संभल जैसे मामलों में दवे जैसे लोगों का तर्क शुरू ही 'प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट' 1991 से होता है। उनके हिसाब से ये संविधान की मूल भावनाओं की रक्षा करने वाला एक कानून है। इस तर्क में ये नहीं बताया गया है कि कानून ऊपर होता है या न्याय?
TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • बिहार डायरी
    • मत
    • समीक्षा
    अस्थिरता के साये में बांग्लादेश

    हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    अटल मोदी

    आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    खनन क्षेत्र में बेहतरीन काम के लिए केंद्र सरकार ने धामी सरकार की तारीफ की

    खनन सुधारों में फिर नंबर वन बना उत्तराखंड, बेहतरीन काम के लिए धामी सरकार को केंद्र सरकार से मिली 100 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    तेल, हीरे और हिंदुस्तान की नई भू-राजनीति: जब अफ्रीका की धरती पर एक साथ गूंजेगी भारत की सभ्यता, रणनीति और शक्ति की आवाज

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    80% खेती सिंधु पर, तालाब भी नहीं बचे! भारत की जल-नीति और अफगानिस्तान के फैसले ने पाकिस्तान को रेगिस्तान में धकेला, अब न पानी होगा, न रोटी, न सेना की अकड़

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    हमसे दुश्मनी महंगी पड़ेगी: भारत की सतर्कता और बांग्लादेश की गलती, जानें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर कैसे पड़ रही चोट

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    16 दिसंबर को पाकिस्तान के पूर्वी मोर्चे के कमांडर जनरल ए के नियाजी ने 93,000 सैनिकों के साथ सरेंडर किया था

    ढाका सरेंडर: जब पाकिस्तान ने अपने लोगों की अनदेखी की और अपने देश का आधा हिस्सा गंवा दिया

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    संसद हमले की बरसी: आपको कॉन्स्टेबल कमलेश कुमारी याद हैं? 

    शिप बेस्ड ISBM लॉन्च के पाकिस्तान के दावे में कितना दम है

    पाकिस्तान जिस SMASH मिसाइल को बता रहा है ‘विक्रांत किलर’, उसकी सच्चाई क्या है ?

    ऑपरेशन सिंदूर 2:0

    दिल्ली धमाका और PoK के नेता का कबूलनामा: क्या भारत के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर 2.0’ का समय आ गया है?

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • AMERIKA
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    पेंटागन की रिपोर्ट: 2027 तक ताइवान को बलपूर्वक कब्ज़ा करने की तैयारी में चीन

    कनाडाई सांसद ने संसद में उठाया बांग्लादेशी हिंदुओं पर हमलों का सवा

    कनाडाई संसद में गूंजा बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार का मुद्दा

    रूस की पुतिन सरकार ने भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ा और राहत भरा फैसला लिया है

    पुतिन सरकार की बड़ी सौगात: भारतीय छात्रों को बिना प्रवेश परीक्षा रूसी विश्वविद्यालयों में मिलेगा दाखिला

    nick fluentes

    कौन हैं निक फ्यूएंटेस और क्यों अमेरिका के लिए ख़तरा है उनका यहूदी-विरोध

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    श्रीनिवास रामानुजन: वह प्रतिभा, जिसने संख्याओं को सोच में बदल दिया

    इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    बौद्धिक योद्धा डॉ. स्वराज्य प्रकाश गुप्त: इतिहास को मिथक से मुक्त करने वाला संघर्ष

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    21 दिसम्बर 1909 : नासिक में ब्रिटिश अत्याचार का प्रतिकार — क्रांतिवीर अनंत कान्हरे द्वारा जिलाधीश जैक्सन का वध

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    The Rise of Live Dealer Games in Asia: Why Players Prefer Real-Time Interaction

    शोले फिल्म में पानी की टंकी पर चढ़े धर्मेंद्र

    बॉलीवुड का ही-मैन- जिसने रुलाया भी, हंसाया भी: धर्मेंद्र के सिने सफर की 10 नायाब फिल्में

    नीतीश कुमार

    जेडी(यू) के ख़िलाफ़ एंटी इन्कंबेसी क्यों नहीं होती? बिहार में क्यों X फैक्टर बने हुए हैं नीतीश कुमार?

