदेशों के न जाने कितने वीरों ने इस देश की आज़ादी के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। आज जानेंगे कहानी मेघालय के क्रांतिवीर यू कियांग नोंगबा की।

कियांग ने दिया अंग्रेज़ों के हमले का मुंहतोड़ जवाब

मेघालय के यू कियांग नोंगबा भी एक ऐसे ही क्रांतिकारी वीर थे, जिन्होंने अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ स्थानीय जनजातियों को न सिर्फ एकजुट किया बल्कि लड़ाइयां भी लड़ीं। 18वीं सदी तक अंग्रेजों का लगभग पूरे भारत पर शासन हो चुका था लेकिन मेघालय की खासी और जयंतिया जनजातियां उस वक्त तक स्वतंत्र थीं। मेघालय के इन क्षेत्रों में आज के बांग्लादेश और सिल्चर के 30 छोटे-छोटे राज्य स्थित थे और जयन्तियापुर भी इन्हीं में एक था।

संबंधितपोस्ट

तेलंगाना और मेघालय में अवैध बांग्लादेशी नेटवर्क का भंडाफोड़: नशा और वाहन चोरी की बड़ी साजिश उजागर

घुसपैठ रोकने के लिए बड़ा कदम: बॉर्डर पर अब नाइट कर्फ्यू

जेल में फोन पर बात कर रही थी सोनम रघुवंशी…वायरल कॉल रिकॉर्डिंग से हड़कंप; राजा के भाई की PM से मांग- CBI करें जांच

और लोड करें

अंग्रेजों ने जब यहाँ हमला किया, तो उन्होंने ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति के अन्तर्गत जयन्तियापुर को पहाड़ी और मैदानी भागों में बाँट दिया। इसी के साथ उन्होंने एक रणनीति के तहत निर्धन वनवासियों को धर्मांतरित करना शुरू कर दिया। अंग्रेज़ों के दबाव में राजा ने इस विभाजन को मान लिया लेकिन मन्त्रिपरिषद ने इसे मंजूर नहीं किया। उन्होंने राजा के बदले यू कियांग नोंगबा को अपना नेता चुन लिया। यू कियांग ने जनजातीय वीरों की सेना की गठन किया और जोनोई की ओर बढ़ रहे अंग्रेज़ों का मुकाबला किया। जनजातीय हथियारों और तौर तरीकों का अंग्रेज़ों के पास जवाब नहीं था, अंततः उन्हें हारकर लौटना पड़ा।

अपेक्षाकृत कम संसाधन संपन्न जनजातीय राजा से मिली ये हार अंग्रेज़ों को बुरी तरह अखर रही थी। लिहाजा उन्होंने 1860 में पूरे जयन्तियापुर क्षेत्र पर 2 रुपए गृहकर ठोक दिया। जयंतिया समाज ने इस टैक्स का विरोध किया। यू कियांग नोंगबा एक बेहतरीन बाँसुरीवादक भी थे। वो बांसुरी की धुन के साथ लोकगीत गाते थे और अपने समाज को अंग्रेज़ों के इस उत्पीड़न के ख़िलाफ़ हथियार उठाने का आह्नान करते थे। इस अनूठे तरीके से वो बिना अंग्रेज़ों को भनक लगे, स्थानीय लोगों को संगठित करने में कामयाब हो गए।

जब यू कियांग नोंगबा ने बनाई सेना

आख़िरकार अंग्रेज़ों ने टैक्स वसूली के लिए कड़े उपाय अपनाने शुरू कर दिए लेकिन कियांग के आह्नान पर किसी ने कोई टैक्स नहीं दिया। बौखलाए अंग्रेज़ों ने उन भोले वनवासियों को जेलों में ठूँसना शुरू कर दिया, हालांकि कियांग नोंगबा तब भी अंग्रेज़ों के हाथ नहीं लगे। वो गाँवों और पर्वतों में घूमकर देश के लिए मर मिटने को समर्पित युवकों को संगठित करते रहे। धीरे-धीरे उनके पास अच्छी सेना हो गयी।

आख़िरकार एक दिन कियांग ने एक सटीक रणनीति बना कर एक साथ सात जगहों पर अंग्रेज़ों पर हमला कर दिया। हालांकि, वनवासी वीरों के पास अंग्रेज़ों के मुकाबले आधुनिक हथियार नहीं थे और वो परम्परागत अस्त्र-शस्त्र से ही लैस थे लेकिन गुरिल्ला युद्ध में माहिर होने और पहाड़ों को अंग्रेज़ों से बेहतर समझने की वजह से वो कामयाब रहे। वो अचानक आकर हमला करते और फिर पर्वतों में जाकर छिप जाते थे।

