केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉक्टर भीमराव आंबेडकर पर दिए एक बयान के बाद हंगामा मच गया है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शाह से इस्तीफा मांगा है तो दूसरी ओर शाह ने कांग्रेस पर उनके भाषण को तोड़-मरोड़ कर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर पिछले कुछ दिनों में आंबेडकर विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कई तथ्य गिनवाए हैं। इसमें आंबेडकर को चुनाव हरवाना और उन्हें भारत रत्न ना दिया जाना जैसे आरोप प्रमुख हैं। इस बीच कांग्रेस की आंबेडकर विरोधी सोच का एक और नमूना सामने आया है। 2006 में कांग्रेस के राज़ में NCERT की कक्षा 11वीं की किताब में एक ऐसा कार्टून छापा गया था जिसमें आंबेडकर को घोंघे पर बैठे और जवाहरलाल नेहरू को उनके पीछे चाबुक लहराते हुए दिखाया गया था।
क्यों बनाया गया था यह कार्टून?
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्टून 1960 के दशक में मशहूर कार्टूनिस्ट शंकर ने बताया था और 2006 से यह किताब का हिस्सा था। इस कार्टून को लेकर 2012 में संसद में खूब हंगामा हुआ था। इस कार्टून में कथित तौर पर संविधान बनाने में देरी करने के लिए आंबेडकर की आलोचना की गई थी। हालांकि सदन में हुए हंगामे के बाद तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस कार्टून को किताबों से हटा दिया था।
सिब्बल ने माफी मांगी, योगेंद्र यादव ने दिया इस्तीफा
इस मामले को लेकर मई 2012 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने लोकसभा में माफी मांगी थी। साथ ही कहा था कि उन्होंने एनसीईआरटी को यह कार्टून हटाने का निर्देश दे दिया था। सिब्बल ने कहा था, “पाठ्यपुस्तक को आगे वितरित नहीं किया जाएगा। हम आंबेडकर का बहुत सम्मान करते हैं। उन्हें बदनाम करने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं उस समय मंत्री नहीं था। जैसे ही मुझे पता चला मैंने कार्रवाई की है। हालांकि मैं माफी मांगता हूं।” साथ ही, इस बात की जांच के भी आदेश दिए गए थे कि यह कार्टून कैसे पुस्तकों में शामिल किया गया था।
इस हंगामे के बाद एनसीईआरटी में राजनीति विज्ञान के मुख्य सलाहकार योगेन्द्र यादव और सुहास पलशिकर ने इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, एनडीटीवी से बात करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा था कि ऐसे कार्टून पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून पारित किया जाना चाहिए। नेहरू आंबेडकर कार्टून