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    क्यों PariPesa भारत रोमांचक एविएटर क्रैश गेम्स का अनुभव लेने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

बुर्के के पैरवीकार दुष्यंत दवे क्यों रोए? PM मोदी को ‘फ्रिंज’ से जोड़ते हैं, OBC का आरक्षण काट मुस्लिमों को देने की वकालत भी

संभल जैसे मामलों में दवे जैसे लोगों का तर्क शुरू ही 'प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट' 1991 से होता है। उनके हिसाब से ये संविधान की मूल भावनाओं की रक्षा करने वाला एक कानून है। इस तर्क में ये नहीं बताया गया है कि कानून ऊपर होता है या न्याय?

Anand Kumar द्वारा Anand Kumar
2 December 2024
in चर्चित, राजनीति
करण थापर, दुष्यंत दवे, रोए

'खुला पत्र' लिख कर चर्चा बटोरते रहे हैं दुष्यंत दवे

Share on FacebookShare on X

सबसे पहली बात तो ये है कि दुष्यंत दवे इकलौते नहीं जो रो रहे हैं। लम्बे समय से अटके पड़े कई मामलों में जैसे जैसे तारीखें पड़नी शुरू हो रही हैं, या फैसले आ रहे हैं, अदालतों के भाई-भतीजा गिरोहों की ऐसी ही रुलाई छूट रही है। संभल जैसे मामलों में तो ये स्पष्ट ही था कि जो स्थल पहले से ASI द्वारा संरक्षित स्थल है वो ‘प्लेसेस ऑफ वोर्शिप एक्ट’ नाम से भारत पर थोप दिए गए 1991 के कानून के दायरे में आता ही नहीं। असल में दवे जैसे वकीलों की दुकानें ही इसलिए चलती रही हैं क्योंकि भाई-भतीजा गिरोह शायद ये सेटिंग कर पाता था कि कौन सा मुकदमा किस जज के पास जाएगा। फिर जब भाई-भतीजे ही न्यायाधीश और वकील हैं, तो फैसला किस पक्ष में आना है ये सुनवाई से पहले ही तय हो जाता था। संपत्ति रखने के अधिकार से जुड़े एक ऐतिहासिक फैसले में अपने रिटायर होने से दो दिन पहले जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये भी दर्शा दिया था कि कभी फैसले राजनैतिक विचारधारा (समाजवाद) को भी ध्यान में रखते हुए सुनाये जाते थे। जो समाजवादी नहीं होता, वो फैसला ही नहीं होता!

पिछले वर्ष जब जस्टिस चंद्रचूड़ ने ये तरीका बदलना शुरू किया, यानि कौन से मामले की सुनवाई कौन सा बेंच करेगा, ये बदला जाने लगा तो नवम्बर 2023 में ही दवे ने चीफ जस्टिस को एक ‘खुला पत्र’ लिखा। जाहिर है, उनकी मंशा न्यायिक सुधारों, बदलावों को रोकने की तो थी ही, साथ ही उन्हें इससे प्रसिद्धि भी चाहिए थी। और लोगों को भी पता चले, उनके पक्ष में जनमत आये, ये मंशा नहीं होती, तो ‘खुला पत्र’ लिखने की क्या जरूरत थी, एक ईमेल ही पर्याप्त होता! चार दशकों से अधिक (1978 से) सुप्रीम कोर्ट में काम कर रहे किसी वकील को मुख्य न्यायाधीश द्वारा ये तय किये जाने में कि कौन सा बेंच कौन सा मामला सुनेगी, इसमें परेशानी क्यों होती? बात सिर्फ यहीं समाप्त नहीं होती। UPA के दौर में मलाईदार पदों को संभालने वाले दवे, जो कि 2004 से 2008 तक नेशनल लीगल सर्विस कमीशन के सदस्य भी रहे हैं, वो इकलौते नहीं हैं, जिन्हें दिक्कत हो रही है। अंतर्राष्ट्रीय जुडिशल कांफ्रेंस में जब जस्टिस अरुण मिश्रा ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा कर दी थी, दवे ने तभी से भारतीय न्यायपालिका से निष्पक्षता की उम्मीद छोड़ दी थी।