अंग्रेज़ों और मेघालय के इन जनजातीय वीरों के बीच जारी ये युद्ध 20 महीनों तक लगातार चलता रहा। आख़िरकार इन हमलों और इनसे होने वाले नुक़सान से परेशान अंग्रेज़ों ने किसी भी कीमत पर कियांग को ज़िंदा या मुर्दा पकड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने पैसे का लालच देकर उनके एक भरोसेमंद साथी उदोलोई तेरकर को तोड़ लिया। उस वक्त कियांग एक हमले में काफी ज़्यादा घायल हो गए थे और इलाज के लिए एक गाँव में छिपे हुए थे लेकिन उदोलोई ने अंग्रेजों को उनके ठिकाने की जानकारी दे दी।

सरेआम कियांग को दी गई फांसी

सूचना मिलते ही अंग्रेजों ने मुंशी गाँव को चारों ओर से घेर लिया। घायल कियांग लड़ने की स्थिति में बिल्कुल भी नहीं थे, बिन सेनापति, सेना भी नेतृत्वविहीन होकर जल्दी ही बिखरने लगी। हार और मौत को सामने देखते हुए भी कियांग के एक भी सैनिक ने समर्पण नहीं किया और वो अपने नेता को बचाने के लिए लड़ते रहे। कुछ देर की लड़ाई के बाद अंग्रेज़ कियांग को पकड़ने में कामयाब हो गए।

अंग्रेज़ों ने उनके सामने शर्त रखी कि यदि सभी जनजातीय सैनिक आत्मसमर्पण कर दें, तो उन्हें छोड़ दिया जाएगा। लेकिन वीर यू कियांग नोंगबा ने अंग्रेज़ों की इस शर्त को ठुकरा दिया। अंग्रेज़ों ने उन्हें तोड़ने और झुकाने की हर मुमकिन कोशिश की लेकिन अमानवीय अत्याचार झेलकर भी उन्होंने झुकना स्वीकार नहीं किया। आख़िरकार 30 दिसंबर 1862 को अंग्रेज़ों ने मेघालय के उस वनवासी वीर को जोनोई में ही सरेआम फाँसी दे दी।

स्रोत: मेघालय, यू कियांग नोंगबा, पूर्वोत्तर, क्रांतिकारी, गुरिल्ला युद्ध, Meghalaya, U Kiang Nangbah, North-East, Revolutionary, Guerrilla War,
Tags: Guerrilla WarMeghalayaNorth eastRevolutionaryU Kiang Nangbahक्रांतिकारीगुरिल्ला युद्धपूर्वोत्तरमेघालययू कियांग नोंगबा
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

महामना का ‘2 पैसों’ वाला जवाब ऐसे बना CM योगी का महाकुम्भ मंत्र: 2013 में आज़म खान के राज में 42 मौतें, इस बार 7 घेरों की सुरक्षा

अगली पोस्ट

रोहित शर्मा BGT के आखिरी टेस्ट के बाद लेंगे संन्यास!; पिछली 15 पारियों में जड़ा है सिर्फ एक अर्धशतक

संबंधित पोस्ट

छठ पूजा को UNESCO में शामिल करने की पहल: बिहार की सांस्कृतिक शक्ति का विश्व मंच पर परचम
इतिहास

छठ पूजा को UNESCO में शामिल करने की पहल: बिहार की सांस्कृतिक शक्ति का विश्व मंच पर परचम

29 September 2025

भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता सदियों से दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। इन अनगिनत परंपराओं में से एक अत्यंत पवित्र और...

कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान
इतिहास

कांग्रेस: औपनिवेशिक औजार से आपातकाल तक, भारत माता का अपमान

29 September 2025

भारत माता का इतिहास जितना गौरवशाली है, उतना ही उसका अपमान भी कांग्रेस नामक संस्था ने किया। 1885 में जिस संगठन का जन्म अंग्रेज़ों की...

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा
इतिहास

“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे”: संघ की प्रार्थना की वैश्विक ध्वनि और भारत के उदय की गाथा

29 September 2025

भारत माता की वंदना करने वाली प्रार्थना—“नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे” अब सिर्फ़ शाखाओं तक सीमित नहीं रही। दशकों तक यह प्रार्थना प्रातःकालीन शाखाओं में स्वयंसेवकों...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Why Electoral Roll Purification Is India’s National Priority? | Special Intensive Revision |

Why Electoral Roll Purification Is India’s National Priority? | Special Intensive Revision |

00:08:22

How Congress acted as BRITISH RAJ’S B-TEAM and Continues that legacy?

00:07:48

Why The Surgical Strikes in 2016 Paved the Way for Balakot and Beyond

00:07:28

When Bharat Was One: “The Shakti Peeths That Now Lie in Pakistan”

00:05:11

Why Sanjeev Sanyal Says India Can’t Become Viksit Bharat Without Judicial Reform?

00:07:30
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited