भारत ने कूटनीति के मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल करते हुए 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के आरोपित मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने की राह तैयार कर ली है। पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को 2009 में शिकागो में एफबीआई ने गिरफ्तार किया था।
ISI का एक्टिव मेंबर है राणा
मुंबई में 2008 में हुए 26/11 आतंकी हमलों से जुड़े पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत भेजे जाने की संभावना बन रही है। अगस्त 2024 में, अमेरिका की अपीलीय अदालत ने यह अहम फैसला सुनाया कि भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत लाया जा सकता है।
इस फैसले के बाद, राणा की उस याचिका को खारिज कर दिया गया, जिसमें उसने अपनी भारत प्रत्यर्पण की याचिका को चुनौती दी थी। अदालत ने यह माना कि भारत ने राणा के खिलाफ पर्याप्त प्रमाण प्रस्तुत किए हैं, जिससे यह साबित होता है कि उसे भारत भेजने का आदेश सही था। यही नहीं रिपोर्ट्स की मानें तो भारतीय जाँच एजेंसियों ने राणा को पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI का एक्टिव मेंबर भी बताया है।
26/11 हमले से पहले की हेडली के साथ की थी रेकी
मुंबई पुलिस ने 26/11 के आतंकी हमले से जुड़ी अपनी चार्जशीट में तहव्वुर राणा का नाम शामिल किया है। आरोपित राणा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सक्रिय सदस्य होने का आरोप है। चार्जशीट में यह भी बताया गया कि राणा ने डेविड कोलमेन हेडली, जो कि हमले का मास्टरमाइंड था, की मदद की। राणा ने मुंबई में हमलों के लिए संभावित ठिकानों की रेकी की और उन स्थानों का खाका तैयार कर पाकिस्तानी आतंकवादियों को सौंपा था।
साल 2008 में, लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में लगभग 60 घंटे तक हंगामा मचाया, इस दौरान 160 से अधिक लोगों की जान चली गई। सुरक्षा बलों ने कार्रवाई करते हुए नौ आतंकवादियों को ढेर कर दिया, लेकिन इस हमले में 26 विदेशी नागरिकों की भी मौत हो गई थी।