संबंधितपोस्ट

गायकवाड़ स्टेट से दिल्ली तक… PM मोदी ने बताया जब उनके गाँव में पहुँचा चीनी दार्शनिक, बोले – मैं भी हिन्दीभाषी नहीं हूँ

‘हिंदू एक करने निकले थे, टूट गया घर?’: बागेश्वर बाबा से उनके भाई ने तोड़ा रिश्ता या फिर है कुछ और मामला, जानिए पूरा सच

रामगोपाल मिश्रा ने नहीं, उनसे पहले मस्जिद से निकले उपद्रवियों ने फाड़ा था भगवा ध्वज: वीडियो देख लीजिए

और लोड करें

संभल जैसे मामलों में दवे जैसे लोगों का तर्क शुरू ही ‘प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट’ 1991 से होता है। उनके हिसाब से ये संविधान की मूल भावनाओं की रक्षा करने वाला एक कानून है। इस तर्क में ये नहीं बताया गया है कि कानून ऊपर होता है या न्याय? अगर कोई कानून किसी समुदाय को न्याय देने से ही रोक रहा हो, तो उस कानून का क्या किया जाना चाहिए? दवे जोर-शोर से इस एक्ट के सेक्शन 3 की याद दिलाते हुए कहते हैं कि जो धार्मिक स्थल जिस स्थिति में 15 अगस्त 1947 को था, उसी स्थिति में रखा जाए। अपनी सुविधा को याद रखते हुए वो ये बताना भूल जाते हैं कि जो एएसआई द्वारा संरक्षित ईमारतें हैं, वो इसके दायरे से बाहर रखी गयी हैं। अगर अतीत की नाइन्साफियों की वजह से वर्तमान को दण्डित नहीं किया जा सकता तो फिर हिन्दुओं को अतीत में तलवार के जोर पर उनके साथ किये अत्याचार का दंड आज भी क्यों भुगतना पड़े? कानून को संवैधानिक बताते हुए वो ये भी भूल जाते हैं कि इसका खामियाजा केवल बहुसंख्यक समुदाय को झेलना पड़ रहा है जिससे कभी भी बांग्लादेश जैसी विस्फोटक स्थिति बन सकती है।

अप्रैल 2023 में दुष्यंत दवे ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा था। उस समय भी वो लिख रहे थे कि ‘फ्रिंज एलिमेंट्स’ और पुलिस मिलीभगत करके काम करते हैं और अल्पसंख्यक समुदायों को इससे बड़ी दिक्कत हो रही है। इस विषय पर न्यायालय भी मौन हैं ये गंभीर चिंता का विषय है। वो अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री को सितम्बर 2019 में 74वें यूएन जनरल असेंबली में दिए भाषण की याद दिला रहे थे। इसके अलावा वो हिजाब को मुस्लिम लड़कियों का अधिकार बताते हुए मुकदमा लड़ चुके हैं। कर्णाटक में मुहम्मडेन लोगों को ओबीसी कोटे में से आरक्षण मिल सके इसके लिए भी मुकदमा दुष्यंत दवे लड़ रहे थे। कभी-कभी जो पिछड़े-दलित समुदायों के लोग आरक्षण छिन जाने का डर दिखाते हैं, उनके लिए ज्यादा डरावना भाजपा का होना है या उनका आरक्षण खुद को जातिहीन और बराबरी का समाज बताने वाले मुहम्मडेनों को ओबीसी के हिस्से का आरक्षण दिलवाने की कोशिश करने वाले दुष्यंत दवे जैसे लोग, ये कभी न कभी तो तय करना होगा।

Do watch this video with a huge tub of caramel popcorn. Goes really well with fiberal tears.

There is nothing more entertaining than the hand-wringing, whining and spluttering apoplectic impotent rage of fiberal lawyers like Dushyant Dave and sold out journos like Karan Thapar!… pic.twitter.com/xRQqoiCcjK

— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) December 1, 2024

असहिष्णुता का जुमला ही तथाकथित प्रगतिशील गिरोहों ने हिन्दुओं को ‘गिल्ट ट्रिप’ पर भेजने के लिए किया था। उसके लिए 26/11 मुंबई हमलों के तुरंत बाद दिग्विजय सिंह और आतंकियों के लिए रेकी करने वालों की मदद करने वाले के पता महेश भट्ट ने हिन्दुओं को ही इस हमले का दोषी बताते हुए किताबें जारी की थीं। आंसुओं के जरिये ब्लैकमेल करने की कोशिश सिर्फ एक नया तरीका है। जो पहले हो रहा था, वो पुराने तरीके से नहीं हो पा रहा तो दुष्यंत दवे ने आंसुओं को ढाल बनाया है। जनता बस अड़ गयी है कि “पिघलना नहीं है”, और भाई-भतीजा गिरोह की सारी समस्या इसी से है।

स्रोत: दुष्यंत दवे, Dushyant Dave, Cried, रोए, Sambhal, सम्भल, Video, वीडियो
Tags: CriedDushyant DaveVideoदुष्यंत दवेरोएवीडियो
शेयरट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

फैक्ट्री से मिली 11 हिन्दुओं की जली हुई लाशें, लकड़ी के गोदाम से भी निकले 4: संभल का वो दंगा, जिसके बाद हुआ हिन्दुओं का पलायन

अगली पोस्ट

विचारधारा के भंवर में झूलते ओझा सर को ‘AAP’ का सहारा: ‘सेक्स’ की बातों से लादेन की तारीफ तक, जानिए कैसा रहा है उनका सफर

संबंधित पोस्ट

अस्थिरता के साये में बांग्लादेश
राजनीति

हिंसा और अस्थिरता के साये में बांग्लादेश: चुनाव से पहले बढ़ता संकट

23 December 2025

छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की 11 दिसंबर को हुई हत्या के बाद बांग्लादेश में हालात और अधिक बिगड़ गए हैं। हादी का संबंध नेशनल...

23 दिसम्बर  बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द
इतिहास

23 दिसम्बर बलिदान-दिवस: परावर्तन के अग्रदूत — स्वामी श्रद्धानन्द

23 December 2025

भारत में परावर्तन आंदोलन के सबसे प्रभावशाली और निर्भीक अग्रदूत स्वामी श्रद्धानन्द थे। उनका दृढ़ विश्वास था कि भारत में निवास करने वाले मुसलमानों के...

अटल मोदी
राजनीति

आंध्र प्रदेश में भाजपा का विस्तार अभियान: अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा की शुरुआत

23 December 2025

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आंध्र प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करने के उद्देश्य से ‘अटल–मोदी सुपारिपालन यात्रा’ की शुरुआत कर रही है। इस यात्रा...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

Captured Turkish YIHA drone Showed by the Indian Army |Defence News| Operation Sindoor

00:00:58

A War Won From Above: The Air Campaign That Changed South Asia Forever

00:07:37

‘Mad Dog’ The EX CIA Who Took Down Pakistan’s A.Q. Khan Nuclear Mafia Reveals Shocking Details

00:06:59

Dhurandar: When a Film’s Reality Shakes the Left’s Comfortable Myths

00:06:56

Tejas Under Fire — The Truth Behind the Crash, the Propaganda, and the Facts

00:07:45
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited